आज हम आपको सीरियल किलर देवेंद्र शर्मा की खौफनाक कहानी सुनाने जा रहे हैं! दिखने में वो बेहद सामान्य नजर आता था, लेकिन वो था काल का दूसरा रूप। दिल्ली की सड़कों पर दौड़ती टैक्सी की उसे तलाश होती थी। इसलिए नहीं की को टैक्सी से अपनी मंजिल तक पहुंचे, बल्कि इसलिए क्योंकि वो टैक्सी के अंदर जाकर कत्ल कर सके। मर्डर की अपनी लिस्ट और बढ़ा सके। राजस्थान के इस सीरियल किलर का नाम है देवेन्द्र शर्मा। एक दो नहीं 100 से ज्यादा कत्ल इस सीरियल किलर के नाम पर दर्ज हैं। आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि देवेन्द्र शर्मा पेशे से एक डॉक्टर था। एक ऐसा पेशा मानव सेवा के लिए समर्पित होता, इसने उसे पेशे को ही बदनाम कर दिया। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले देवेन्द्र ने साल 1994 में आयुर्वेदिक डॉक्टर की डिग्री हासिल की। इसके बाद इसने राजस्थान में एक क्लिनिक खोल दिया, लेकिन ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने का फितुर इस डॉक्टर के सिर पर सवार था। इसने एक गैस एजेंसी अपने नाम से ली, लेकिन उस एजेंसी में इसे धोखा मिले। इसके बाद ये क्राइम की दुनिया में कूद गया।
देवेन्द्र शर्मा ने एक फर्जी गैस एजेंसी खोली। इसने एक लूट गैंग भी तैयार किया। इस गैंग का काम होता था सिलेंडर ट्रांसफर कर रहे ट्रक ड्राइवर्स को निशाना बनाना। ये गैंग ट्रक के ड्राइवर को मारकर ट्रक लूट लेते थे। उसी टैक्सी से ड्राइवर की लाश को ढोते और फिर उस लाश को मेरठ की एक नहर में मगरमच्छ के निवाले के लिए डाल देते। इस खतरनाक डॉक्टर ने इस तरह कई टैक्सी ड्राइवर को मौत दे दी और उनकी लाश को मगरमच्छ के सामने परोस दिया।कई सालों तक इस डॉक्टर ने इस तरह से ट्रक ड्राइवर को निशाना बनाया। 24 ड्राइवर्स को ये डॉक्टर और इसका गैंग मौत की नींद सुला चुका था। आए दिन ट्रक ड्राइवर्स की हत्या की खबरें आती थी, इसके बाद इसने ये काम छोड़ दिया, लेकिन ऐसा नहीं है कि इसने क्राइम करना बंद कर दिया।
इसने नया रैकेट शुरू किया और ये रैकेट था किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट। किडनी ट्रांसप्लांट के नाम पर ये 7 लाख रुपये वसूलता था। इस रैकेट के तहत इसने 125 किडनी ट्रांसप्लांट करवाई।.पैसे कमाने के लिए ये कुछ भी करने को तैयार था। जहां इसे पुलिस की सख्ती नजर आती ये काम को छोड़कर जुर्म के दूसरे काम में लग जाता। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में ये अपना रैकेट चला रहा था।
किडनी ट्रांसप्लांट के बाद इसने और भी खौफनाक काम को अंजाम दिया। अब इसके निशाने पर आ चुके थे। दिल्ली में टैक्सी चलाने वाले ड्राइवर। ये और इसके गैंग के लोग ट्यूरिस्ट बनकर टैक्सी बुक करवाते। बता दें कि गैंग ट्रक के ड्राइवर को मारकर ट्रक लूट लेते थे। कई सालों तक इस डॉक्टर ने इस तरह से ट्रक ड्राइवर को निशाना बनाया। 24 ड्राइवर्स को ये डॉक्टर और इसका गैंग मौत की नींद सुला चुका था। आए दिन ट्रक ड्राइवर्स की हत्या की खबरें आती थी, इसके बाद इसने ये काम छोड़ दिया, लेकिन ऐसा नहीं है कि इसने क्राइम करना बंद कर दिया। ड्राइवर इनके पास आता, ये उस टैक्सी में बैठते और टैक्सी निकल पड़ती, लेकिन थोड़ी दूर जाने के बाद ये टैक्सी ड्राइवर का कत्ल कर देते। ये उसी टैक्सी से ड्राइवर की लाश को ढोते और फिर उस लाश को मेरठ की एक नहर में मगरमच्छ के निवाले के लिए डाल देते। इस खतरनाक डॉक्टर ने इस तरह कई टैक्सी ड्राइवर को मौत दे दी और उनकी लाश को मगरमच्छ के सामने परोस दिया।
कई सालों तक ये ऐसे ही दरिंदगी करता रहा। साल 2004 में आखिरकार ये शख्स गिरफ्तार हुआ। इसने कबूल किए कि 100 से ज्यादा कत्ल कर चुका है। इसे उम्र कैद की सजा मिली और राजस्थान की जेल में 16 साल तक बंद रहा। साल 2020 में ये पैरोल पर बाहर आया, लेकिन फिर वापस जेल नहीं गया। ये सीरियल किलर फरार हो चुका थागैंग ट्रक के ड्राइवर को मारकर ट्रक लूट लेते थे। कई सालों तक इस डॉक्टर ने इस तरह से ट्रक ड्राइवर को निशाना बनाया। 24 ड्राइवर्स को ये डॉक्टर और इसका गैंग मौत की नींद सुला चुका था। आए दिन ट्रक ड्राइवर्स की हत्या की खबरें आती थी, इसके बाद इसने ये काम छोड़ दिया, लेकिन ऐसा नहीं है कि इसने क्राइम करना बंद कर दिया। फरार होने के बाद इसने दिल्ली में ही शादी भी कर ली और छुपकर रहने लगा, लेकिन थोड़े समय बाद पुलिस ने इस तलाश कर लिया। अब ये खतरनाक सीरियल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है।