आज हम आपको लाखन लोहार के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके फैन खुद पीएम मोदी बन चुके हैं! नई दिल्ली में विश्वकर्मा जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गजनेर गांव के लाखन लोहार को सम्मानित किया। पीएम ने उनसे काम के बावत जानकारी ली। साथ ही पारंपारिक काम को लगातार जारी रखने पर बधाई दी। कहा कि ऐसे लोग ही देश की संस्कृति को संजोए हैं। पीएम ने काम को आगे बढ़ाने के लिए सुझाव दिए। गजनेर के रहने वाले लाखन लोहार घर में ही लकड़ी की कारीगिरी का काम करके परिवार का जीवकोपार्जन कर रहे हैं। उनके साथ काम में बेटे शुभभ और पिंटू भी हाथ बंटाते हैं। लाखन ने बताया कि करीब डेढ़ महीने पहले सांसद व केंद्रीय लघु उद्योग मंत्री भानु प्रताप वर्मा के प्रतिनिधि श्याम सिंह सिसौदिया ने विश्वकर्मा योजना के तहत आवेदन कराया था। शुक्रवार को अचानक लाखन को सूचना दी गई कि विश्वकर्मा जयंती पर उसे दिल्ली बुलाया गया है। वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सम्मानित करेंगे। इस पर लाखन व उनके परिवार का खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
पीएमओ से लाखन के चयन की सूचना आने के बाद एमएसएमई विभाग ने उसे दिल्ली भेजने की व्यवस्था की। एमएसएमई मंत्रालय के सहायक निदेशक सुनील अग्रिहोत्री ने बताया कि योजना में आनलाइन रजिस्ट्रेशन होता है। पांच से सात दिन की ट्रेनिंग के बाद 15 हजार रुपये उपकरण खरीदने को मिलते हैं। बता दें कि अब खेती ट्रैक्टर से होती है तो लकड़ी के उपकरणों का इस्तेमाल बहुत कम हो गया है। फिर पारंपारिक काम है जिसे छोडऩा नहीं चाहते हैं। लाखन ने बताया कि प्रधानमंत्री ने विश्वकर्मा योजना की मदद से इस काम को आगे बढ़ाने के लिए कहा है। अगर काम बढ़ाने के लिए कोई लोन लेना चाहता है तो एक लाख रुपये तक का लोन पांच प्रतिशत सालाना ब्याज दर पर मिलता है। इसी योजना के तहत चयनित होने पर लाखन को प्रधानमंत्री से मिलने का मौका मिला।
लाखन ने बताया कि गांव में लकड़ी का काम करके मुश्किल से दो वक्त की रोटी का जुगाड़ हो पा रहा है। इसी में पूरा वक्त बीत जाता है। कभी प्रधानमंत्री से मुलाकात के बारे में सपना भी नहीं देखा। उनका कहना है ये मौका मिलना उनके लिए बड़े सौभाग्य की बात है। बताया कि वह लोन लेकर काम को आगे बढ़ाना चाहते थे इसी मंशा के तहत विश्वकर्मा योजना के तहत लोन के लिए आवेदन किया था। जालौन गरौठा के सांसद भानु प्रताप वर्मा ने लाखन को प्रधानमंत्री से सम्मानित कराने के लिए प्रयास किया था। इससे पीएमओ की तरफ से लाखन का नाम चयनित हो गया।
तब लकड़ी के हल, माची समेत तमाम उपकरण नए बनाने के साथ पुराने की मरम्मत करके ठीकठाक आमदनी हो जाती थी। अब खेती ट्रैक्टर से होती है तो लकड़ी के उपकरणों का इस्तेमाल बहुत कम हो गया है। फिर पारंपारिक काम है जिसे छोडऩा नहीं चाहते हैं। लाखन ने बताया कि प्रधानमंत्री ने विश्वकर्मा योजना की मदद से इस काम को आगे बढ़ाने के लिए कहा है।
लकड़ी के खिलौने, तखत, चारपाई आदि बनाकर आमदनी बढ़ाने का नया तरीका सीखा। बता दें कि कभी प्रधानमंत्री से मुलाकात के बारे में सपना भी नहीं देखा। उनका कहना है ये मौका मिलना उनके लिए बड़े सौभाग्य की बात है। बताया कि वह लोन लेकर काम को आगे बढ़ाना चाहते थे इसी मंशा के तहत विश्वकर्मा योजना के तहत लोन के लिए आवेदन किया था। जालौन गरौठा के सांसद भानु प्रताप वर्मा ने लाखन को प्रधानमंत्री से सम्मानित कराने के लिए प्रयास किया था।फिर पारंपारिक काम है जिसे छोडऩा नहीं चाहते हैं। लाखन ने बताया कि प्रधानमंत्री ने विश्वकर्मा योजना की मदद से इस काम को आगे बढ़ाने के लिए कहा है। इससे पीएमओ की तरफ से लाखन का नाम चयनित हो गया। लाखन ने बताया कि गजनेर में बाजार लगती है।फिर पारंपारिक काम है जिसे छोडऩा नहीं चाहते हैं। लाखन ने बताया कि प्रधानमंत्री ने विश्वकर्मा योजना की मदद से इस काम को आगे बढ़ाने के लिए कहा है। इससे लकड़ी की वस्तुएं तैयार करके बाजार में बिक्री के लिए रखते हैं। जिनकी बिक्री से दो वक्त की रोटी का इंतजाम हो जाता है।पीएम ने काम को आगे बढ़ाने के लिए सुझाव दिए। गजनेर के रहने वाले लाखन लोहार घर में ही लकड़ी की कारीगिरी का काम करके परिवार का जीवकोपार्जन कर रहे हैं। उनके साथ काम में बेटे शुभभ और पिंटू भी हाथ बंटाते हैं। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा योजना में चयन के बाद लोन मिलने पर वह काम को और अच्छे तरीके से करेंगे। इसे ही आगे बढ़ाएंगें।