खालिस्तानी आतंकी की मौत पर अब विवाद बढ़ सकता है! कनाडा, खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की मौत पर बवाल काटने के मूड में दिख रहा है। कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक से भारत की शिकायत की है। साथ ही, कनाडा ने पांच देशों की इंटेलिजेंस एजेंसियों के संघ फाइव आइज के सामने भी भारत पर आरोप लगाया है। कनाडा का आरोप है कि निज्जर की हत्या में भारत का हाथ है। हरदीप निज्जर कनाडाई नागरिक था। अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा की ग्रुपिंग, फाइव आइज इंटेलिजेंस एलायंस ने इस आरोप को गंभीर बताया है। हालांकि, एलायंस ने कनाडा के इस अनुरोध को खारिज कर दिया है कि वह हत्या की संयुक्त रूप से निंदा करे। अमेरिका ने कहा है कि वह कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत की भूमिका के बारे में किए गए दावे से चिंतित है। उसने कहा कि हत्या के दोषियों को सजा दिलाना महत्वपूर्ण है। वहीं, ब्रिटेन ने भी आरोपों को गंभीर बताया है। ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रालय ने एक कदम आगे बढ़ते हुए कहा है कि उसने इस घटनाक्रम पर भारत के साथ ‘उच्च स्तर’ पर अपनी चिंता व्यक्त की है।
हालांकि, वॉशिंगटन पोस्ट ने एक पश्चिमी सूत्र के हवाले से कहा है कि अमेरिका के नेतृत्व में फाइव आइज ने संयुक्त बयान में निज्जर की हत्या की सार्वजनिक रूप से निंदा करने से इनकार कर दिया है। इससे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को अपने आरोपों की घोषणा अकेले ही करनी पड़ी। हालांकि, उन्होंने जी20 शिखर सम्मेलन से पहले निजी तौर पर यह मुद्दा उठाया था। ट्रूडो ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ भी इस मुद्दे को उठाया था। फ्रांस के कनाडा के साथ घनिष्ठ संबंध हैं और वह भारत के लिए भी एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भागीदार है।
सरकारी सूत्रों ने कहा है कि भारत के अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस के साथ घनिष्ठ सुरक्षा और खुफिया सहयोग हैं। भारतीय अधिकारियों ने इन देशों के अपने समकक्षों के साथ बैठकों में भारत के खिलाफ अलगाववादी और हिंसक गतिविधियों को बढ़ावा देने में निज्जर और अन्य खालिस्तानी आतंकियों की भूमिका को बार-बार उजागर किया है। खालिस्तानियों ने कनाडा में भारतीय मिशनों और राजनयिकों को निशाना बनाने के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में भी भारतीय हितों को नुकसान पहुंचाया है। इन देशों में वो एक स्वतंत्र राज्य के निर्माण के लिए खालिस्तान जनमत संग्रह आयोजित करना चाहते हैं।
ट्रूडो ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक को निज्जर से संबंधित घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी। यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि क्या कनाडा ने अपने फाइव आइज पार्टनर्स के साथ भारत की संलिप्तता के बारे में अपनी कथित विश्वसनीय खुफिया जानकारी या सबूत साझा किए हैं, जिनका दावा उसने किया है। मेलबर्न में एक मीडिया कार्यक्रम में इस मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी एल्बानीज ने कहा, ‘मैं किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में फाइव आइज इंटेलिजेंस के बारे में बात नहीं करता… हम गुप्त बातों पर अटकलें नहीं लगाते।’ एक आधिकारिक बयान में, ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि वह ट्रूडो के आरोपों से चिंतित है और सभी देशों से कानून के शासन और संप्रभुता का सम्मान करने का आह्वान करता है।
ट्रूडो ने सोमवार को भारत से मजबूत शब्दों में इस मामले की तह तक जाने के लिए कनाडा के साथ सहयोग करने का आग्रह किया था। व्हाइट हाउस नैशनल सिक्यरिटी काउंसिल की प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा कि कनाडा की जांच आगे बढ़ना और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाना महत्वपूर्ण है। वॉटसन ने कहा, ‘हम प्रधान मंत्री ट्रूडो के आरोपों से चिंतित हैं। हम अपने कनाडाई पार्टनर्स के साथ नियमित संपर्क में हैं।’
कनाडा ने सोमवार को निज्जर की हत्या में कथित संलिप्तता के लिए भारत के एक वरिष्ठ राजनयिक पवन कुमार राय को निष्कासित कर दिया था। इससे पहले वर्ष 2014 में अमेरिका ने भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े को जाने का निर्देश दिया था, लेकिन उसका मामला बिल्कुल अलग था। बहरहाल, ट्रूडो ने कनाडाई संसद में कहा था कि कनाडा की धरती पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या में किसी विदेशी सरकार का शामिल होना कनाडा की संप्रभुता का एक उल्लंघन है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह कथित हत्या उस मौलिक व्यवस्था के विपरीत है जिसके तहत स्वतंत्र, खुले और लोकतांत्रिक समाज व्यवहार करते हैं। कनाडा के विपक्ष और कंजर्वेटिव नेता पियरे पोइलिएवर ने भी भारत सरकार से इस हत्या की जांच कर रहे अधिकारियों के साथ पूरी पारदर्शिता से काम करने का आह्वान किया और कहा कि सच्चाई सामने आनी चाहिए।