सांसद दानिश अली अब बीजेपी के धुर विरोधी हो गए हैं! उत्तर प्रदेश के अमरोहा से बहुजन समाज पार्टी सांसद कुंवर दानिश अली फिर चर्चा में आ गए हैं। उनकी चर्चा भाषण नहीं, बल्कि व्यक्तिगत हमले झेलने के कारण हो रही है। भारतीय जनता पार्टी के सांसद रमेश बिधूड़ी ने कुंवर दानिश अली पर संसद भवन में व्यक्तिगत टिप्पणी की। अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया। विपक्ष इसे गाली- गलौच तक कह रहा है। वहीं, बीजेपी एमपी बिधूड़ी के बयान के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद भवन में ही इस पर खेद जताया था। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी रमेश बिधूड़ी को कड़ी चेतावनी दी है। वहीं, भाजपा ने अपने सांसद को नोटिस जारी किया है। दूसरी तरफ, दानिश अली इस मामले को लेकर भाजपा पर हमलावर हैं। विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. का साथ लेते दिख रहे हैं। हालांकि उन्हें अपनी पार्टी मायावती का भी समर्थन मिला है, लेकिन जिस कड़े लहजे की उम्मीद वह कर रहे थे, शायद मायावती का लहजा वह नहीं दिखा। दानिश अली कांड में बहुजन समाज पार्टी से अधिक हमलावर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी गठबंधन दिख रहा है। लगातार प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। अमरोहा में रेलवे के कार्यक्रम के दौरान सांसद कुंवर दानिश अली खासी चर्चा में आए थे। तब वह भाजपा के विधान पार्षद से भिड़ गए थे। भाजपा एमएलसी की ओर से कार्यक्रम में ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाया जा रहा था। इसका दानिश अली ने विरोध किया तो भाजपा समर्थक उनके सामने ही हंगामा करने लगे। उनके खिलाफ लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी। इस घटना के बाद कुंवर दानिश अली ने बिहार की राजधानी पटना में जदयू नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। इसे उनकी विपक्षी गठबंधन में एंट्री की कोशिशों के तौर पर देखा गया। अब वे राहुल गांधी समेत अन्य नेताओं से मिल रहे हैं। संसद की घटना ने दानिश अली के लिए विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. में उनकी राह आसान कर दी है। भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी का बयान उनकी राजनीति के लिए काफी अहम माना जा रहा है।
अमरोहा से पार्टी सांसद के खिलाफ सदन में दिए गए बयान पर बसपा सु्प्रीमो मायावती का बड़ा ही संतुलित बयान सामने आया है। मायावती ने ट्वीट के जरिए दिए गए बयान में कहा है कि दिल्ली से भाजपा सांसद की ओर से बीएसपी सांसद दानिश अली के खिलाफ सदन में आपत्तिजनक टिप्पणी को हालांकि स्पीकर ने रिकार्ड से हटाकर उन्हें चेतावनी भी दी है। वरिष्ठ मंत्री ने सदन में माफी मांगी। लेकिन, पार्टी की ओर से उनके विरुद्ध अभी तक समुचित कार्रवाई नहीं करना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। मायावती के इस बयान को अलग ही राजनीतिक नजरिए से देखा जा रहा है। दरअसल, लोकसभा चुनाव 2019 से पहले जेडीएस से बसपा में आए दानिश अली को मायावती ने अमरोहा से उतारा था। सपा-बसपा गठबंधन ने दानिश की राह आसान कर दी।
2024 के लोकसभा चुनाव में दानिश की मुश्किलें बढ़ी हुई दिख रही हैं। बसपा और सपा के बीच गठबंधन टूट चुका है। सपा-बसपा के अलग-अलग लड़ने की स्थिति में अमरोहा सीट वर्ष 2014 में भाजपा के पाले में गई थी। एक बार फिर उस प्रकार की स्थिति न बने, इसके लिए दानिश I.N.D.I.A. के साथ होने की कोशिश करते दिखते हैं। संसद में हुए कांड ने उन्हें अब I.N.D.I.A. में अपनी स्थिति बेहतर करने का मौका दे दिया है। ऐसे में वे अब आंसुओं के जरिए अपनी राजनीति को अलग लेवल तक ले जाने का प्रयास करते दिख रहे हैं।
लोकसभा में गुरुवार 21 सितंबर को चंद्रयान पर चर्चा के दौरान दिल्ली से भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने यूपी के अमरोहा से बसपा सांसद कुंवर दानिश अली के साथ अभद्र आचरण किया। भाजपा सांसद बीएसपी सांसद दानिश अली को आपत्तिनजक शब्द कहते हुए संबोधित किया। इस पर लोकसभा में हंगामा शुरू हो गया। सदन की कार्यवाही से बिधूड़ी के अपशब्दों को हटा दिया गया है। लेकिन, बिधूड़ी के इस दुर्व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस पूरे मामले पर बीएसपी सांसद कुंवर दानिश अली कह रहे हैं कि अगर बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो वह भारी मन से संसद छोड़ सकते हैं। इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उनसे मुलाकात की।
दानिश अली ने राहुल गांधी से मुलाकात पर कहा कि राहुल जी मेरा हौसला बुलंद करने आए थे। उन्होंने कहा कि खुद को अकेला मत समझिए। इस देश का हर व्यक्ति जो लोकतंत्र में विश्वास रखता है, वह आपके साथ है। उन्होंने कहा कि जब मेरे साथ ऐसा हो सकता है, तो आम आदमी का क्या होगा? रोते हुए दानिश अली ने कहा कि मैं पूरी रात सो नहीं सका, क्योंकि मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरा दिमाग ‘फटने’ वाला है.क्या संसद का यह विशेष सत्र निर्वाचित सांसदों को उनके समुदाय से जोड़कर उन पर हमला करने के लिए बुलाया गया था? इस मामले ने पूरे देश को शर्मसार किया है। भाजपा इस मामले में क्या ऐक्शन लेती है, देखेंगे। उन्होंने कहा कि यह नफरती भाषण था।
मायावती ने इस मुद्दे पर भले ही सधी हुई प्रतिक्रिया दी हो, I.N.D.I.A. के सदस्यों को भाजपा को घेरने का एक मुद्दा मिला है। इस पर हमले शुरू हो गए हैं। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस सांसद और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि रमेश बिधूरी की टिप्पणी से साबित होता है कि भाजपा नफरत की राजनीति करती है। वहीं, कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि मैं और पूरी कांग्रेस पार्टी इस घटना में बीएसपी सांसद दानिश अली के साथ हैं। इस घटना के बाद प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी मुझे समझ नहीं आ रही। भाजपा के सासंद रमेश बिधूड़ी असंसदीय शब्द नहीं बोल रहे थे, बल्कि गाली-गलौज कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत का संसदीय इतिहास कलंकित हुआ है और इस पर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।
रमेश बिधूरी की टिप्पणी पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने जर्मनी के तानाशाही शासन तक को याद किया। उन्होंने कहा कि जब जर्मनी में राष्ट्रीय समाजवादी सत्ता में थे। तब वे एक बात किया करते थे कि हम एक परफेक्ट जर्मन मैन बनाएंगे। ऐसा लगता है कि रमेश बिधूड़ी के रूप में बीजेपी ने एक परफेक्ट बीजेपी मैन बना दिया है।
रमेश बिधूरी के असंसदीय भाषा के प्रयोग और विवादित टिप्पणी किए जाने के मामले में जमीयत उलेमा ए हिंद भी सामने आया है। जमीयत अध्यक्ष अरशद मदनी ने इस घटना का जिक्र करते हुए एनडीए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि संसद में मुस्लिम सांसद के लिए असंसदीय भाषा का प्रयोग हुआ। संसद में खुलेआम आतंकवादी कहा गया, बाहर देख लेने की धमकी दी गई। मुसलमान के निर्वाचित प्रतिनिधि सुरक्षित नहीं हैं। अरशद मदनी ने कहा कि नए भारत की यह तस्वीर बहुत घातक है। उन्होंने कहा कि स्पीकर की नैतिक जिम्मेदारी है, वे कार्रवाई का आदेश दें।