हाल ही में शाहरुख खान ने अपने बेटे को लेकर एक बयान दिया है! शाहरुख खान की फिल्म ग्यारह सौ का आंकड़ा पर कर चुकी है। भाग्यशाली कॉन्टेस्ट विनर को यह मौका मिला। इस अवसर पर किंग खान ने रीडर्स के साथ न केवल बातें की, गले मिले, फोटोज खिंचवाए बल्कि डांस भी किया। शाहरुख ने अपने फैंस और एनबीटी रीडर्स का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, ‘मैं मानता हूं कि सबसे ज्यादा दुआएं दोस्त और फैंस की लगती हैं और लोगों की लगाती हैं। उससे ही फिल्म एक खास तरह के आंकड़ों तक पहुंचती है। मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि इस साल मेरी दो ऐसी फ़िल्में रहीं, जिमें हमने बहुत मेहनत की और वो मेहनत रंग लाई।’
इस मौके पर एसआरके काफी गदगद नजर आए। उनका कहना था, ‘मुझे पता है मैं लेट होऊंगा, तो आप मुझे माफ करेंगे और प्यार करेंगे। मेरे लिए सबसे ज्यादा अहम यही है कि मुझे आज आपसे मिल सकूं, तस्वीरें खिंचा सकूं। मुझे बहुत एक्साइटमेंट होती है। जैसा मैंने कहा, 32 साल से मैं ये कर रहा हूं। मुझे फिल्म के सेट पर जाने पर बहुत खुशी होती है और मैं कोशिश करता हूं कि मैं अपने काम से आपको भी वो खुशी दे सकूं। अब जब मेरा काम पसंद किया गया है, तो मुझे सेट पर जाने पर और खुशी होगी। मैं आप सभी का दिल से शुक्रिया कहना चाहूंगा।’
फिल्म के ब्लॉकबस्टर रिस्पॉन्स पर उनका कहना था, ‘लोगों को फिल्म पसंद आती है, तो बिजनेस की कोई लिमिट नहीं रह जाती। कोविड के बाद लोग कम्युनिटी में फिल्म देखना और खाना-पीना पसंद करने लगे हैं। चूंकि हम इतने साल घरों में बंद रहे, करने को कुछ नहीं था। हम लोग ऑनलाइन फिल्में देखते रहे, मगर अंततः हम लोग सामाजिक प्राणी हैं, हमको अच्छा लगता है कि हम साथ में रहें। किसी पूजा, किसी दिवाली या ईद पर हम साथ रहना चाहते हैं। जितनी भी रिलीजियस एक्टिविटी होती हैं, उसमें हमारा मक़सद ऊपरवाके को याद करना तो होता है, साथ ही हम उन्हें एक साथ मिलकर मनाना चाहते हैं। मैं ये नहीं कह रहा कि सिनेमा भी वही है, मगर मुझे लगता है कि एक साथ एकत्रित होने की भावना सिनेमा में है। खुशकिस्मती से वो पठान में हुआ। मैं समझता हूं लोग फिल्म से ज्यादा मुझे प्यार दिखाने आए। जवान में मैंने कोशिश की वो प्यार लौटा सकूं। निर्माता के रूप में हम रेड चिलीज फिल्म बनाते समय नंबर पर गौर नहीं करते। हम अच्छी फिल्म बनाना चाहते हैं। अब जैसे मेरा गंजा वाला गेटअप हो या मेरा ओल्डर वर्जन हर गेटअप में 4-5 घंटे लगते थे। मगर हमने कभी ये नहीं सोचा कि वक्त ज्यादा लग रहा है। ये महंगा होगा, असल में अगर मैं लोगों को इतनी तादाद में एकसाथ एक फिल्म देख कर खुश होने के लिए प्रेरित करता हूं, तो वो मेरे लिए 600, 700 करोड़ से भी ज्यादा है।
उनसे जब पूछा गया, आपने बॉक्स ऑफिस पर ग्यारह सौ करोड़ पार कर लिए और एक बेंचमार्क स्थापित किया, इस पर एसआरके अपने चिर-परिचित विटी अंदाज में बोले, ‘अब मैं कुछ कहूंगा, तो लोग बोलेंगे, इसकी एक पिक्चर क्या चल गई, अब कैसे बोल रहा है। जीरो के टाइम कैसे चुप बैठा था। मुझे अच्छा नहीं लगता बोलते हुए। मगर अब जो सच है, वो सच है।’ इस मौके पर किंग खान ने न केवल अपनी फिल्म के सुपरहिट डायलॉग बोले बल्कि फिल्म का सुपरहिट सिग्नेचर स्टेप्स ‘बेकरार करके हमें यों न जाइये’ भी करके दिखाया। शाहरुख का कहना था, ‘आम तौर पर जब कोई डॉक्टर या इंजीनियर किसी पब्लिक प्लेस या इवेंट पर जाता है, तो उससे ये नहीं कहा जाता कि डॉक्टर साहब एक सर्जरी करके दिखाओ न या फिर इंजीनियर सर एक ब्रिज बना दो यार यहां, मगर जब एक आर्टिस्ट आस -पास होता है, तो लोग उसे परफॉर्म किए बगैर जाने नहीं देते। इसलिए मैं आप लोगों के सामने एक डायलॉग बोल कर बताता हूं।’ उनसे जब बेटे को हाथ लगाने से पहले बाप से बात कर’ की फरमाइश हुई तो शाहरुख ने कहा, ‘इस डायलॉग को थोड़ा बदलना होगा। असल में मेरी ये फिल्म किसी के खिलाफ नहीं है। फिल्म में जो कुछ भी दिखाया गया है, वो हम आम तौर पर घर पर या दोस्तों के साथ भी बात करते हैं। मेरा मानना है कि फिल्म जिंदगी नहीं बदलती बल्कि जिंदगी को रिफ्लेक्ट करती है, सिवाय मेरे, जब फिल्म हिट होती है, तो मुझे बहुत बड़ा स्टार बनाती है। बाप और बेटे वाले डायलॉग को बोलते हुए मुझसे थोड़ी गलती हो गई। उस वक्त वो कहानी के हिसाब से सही था, मगर अब वो कुछ अलग होना चाहिए। उसे अब सही कर देता हूं। मेरी पूरी फिल्म वुमन एम्पावरमेंट पर है। दीपिका, नयनतारा और पांच लड़कियों का कमाल का रोल है, और तो और मां की भूमिका भी दमदार है, तो डायलॉग होगा, ‘बेटी की तरफ आंख उठाने से पहले बाप से बात कर।’
महिला सशक्तिकरण पर बात करते हुए शाहरुख बोले, ‘असल जिंदगी में मैं थोड़ा धीर-गंभीर हूं, क्योंकि मेरे घर में बच्चे हैं। आप सभी के घर में भी बच्चे होंगे, छोटी बहन होगी, तो बहुत जरूरी है कि जब हम महिलाओं की बात करें, तो हमें लड़कों को एजुकेट करना होगा कि वे औरतों का ध्यान रखें। फिल्मों में भी मेरी कोशिश यही रहती है कि मैं महिलाओं को कहीं भी कमतर न दर्शाऊं। पिछले 32 सालों में मेरी यही कोशिश रही है कि हीरोइनें पर्दे पर न केवल खूबसूरत लगें, बल्कि अपनी प्रतिभा भी दर्शा सकें और एक सम्मानित तरीके से पेश हों। हां, मैं मानता हूं कि मेरी फिल्मों में गाना-बजाना सब होता है, मगर मैंने महिलाओं की गरिमा को हमेशा बनाए रखा है। मैं यहां मौजूद सभी से कहना चाहूंगा कि हमें खुद से वादा करना होगा कि हम महिलाओं को प्रेम करें और उनके साथ सम्मानित और गरिमापूर्ण ढंग से पेशा आएं।