आज हम आपको बतायेंगे की आखिर दिल्ली में चैन स्नैचिंग कैसे की जाती है! चेन और मोबाइल स्नैचिंग की घटनाओं से पूरी दिल्ली वाले परेशान हैं, बाहर निकले तो चेन स्नैचर कभी हमला कर सकते हैं और छीन सकते हैं मोबाइल चेन या फिर कोई भी कीमती सामान। ऐसे लूट की वारदात कुछ सालों में काफी ज्यादा बढी है इसकी वजह है वो ट्रेनिंग कैंप जहां तैयार किए जा रहे हैं ऐसे लुटेरे। आप कह सकते हैं कि लूट-पाट के लिए बकायादा पाठशालाएं हैं, जहां थ्योरिटिकल से लेकर प्रैक्टिकल सब कुछ शामिल है। आज हम आपको दिल्ली की उन गलियों में लेकर चलेंगे जहां युवाओं को चेन स्नैचिंग की ट्रेनिंग दी जाती है। सबसे पहले जान लीजिए वो चार चरण जिनमें ये ट्रेनिंग पूरी होती है। इन दिनों युवा लड़कों ने चेन स्नैचिंग को अपना धंधा बना लिया है और यही लड़के लेते हैं चेन स्नैचिंग की ट्रेनिंग। यूट्यूब पर बाकायाद ऐसे वीडियो आपको मिल जाएंगे जो इन लड़कों को दिखाए जाते हैं। इन वीडियो में ये बताया जाता है कि सुरक्षित तरीके से से कैसे आम लोगों को निशाना बनाकर उनका कीमती सामान लूटा जाए। ये नए स्नैचर की ट्रेनिंग का एक हिस्सा होता है।
जो लड़के चेन स्नैचिंग के धंधे से जुड़ना चाहते हैं उनको दूसरे स्टेप पर रोल प्ले का काम दिया जाता है। ये रोल प्ले में एक शख्स पुलिसवाला बनता है जबकि दूसरा चोर। ये दिल्ली के भीड़-भाड़ वाली गलियों और बाजारों को चुनते हैं। जो चोर बना होता है वो अपनी बाइक में सवार होकर तेजी से लोगों के बीच से निकलता है जबकि पुलिसवाला उसका पीछा करता है। इस तरह से ये खुद को ट्रेन करते हैं।
तीसरा स्टेप होता है आइसक्रीम छीनना। जो लड़के थोड़ा एक्सपर्ट हो जाते हैं उन्हें ये तीसरा स्टेप करना होता है। इस स्टेप में उन्हें चेन स्नैचिंग की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जाती है, लेकिन यहां चेन की जगह आइसक्रीम की स्टिक होती है।जब पुलिस इन्हें पकड़ती है तो एक एक सेकेंड इनके लिए जरूरी हो जाता है। ये आमतौर पर चोरी की बाइक का इस्तेमाल करते हैं और फेक नंबर प्लेट लगाते हैं। ये बात लड़कों ट्रेनिंग के दौरान बता दी जाती है। कुछ बाइक डीलर्स से ये संपर्क में रहते हैं। ये आमतौर पर बजाज पल्सर, टीवीएस अपाचे, यामाहा R15 और केटीएम जैसी बाइक इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। लड़कों को जाता है कि बाइक में सवार होकर लोगों के हाथों से स्टिक वाली आइसक्रीम को छीने। ये लोगों की आइसक्रीम छीनकर फरार होते हैं। इससे इनकी प्रेक्टिस तो होती ही है और अगर कभी पुलिस वाले इन्हें पकड़ भी लें तो आइसक्रीम चुराने को ये एक प्रैंक बना देते हैं और इन्हें जेल नहीं होती।
इस ट्रेनिंग का सबसे आखिरी हिस्सा होता है पार्टनर की तलाशी। दरअसल ये चेन स्नैचर अक्सर दो लोग मिलकर ये काम करते हैं। इनमें से एक बाइक चलाने में एक्सपर्ट होता है, जबकि दूसरा चेन या फिर मोबाइल छीनने में। इस तरह से मिलकर ये एक पार्टनरशिप करते हैं और फिर तैयार हो जाते हैं लोगों को निशाना बनाने के लिए। इनके काम में बाइक का भी सबसे अहम योगदान होता है। चेन स्नैचिंग के लिए सही बाइक का चुनाव करना भी इस ट्रेनिंग का हिस्सा होता है। इनके लिए स्पीड काफी मैटर करती है। जब पुलिस इन्हें पकड़ती है तो एक एक सेकेंड इनके लिए जरूरी हो जाता है। ये आमतौर पर चोरी की बाइक का इस्तेमाल करते हैं और फेक नंबर प्लेट लगाते हैं। ये बात लड़कों ट्रेनिंग के दौरान बता दी जाती है। कुछ बाइक डीलर्स से ये संपर्क में रहते हैं। ये आमतौर पर बजाज पल्सर, टीवीएस अपाचे, यामाहा R15 और केटीएम जैसी बाइक इस्तेमाल करना पसंद करते हैं।
आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि इस साल अब तक दिल्ली में 5108 चेन स्नैचिंग के मामले दर्ज हो चुके हैं। साल 2022 में 8387 केस दर्ज हुए थे। चेन स्नैचिंग की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जाती है, लेकिन यहां चेन की जगह आइसक्रीम की स्टिक होती है। लड़कों को जाता है कि बाइक में सवार होकर लोगों के हाथों से स्टिक वाली आइसक्रीम को छीने। ये लोगों की आइसक्रीम छीनकर फरार होते हैं। इससे इनकी प्रेक्टिस तो होती ही है और अगर कभी पुलिस वाले इन्हें पकड़ भी लें तो आइसक्रीम चुराने को ये एक प्रैंक बना देते हैं और इन्हें जेल नहीं होती।इस तरह से लूटपाट करने वालों में कपल्स भी शामिल हैं। पति-पत्नी मिलकर लूट की वारदातों को अंजाम देते हैं। पति बाइक चलाता है जबकि पत्नी पीछे बाइक में बैठकर