Sunday, February 9, 2025
HomeIndian Newsक्या अखिलेश यादव है कॉंग्रेस से नाराज?

क्या अखिलेश यादव है कॉंग्रेस से नाराज?

वर्तमान में अखिलेश यादव कॉंग्रेस से नाराज नजर आ रहे हैं! लोकसभा चुनाव के लिए बनाया गया विपक्षी दलों का ‘इंडिया’ गठबंधन अब दरकने लगा है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव एमपी चुनाव में सपा को तवज्जो नहीं मिलने से कांग्रेस से नाराज हो गए हैं। अखिलेश ने कांग्रेस को धोखेबाज बताया और टूक कहा कि कांग्रेस अपने चिरकुट नेताओं से सपा के लिए बयानबाजी न करवाए। अखिलेश ने कहा कि अगर उन्हें पता होता इंडिया गठबंधन विधानसभा स्तर पर नहीं है तो वह कांग्रेस से कभी बात ही नहीं करते। आखिर सपा मुखिया अखिलेश यादव देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस से क्यों नाराज हैं? समाजवादी पार्टी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से अब तक एक भी सीट नहीं देने से नाराज है। एसपी ने 31 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इसमें बुंदेलखंड क्षेत्र भी शामिल है। 2018 के एमपी चुनाव में सपा ने बुंदेलखंड क्षेत्र में आने वाली बिजावर सीट पर जीत दर्ज की थी। जबकि पांच पर दूसरे स्थान पर रही थी। इसी आधार पर अखिलेश यादव अपनी पार्टी के लिए 6 सीटें मांग रहे थे।सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को संकेत दिया कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को उनकी पार्टी से वही सलूक किया जा सकता है, जैसा एमपी में उनके साथ किया गया है। अखिलेश यादव ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को अपने ‘छोटे नेताओं’ को उनकी पार्टी सपा पर टिप्पणी करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।

अखिलेश यादव ने कहा कि कांग्रेस के प्रति उनकी प्रतिक्रिया अलग होती अगर उन्हें पता होता कि भारत गठबंधन राष्ट्रीय स्तर तक ही सीमित है। उन्होंने व्यंग्यात्मक टिप्पणी में मीडिया से कहा, ‘मैं भ्रमित हो गया होगा।’ उन्होंने कहा, ‘अगर मुझे पहले दिन पता होता कि विधानसभा स्तर पर कोई गठबंधन नहीं है तो हमारी पार्टी के नेता बैठकों में नहीं जाते, हमने उन्हें सूची नहीं दी होती उन सीटों की जिन पर सपा मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ना चाहती थी, न ही हमने उनका फोन उठाया होता।’

अखिलेश यादव ने ‘इंडिया’ गठबंधन के चलते कांग्रेस से सपा के लिए 6 सीटें छोड़ने के लिए कहा था। अखिले का दावा है कि कांग्रेस ने उनकी मांग पर कोई ध्या नहीं दिया और एक भी सीट सपा के लिए नहीं छोड़ी। दरअसल 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए 17 नवंबर को चुनाव होना है। एसपी ने 31 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इसमें बुंदेलखंड क्षेत्र भी शामिल है। 2018 के एमपी चुनाव में सपा ने बुंदेलखंड क्षेत्र में आने वाली बिजावर सीट पर जीत दर्ज की थी। जबकि पांच पर दूसरे स्थान पर रही थी। इसी आधार पर अखिलेश यादव अपनी पार्टी के लिए 6 सीटें मांग रहे थे।

अखिलेश यादव ने कहा कि अगर गठबंधन सिर्फ संसदीय चुनाव के लिए है, तो उनकी पार्टी इसे स्वीकार करेगी। फिर 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए उत्तर प्रदेश में सीट बंटवारे पर चर्चा होने पर कांग्रेस के लिए समस्याएं होंगी। यूपी में विधानसभा सीटों के हिसाब से देखें तो बीजेपी के साथ समाजबादी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी है। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के पास यूपी में 273 विधायक हैं। जबकि दूसरे नंबर की पार्टी सपा के 111 विधायक हैं। बता दें कि व्यंग्यात्मक टिप्पणी में मीडिया से कहा, ‘मैं भ्रमित हो गया होगा।’ उन्होंने कहा, ‘अगर मुझे पहले दिन पता होता कि विधानसभा स्तर पर कोई गठबंधन नहीं है तो हमारी पार्टी के नेता बैठकों में नहीं जाते, हमने उन्हें सूची नहीं दी होती उन सीटों की जिन पर सपा मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ना चाहती थी, न ही हमने उनका फोन उठाया होता।’ वहीं कांग्रेस के मात्र 2 विधायक है। यूपी में लोकसभा की 80 सीटें है।पांच पर दूसरे स्थान पर रही थी। इसी आधार पर अखिलेश यादव अपनी पार्टी के लिए 6 सीटें मांग रहे थे।सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को संकेत दिया कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को उनकी पार्टी से वही सलूक किया जा सकता है, जैसा एमपी में उनके साथ किया गया है। अखिलेश यादव ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को अपने ‘छोटे नेताओं’ को उनकी पार्टी सपा पर टिप्पणी करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। 2018 के एमपी चुनाव में सपा ने बुंदेलखंड क्षेत्र में आने वाली बिजावर सीट पर जीत दर्ज की थी। जबकि पांच पर दूसरे स्थान पर रही थी। इसी आधार पर अखिलेश यादव अपनी पार्टी के लिए 6 सीटें मांग रहे थे।अगर विधायकों के आधार पर टिकट के लिए अखिलेश यादव अड़ गए तो कांग्रेस को मुश्किल से एक सीट मिलेगी। शायद इस बात पर कांग्रेस तैयार भी न हो और गठबंधन टूट जाए।

Disclaimer:

Mojo Patrakar may publish content sourced from external third-party providers. While we make every reasonable effort to verify the accuracy, reliability, and completeness of this information, Mojo Patrakar does not guarantee or endorse the views, opinions, conclusions, or authenticity of content provided by these third-party entities. Such content is presented solely for informational purposes, and it is not intended to substitute professional advice or to serve as a comprehensive basis for decision-making.

Mojo Patrakar expressly disclaims any liability for errors, omissions, or inaccuracies that may arise from third-party content, as well as any reliance readers may place upon it. Users are strongly encouraged to conduct independent verification and consult with qualified professionals as necessary before making any decisions based on information obtained through Mojo Patrakar.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments