वर्तमान में देश में बहुरूपियों का जाल बढ़ता ही जा रहा है! सोशल मीडिया का चलन पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ा है। हर किसी का किसी न किसी सोशल साइट् पर अकाउंट होता ही है। जितना तेजी से इसका क्रेज बढ़ा उतनी तेजी से बढ़ रहे हैं सोशल मीडिया के जरिए फ्रॉड के मामले। सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं बहुरूपिए जो अलग-अलग रूप लेकर लोगों से धोखाधड़ी करते हैं, उनका पैसा लूटते हैं। असल में सोशल मीडिया में फेक आईडी बनाकर ठगी के मामलों में काफी ज्यादा इजाफा हुआ है। ऐसे लोग आपकी दी हुई जानकारी का फायदा उठाकर ही आपको ठग सकते हैं। सबसे पहले जान लीजिए वो केस जहां सोशल मीडिया पर फेक आईडी बनाकर हुई बड़ी धोखाधड़ी। दिल्ली का रहने वाला गौतम धामिजा को कुछ समय पहले दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था। ये शख्स सोशल साइट्स पर अपनी प्रोफाइल बनाकर 20 से ज्यादा लड़कियों को अपना निशाना बना चुका है। ये महिलाओं से शादी की बात करता और फिर उनसे अलग-अलग बहाने से पैसे ऐंठता। ये सोशल साइट पर खुद स्पेयर पार्ट का व्यापारी बताता था। लड़कियां इसके जाल में फंस जाती और फिर इसके कहने पर इसे पैसे देने लगती। इसी साल इसने एक महिला को अपने जाल में फंसाया। महिला से कभी अपने पिता की बीमारी के नाम पर तो कभी बिजनेस के लिए पैसे लेने लगा। महिला को शक हुआ तो इसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। खुद को हाई प्रोफाइल प्रोजेक्ट करके इसने महिलाओं को अपने झांसे में लिया और फिर उनसे दोस्ती करके उनसे ऐंठने लगा। कभी पेट्रोल पंप लगाने के नाम पर तो कभी, अपने इलाज के नाम पर। यहां तक कि इसने महिलाओं के जेवर भी उनसे ले लिए।जांच शुरू हुई तो पता चला कि ये अलग-अलग प्रोफाइल बनाकर 20 से ज्यादा महिलाओं को ठग चुका था।
अब सुनिए दूसरा मामला जो पंजाब। पिछले साल लिंक्डइन में फेक प्रोफाइल बनाकर देवाशीष विश्वकर्मा नाम के एक शख्स ने 76 लाख 94 हजार रुपये की लूट कर डाली। देवाशीष ने अपनी फेक बिजनेस प्रोफाइल बनाई हुई थी। लिंक्डइन के जरिए इसने राजेश नाम के एक शख्स को फंसाया। देवाशीष ने विश्वकर्मा नाम से एक फर्म बनाई हुई थी। इसने राजेश से सरकारी स्कूलों में वर्दी देने के नाम पर 96 लाख रुपये ऐंठ लिए। न तो सरकारी स्कूलों में वर्दी भेजी गई और न ही उसने ऑर्डर के बारे कोई जानकारी दी। राजेश ने इस मामले की शिकायत पुलिस में की। तब जाकर इस बहुरुपिए की हकीकत सामने आई। दरअसल इसकी कोई फर्म थी ही नहीं। ये सिर्फ फर्जी प्रोफाइल बनाकर लोगों को लूटता था।
आगरा में कुछ साल पहले एक ऐसा ही फेक प्रोफाइल का मामले सामने आया था। यहां एक शख्स ने गूगल कंपनी का एचआर की प्रोफाइल बनाकर दिल्ली की 4 महिलाओं को ठगी का शिकार बनाया। इसने अपनी प्रोफाइल में खुद एचआर ऑफिसर बताया जबकि अपने पिता को पंजाब पुलिस में एसपी बताया था। खुद को हाई प्रोफाइल प्रोजेक्ट करके इसने महिलाओं को अपने झांसे में लिया और फिर उनसे दोस्ती करके उनसे ऐंठने लगा। कभी पेट्रोल पंप लगाने के नाम पर तो कभी, अपने इलाज के नाम पर। यहां तक कि इसने महिलाओं के जेवर भी उनसे ले लिए।
ये जितने भी मामले इनमें ये लोग अलग-अलग सोशल साइट्स का इस्तेमाल करते हैं। ये सोशल साइट्स के जरिए लोगों के बारे में जानकारी इकट्ठा करते हैं और फिर उन्हीं के हिसाब से उन्हें लूटते हैं।स्पेयर पार्ट का व्यापारी बताता था। लड़कियां इसके जाल में फंस जाती और फिर इसके कहने पर इसे पैसे देने लगती। इसी साल इसने एक महिला को अपने जाल में फंसाया। बता दें कि इसने राजेश से सरकारी स्कूलों में वर्दी देने के नाम पर 96 लाख रुपये ऐंठ लिए। न तो सरकारी स्कूलों में वर्दी भेजी गई और न ही उसने ऑर्डर के बारे कोई जानकारी दी। राजेश ने इस मामले की शिकायत पुलिस में की। तब जाकर इस बहुरुपिए की हकीकत सामने आई। दरअसल इसकी कोई फर्म थी ही नहीं। ये सिर्फ फर्जी प्रोफाइल बनाकर लोगों को लूटता था। महिला से कभी अपने पिता की बीमारी के नाम पर तो कभी बिजनेस के लिए पैसे लेने लगा। महिला को शक हुआ तो इसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। जांच शुरू हुई तो पता चला कि ये अलग-अलग प्रोफाइल बनाकर 20 से ज्यादा महिलाओं को ठग चुका था। पुलिस के मुताबिक इस तरह के केस लगातार बढ़ रहे हैं। इसी साल इस तरह के मामलों में करीब 53 फीसदी का इजाफा हुआ है। सोचिए कितने लोग बहुरूपियों की ठगी के मायाजाल में फंसते जा रहे हैं।