क्या वर्तमान में राजनीति बन चुकी है कारोबार?

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वर्तमान में राजनीति कारोबार बन चुकी है! लोकतंत्र में असली ताकत लोक में मानी जाती है यानी जनता में। जनता जिसे चाहे सिर आंखों पर बिठा दे और जब चाहे चुनाव में किसी को धूल चटा दे। लेकिन पिछले कुछ चुनाव से देश में प्रचार की सूरत बदल रही है। बेशक जनता चुनाव जिताती या हराती है लेकिन अब पेशेवर चुनावी रणनीतिकार बहुत हद तक नतीजों को प्रभावित करने लगे हैं। वे तो यहां तक दावा कर जाते हैं कि वे मनमाफिक चुनाव परिणाम लाने का माद्दा रखते हैं। प्रशांत किशोर, रॉबिन शर्मा, हिमांशु सिंह, शांतनु शर्मा, सुनील कानुगोलू जैसे नाम अपना लोहा मनवा रहे हैं। ‘चुनाव प्रचार और रणनीति’ बाकायदा एक कारोबार बन गया है जो काफी फल-फूल रहा है। ‘पॉलिटिकल कंस्ल्टेंसी’ का बिजनस खूब जोर पकड़ रहा है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के कुछ महीने बाद ही अगले साल लोकसभा का भी चुनाव होना है। यानी पॉलिटिकल कंसल्टेंसीज के लिए ये पीक सीजन की तरह है। आइए जानते हैं पर्दे के पीछे चुनावी रणनीति तैयार करने वाले कुछ अहम खिलाड़ियों और बढ़ते ‘चुनाव प्रचार रणनीति’ के कारोबार पर। 2014 में सिटिजंस फॉर अकाउंटेबल गवर्नेंस CAG ने तब नरेंद्र मोदी के चुनाव अभियान के लिए काम किया था। ग्रुप में प्रशांत किशोर के अलावा कई आईआईटियन भी थे। 2015 में पीके ने I-PAC यानी इंडियन पॉलिटिकल ऐक्शन कमिटी नाम से अपनी एक अलग कंपनी बनाई। आईआईटियन का ग्रुप आई-पैक के साथ जुड़ गया। जैसे-जैसे बिजनस बढ़ता गया, कोर टीम के कई सदस्यों ने अपनी नई संस्थाएं बना लीं। प्रशांत किशोर के साथ काम कर चुके रॉबिन शर्मा अब शोटाइम कंसल्टिंग नाम से अपनी कंपनी चलाते हैं। फिलहाल वह आंध्र प्रदेश में टीडीपी और एन. चंद्रबाबू नायडू के लिए काम कर रहे हैं। I-PAC को छोड़ने से पहले रॉबिन शर्मा ने 2019 के चुनाव में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और वाईएस जगनमोहन रेड्डी के कैंपेन की डिजाइन तैयार की थी। आईपैक अभी भी वाईएसआर के लिए काम कर रही है। आईआईटी कानपुर से 2012 के ग्रैजुएट शांतनु सिंह शोटाइम कंसल्टिंग के डायरेक्टर हैं। वह बिहार में नीतीश कुमार का चुनाव अभियान देख चुके हैं।

2015 में प्रशांत किशोर ने इसकी स्थापना की और नीतीश कुमार के लिए बिहार में कैंपेन संभाला। फिलहाल आईपैक को ऋषि राज सिंह, प्रतीक जैन और विनेश चंदेल चला रहे हैं। सभी ने पीके के साथ शुरुआत से ही काम कर चुके हैं जब उन्होंने 2014 में नरेंद्र मोदी का कैंपेन संभाला था। 2015 में उन्होंने नीतीश, 2017 में यूपी और पंजाब में कांग्रेस, 2019 में आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी और 2021 में बंगाल में ममता बनर्जी के लिए कैंपेन संभाला। अभी ऋषि आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस और जगन मोहन का कैंपेन संभाल रहे हैं जबकि प्रतीक बंगाल में टीएमसी का चुनाव अभियान देख रहे हैं। विनेश बिहार में प्रशांत किशोर की जन सुराज यात्रा की देखरेख कर रहे हैं।

सुनील कानुगोलू की अगुआई में इन्क्लूसिव माइंड्स सिर्फ कांग्रेस के लिए काम करती है। कानुगोलू पहले बीजेपी के लिए कई राज्यों में कैंपेन के पीछे अहम भूमिका निभा चुके हैं। 2022 में वह कांग्रेस के साथ आ गए और अब 2024 के लिए कांग्रेस टास्क फोर्स का हिस्सा हैं। कर्नाटक में कांग्रेस की जीत में उनकी अहम भूमिका मानी जाती है। भारत जोड़ो यात्रा और राज्यों में कांग्रेस के कैंपेन में उनका महत्वपूर्ण रोल रहा है। रंगेश श्रीधर ने 2022 में इस फर्म को शुरू किया। एबीएम की तरह यह भी सिर्फ बीजेपी के लिए काम करती है। वराहे एनालिटिक्स ज्यादातर दक्षिण भारत के राज्यों में बीजेपी का कैंपेन देख रही है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भी उसी ने बीजेपी का कैंपेन संभाला।

दिग्गज मोगरा इसे चलाते हैं। जारविस कंसल्टिंग बीजेपी के कॉल सेंटरों और इंटरनल कम्यूनिकेशन सिस्टम को देखती है। सबसे पहले देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र में मोगरा की सेवाएं लीं जिसके बाद 2019 में उन्होंने बीजेपी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर काम करना शुरू कर दिया। जारविस कंसल्टिंग ही बीजेपी के काडर मैनेजमेंट के लिए सरल ऐप को हैंडल करती है। वह 2024 के चुनाव में बीजेपी के लिए 300 कॉल सेंटर स्थापित करेगी। रॉबिन शर्मा ने 2018 में इसकी स्थापना की। इसने तीन कैंपेन देखे हैं। शोटाइम मेघालय में कोनराड संगमा के साथ काम कर चुकी है और अभी राज्य सरकार के साथ काम कर रही है। इसकी सेवा लेने वालों में आंध्र प्रदेश में एन. चंद्रबाबू नायडू और उनकी पार्टी टीडीपी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी शामिल हैं।

अंकिल लाल ने इसकी स्थापना की। लाल पहले आम आदमी पार्टी से जुड़े थे और उसकी सोशल मीडिया टीम को संभालते थे। राजनीतिक दलों के साथ-साथ वह कई नेताओं के लिए भी काम कर चुके हैं। पॉलिटिक अडवाइजर्स फिलहाल I.N.D.I.A. गठबंधन से जुड़ीं तीन पार्टियों के लिए काम कर रही है। 2012 में RAJNEETHI की स्थापना बेंगलुरु में टेकीज के एक ग्रुप ने की थी। अभी वह कई राज्यों में कैंपेन संभाल रही है। शुरुआत में उनका फोकस दक्षिण भारत के राज्यों पर था लेकिन अब वह राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी काम कर रही है। ‘राजनीति’ के संस्थापक सरस चंद्र और 4 लोगों की उनकी कोर टीम क्लाइंट्स के बारे में ज्यादा बात नहीं करती जबकि टेक्नॉलजी की बात करती है।