आखिर कब से होंगे रामलला के भव्य दर्शन?

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आज हम आपको बताएंगे कि रामलला के भव्य दर्शन आखिर कब से होंगे! राम नगरी अयोध्या में बन रहराम मंदिर निर्माण समिति ने राम भक्तों के लिए बड़ी खुशखबरी दी है। समिति के अध्यक्ष ने बताया कि मंदिर ट्रस्ट ने निर्णय किया है कि 22 जनवरी की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद 23 जनवरी से भव्य राम मंदिर में आमजन के लिए दर्शन शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए मंदिर ट्रस्ट सीमित संख्या में दर्शन करवाने का कार्यक्रम बनाया है। उन्होंने बताया कि मंदिर में विराजमान राम लला की अचल बालरूप प्रतिमा के ललाट पर रामनवमी को 12 बजे दिन में सूर्य की किरण मंदिर के शिखर से कुछ समय के लिए पड़ेगी। मिश्रा के मुताबिक यह व्यवस्था गणना कर 25 साल के लिए बनाई गई है। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2024 तक पूरा मंदिर तीन तल का बन कर तैयार हो जाएगा। भूतल में 5 मंडप प्रथम तल में 3 मंडप व दूसरेअंतिम तल पर केवल दो मंडप बनेगा।मिश्रा के मुताबिक प्राण प्रतिष्ठा के बाद अनुमान है कि 70 हजार श्रद्धालु रोजाना दर्शन के लिए पहुंचेंगे। प्रत्येक श्रद्धालु गुरु मंडप में 20 मिनट तक रह सकेंगे। लेकिन दर्शन उनको चलते हुए ही करना होगा ऐसे में वे चंद मिनट ही रामलला के समक्ष दर्शन करने का अवसर पा सकेंगे। बताया गया कि कि राम मंदिर 4 लाख घनफुट पत्थर से खड़ा हो रहा है। जिसमें लोहे व सीमेंट का बिल्कुल प्रयोग नहीं किया गया है।

इस बीच मंदिर निर्माण समिति की दूसरे दिन की बैठक शुरू हो गई हैं। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने अपनी टीम के साथ मंदिर के निर्माण स्थल का निरीक्षण कर इसकी प्रगति का जायजा लिया। राम मंदिर में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के धार्मिक अनुष्ठान रविवार को अक्षत पूजन के साथ शुरू हो गए। मंदिर में पीले रंग के चावल के पूजित अक्षत को पीतल के कलशों में भरकर विहिप के 45 प्रांतों से आए 100 स्वयंसेवकों को सौंपे गया। स्वयंसेवक देश के 100 स्थानों पर ये कलश लेकर जाएंगे। इसके बाद अक्षत को आसपास के जिलों और ब्लॉकों में मंदिरों व परिवारों में वितरित कर लोगों को रामलला के दर्शन के लिए आमंत्रित किया जाएगा। अक्षत को 5 लाख गांवों के मंदिरों तक पहुंचाने का कार्यक्रम है।

मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि प्रत्येक कलश में 5 किलो अक्षत भरा गया है। स्वयंसेवकों को प्राण-प्रतिष्ठा से संबंधित पत्रक भी दिया गया है। इसमें राम भक्तों से अपील की गई है कि वे 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या आने की जगह पड़ोस के मंदिरों में आनंदोत्सव के तौर पर प्राण-प्रतिष्ठा उत्सव मनाएं।

शाम को अपने घरों में दीप जलाकर रामलला के मंदिर में स्थापित होने की खुशी मनाएं। अक्षत वितरण और घर-घर संपर्क का विशेष कार्यक्रम 1 जनवरी से 15 जनवरी तक चलेगा। इस दौरान 10 करोड़ परिवारों से संपर्क किया जाएगा। राय ने बताया कि 26 जनवरी से मंदिर में प्रांतवार दर्शन का कार्यक्रम चलेगा। रोजाना 25 हजार श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम 48 दिनों तक चलेगा। बता दें कि विष्‍णु पुराण के मुताबिक भगवान विष्‍णु ने कूर्म यानी कछुए का अवतार लिया था, जिस कारण यह द्वादशी भगवान विष्‍णु के कूर्म रूप को समर्पित है. इस दिन विष्‍णु रूप कूर्म की पूजा की जाती है. हिन्दू धर्म में वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन कूर्म जयंती मनाई जाती है. सनातन धर्म में कूर्म जयंती का बहुत अधिक महत्व है. अगर इस दिन गृह निर्माण का कार्य किया जाये तो वह पूरा होता है और बहुत ही शुभ भी माना जाता है. अगर किसी के घर में वास्तु दोष होता है तो इस दिन वास्तु दोष को बहुत ही आसानी से दूर किया जा सकता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी बिगड़े हुए काम भी बनने लगते हैं!

यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने ट्वीट करके कहा था कि 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा होगी. वहीं राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने 22 जनवरी 2024 की तारीख को अफवाह बताया है. रामलला के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ की तिथि पर उन्होंने कहा कि 22 जनवरी 2024 की तारीख एक अफवाह है. ये जनता को भ्रमित करने का प्रयास है! बता दें कि लंबे इंतजार के बाद 9 नवंबर 2019 को राम मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था. इसके बाद 5 फरवरी 2020 को ट्रस्ट बनाया गया. 25 मार्च 2020 को रामलला को अस्थायी मंदिर में शिफ्ट किया गया. 5 अगस्त 2020 को भूमि पूजन हुआ. 1 जून 2022 को गर्भगृह का निर्माण शुरू हुआ!