हाल ही में भारत आए जहाज को किसी ने अगवा कर लिया है! यमन के हूती विद्रोहियों ने कुछ समय पहले हमास को समर्थन देने का ऐलान करते हुए इजरायल के खिलाफ मोर्चा खोलने की बात कही थी। इसके बाद उसने इजरायली सेना को निशाना बनाते हुए मिसाइल और रॉकेट हमले भी किए लेकिन रविवार को हूतियों ने इजरायल ही नहीं दुनियाभर को चौंकाते हुए लाल सागर में गैलेक्सी लीडर नाम के जहाज को अगवा कर लिया। इजरायल से जुड़ा ये जहाज तुर्की से भारत आ रहा था। इस घटना से सबकी निगाहें हूतियों की ओर घूम गई हैं। इस बात का भी अंदेशा जताया जाने लगा है कि आने वाले समय में हूतियों की ओर से इस तरह की कुछ और घटनाओं को भी अंजाम दिया जा सकता है। हूती विद्रोहियों ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि उन्होंने समुद्र से इजरायली जहाज का अपहरण कर लिया है। जहाज में सवार लोगों को उन्होंने नुकसान नहीं पहुंचाया है। जहाज में सवार लोगों के साथ वह इस्लामिक मूल्यों के अनुसार बर्ताव कर रहे हैं। इस जहाज को हालांकि ब्रिटिश कंपनी का बताया जा रहा है लेकिन हूती इसे इजरायली जहाज कह रहे हैं। बीच समुद्र से जहाज का अपरहण करने के बाद ये सवाल भी उठ रहा है कि इस समूह ने ऐसा क्यों किया और ये इजरायल के लिए कितना बड़ा खतरा है।
ईरान से समर्थन पाने वाले हूती संगठन का जन्म यमन 1980 और 1990 के दशक में हुए हूती आंदोलन से हुआ। हूती विद्रोही परिवार ने शिया इस्लाम के जायदी संप्रदाय के समर्थन से आंदोलन शुरू किया। हूतियों ने कभी यमन पर शासन किया था लेकिन समय के साथ अपनी संपत्ति खो दी और हाशिए पर चले गए। हूतियों का यमन सरकार के साथ टकराव हुआ और यमन में एक लंबी लड़ाई शुरू हो गई। अपनी सरकार के साथ-साथ सऊदी अरब के साथ भी हूतियों का सीमा पर टकराव हो चुका है। हूतियों का यह ग्रुप यमन के उत्तरी क्षेत्र में शिया मुस्लिमों का सबसे बड़ा आदिवासी संगठन है। हूतियों ने 2004 से 2010 तक यमन की सालेह सरकार की सेना से छह बार युद्ध किया। साल 2011 में अरब देशों (सऊदी अरब, यूएई, बहरीन) के हस्तक्षेप के बाद यह युद्ध शांत हुआ। इन सभी देशों की साझा सेनाओं को भी हूतियों ने लंबे समय तक छकाया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक हूती विद्रोहियों के पास करीब 2 लाख की सेना है। जिनके पास रॉकेट और छोटी मिसाइल जैसे हथियार हैं।
हूतियों ने लाल सागर से मालवाहक जहाज को इसलिए अगवा किया है क्योंकि उनको लगा कि ये इजरायल का है। दरअसल जहाज के मालिकों को रे कार कैरियर्स नामक कंपनी से जोड़ा गया है। इस कंपनी की स्थापना इजरायल के बड़े कारोबारी अब्राहम रामी उंगर ने की है। कंपनी के नाम से हूतियों को लगा कि ये जहाज इजरायल का है। इजरायल पीएम नेतन्याहू के कार्यालय ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा है कि जहाज का स्वामित्व एक ब्रिटिश कंपनी के पास है और इसे जापानियों द्वारा संचालित किया जाता है। जहाज के चालक दल के 25 सदस्यों में भी कोई इजरायली नहीं है।
तुर्की से भारत आ रहे एक कार्गो जहाज का यमन के हूती विद्रोहियों की ओर से अपहरण कर लिया गया। लाल सागर में यह जहाज था, तब इसे हाईजैक किया गया। इस हाईजैक के जरिए हूती विद्रोहियों ने दिखा दिया है कि वह जो कहते हैं उसे कर देते हैं। दरअसल हूती आर्मी के प्रवक्ता ने ऐलान किया था कि इजरायल के सभी जहाजों पर हमला किया जाएगा। इस हाइजैक के बाद हूती विद्रोहियों ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा, ‘पकड़े गए जहाज के चालक दल के साथ इस्लामी शिक्षा के आधार पर व्यवहार होगा।’ हूती विद्रोही इजरायल और हमास के युद्ध से बौखलाए हैं। हूतियों का कहना है कि इजरायल हमला रोके नहीं तो युद्ध बढ़ जाएगा। हूती आर्मी के प्रवक्ता याह्या सारेया ने रविवार को ऐलान किया था कि इजरायली कंपनी और इजरायल के झंडे लगे जहाजों, को उनकी सेना टार्गेट करेगी। गाजा पर लगातार इजरायली हमलों के बीच इस तरह का ऐलान किया गया था। इसके अतिरिक्त उन्होंने सभी देशों से कहा था कि वह इजरायली कंपनियों के जहाजों से अपने देशों के नागरिकों को हटा लें।
हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में 25 क्रू मेंबर वाले गैलेक्सी लीडर नाम के जहाज का अपहरण कर लिया। यह जहाज तुर्की से भारत जा रहा था। जहाज ब्रिटिश कंपनी के नाम पर पंजीकृत है। जिस कंपनी का यह जहाज है उसमें इजरायली टायकून इब्राहिम उनगर की भी हिस्सेदारी है। इसके अतिरिक्त जहाज का इजरायल से कोई कनेक्शन नहीं है। जहाज को फिलहाल अभी एक जापानी कंपनी को लीज पर दिया गया है।