कोरोना अब फिर से देश में पैर पसार रहा है! देशभर में एक बार फिर से कोरोना मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा है। कोरोना के बढ़ते केस से लोगों की टेंशन भी बढ़ गई है। 7 महीने बाद कोरोना से मरने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। वहीं कोविड का नया वैरिएंट JN.1 भी बढ़ रहा है। इसे लेकर सरकार भी एक्शन मोड में आ गई है। केंद्र ने राज्य सरकारों को गाइडलाइन जारी कर दी है। तमाम अधिकारी कोविड को लेकर लगातार बैठक कर रहे हैं। एक्सपर्ट लोगों को पैनिक न होने की सलाह दे रहे हैं। अधिकारी लोगों से सभी नियमों का पालन करने का आग्रह कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 को फैलने से रोकने की कोशिश में लगा है। नया वैरिएंट अब तक चार राज्यों में फैल चुका है। वहीं, दूसरी तरफ अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र सीडीसी की तरफ से भी चेतावनी दी गई है। आने वाले वक्त में अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ेगी। फिलहाल, भारत में सात महीने बाद कोविड से होने वाली मौतों में इजाफा देखा गया है। सोमवार से अब तक 11 मरीजों की डेथ हो चुकी है। वहीं, गुरुवार को छह मरीजों की मौत हुई है। इसी के साथ एक्टिव मामले भी बढ़कर 2,669 हो गए हैं। गुरुवार को 594 नए मामले आए हैं। वहीं ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी कम होती जा रही है। वहीं, दिल्ली की बात की जाए, तो इस समय तीन एक्टिव मामले हैं।
नए वैरिएंट की वजह से चार राज्यों में तेजी से मामले बढ़ रहे है। जहां इस सप्ताह की शुरुआत में महाराष्ट्र में एक भी एक्टिव केस नहीं था। अब यहां पर 45 एक्टिव केस हो गए हैं। वहीं, केरल में 2,341, कर्नाटक में 92 और तमिलनाडु में 89 हैं। केरल में एक दिन में औसत 150 से ज्यादा नए मामले आ रहे हैं। जबकि, इन दोनों राज्यों में 8-9 नए मामले दर्ज हो रहे हैं। वहीं, मरने वाले मरीजों की संख्या में 3 मरीज केरल से हैं और 2 मरीज कर्नाटक से। एक मरीज पंजाब से है। कोरोना वायरस के नए सब वैरिएंट JN.1 के सामने आने के बाद लोगों की टेंशन बढ़ गई है। केरल से इसका एक्टिव केस सामने आया है। वहीं केरल में सोमवार को कोविड-19 के 111 नए मामले सामने आए। केरल में बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए मास्क अनिवार्य कर दिया है। वहीं केंद्र सरकार ने राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है। कोराना के इस नए वैरिएंट को लेकर जरूरी सवालों का जवाब हम आपको बता रहे हैं।
JN.1 वैरिएंट ओमिक्रॉन वैरिएंट का ही एक सब-वैरिएंट है। ये कोविड का नया वैरिएंट नहीं है। सबसे पहले दिसंबर 2022 में लक्जमबर्ग में ये वैरिएंट मिला था। इसके बाद यह दुनिया भर में 40 से अधिक देशों में फैल चुका है। JN.1 उसी पिरोलो वैरिएंट से आया है, जो खुद ओमिक्रॉन वैरिएंट से निकला था। JN.1 वैरिएंट के लक्षण अन्य ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट जैसे ही हैं। इसमें बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, थकान, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश आदि शामिल हैं। कुछ मामलों में, JN.1 वैरिएंट से पीड़ित लोगों में भी स्वाद या गंध की हानि, उल्टी या दस्त जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।
अभी तक इससे होने वाली बीमारियों के बारे में ज्यादा कुछ साफ नहीं है। शुरुआती जाचं से पता चला है कि इस वैरिएंट से बीमार होने वाले लोग ऑमिक्रॉन की तुलना में ज्यादा गंभीर नहीं हैं। हालांकि अभी इस वैरिएंट पर एक्सपर्ट रिसर्च कर रहे हैं, ताकि इसके बारे में ज्यादा पता चल सके। JN.1 वैरिएंट के प्रसार को रोकने के लिए सरकारें वैक्सीनेशन और बूस्टर शॉट को तेज कर सकती हैं। वहीं मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियमों को लागू करने के साथ-साथ टेस्टिंग को भी बढ़ाया जा सकता है।कोरोना वायरस के नए सब वैरिएंट JN.1 के सामने आने के बाद लोगों की टेंशन बढ़ गई है। केरल से इसका एक्टिव केस सामने आया है। वहीं केरल में सोमवार को कोविड-19 के 111 नए मामले सामने आए। केरल में बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए मास्क अनिवार्य कर दिया है। वहीं केंद्र सरकार ने राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है। कोराना के इस नए वैरिएंट को लेकर जरूरी सवालों का जवाब हम आपको बता रहे हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि अभी JN.1 के लक्षण ज्यादा गंभीर नहीं है और इससे ज्यादा खतरा नहीं है। लेकिन आने वाले समय में इसके और म्यूटेशन देखने को मिलेंगे। फिलहाल इसका एक ही मामला सामने आया है। कोविड केस की रफ्तार भी धीमी है। वहीं मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं करना पड़ रहा है। हालांकि भविष्य के बारे में अभी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती।