हाल ही में एक्सपर्ट्स ने कोरोना के नए वेरिएंट के लिए बयान दिया है! जीनोम जांच में बढ़ोतरी के साथ-साथ कोविड-19 के नए वैरिएंट JN.1 के मामले भी बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि 24 दिसंबर तक देश में वैरिएंट JN.1 के 63 केस मिल चुके हैं। सबसे ज्यादा 34 केस गोवा में मिले हैं। गोवा में इस समय टूरिस्टों की भारी भीड़ है। वहां बड़ी संख्या में विदेशी टूरिस्ट भी मौजूद हैं। सूत्रों का कहना है कि टेस्टिंग बढ़ रही है और केस भी कुछ बढ़े हैं, लेकिन अभी घबराने वाली स्थिति नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि कुछ दिनों में JN.1 पर स्थिति और साफ होगी, क्योंकि बड़ी संख्या में सैंपल की जीनोम जांच चल रही है। अभी तक 63 केस हैं। इससे यह नहीं कहा जा सकता कि JN.1 के कारण ही कोविड के मामले बढ़ रहे हैं। जीनोम जांच में XBB वैरिएंट के केस भी आ रहे हैं। अभी JN.1 वैरिएंट के सबसे ज्यादा केस गोवा में मिले हैं। उसके बाद महाराष्ट्र से 9, कर्नाटक से 8, केरल से 6, तमिलनाडु से 4 और तेलंगाना में 2 मामले मिले हैं। इस वैरिएंट के मरीजों के घर पर ठीक होने का प्रतिशत भी 92 से ज्यादा है। यानी अभी तक हल्के लक्षण हैं।
सीनियर पीडियाट्रिक्स डॉ. अरुण गुप्ता का कहना है कि अभी तक तो यह नया वैरिएंट नॉर्मल फ्लू ही नजर आ रहा है। जब तक अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा नहीं होता, तब तक घबराने की कोई बात नहीं है। अभी तक जो स्थिति देखने को मिल रही है, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि मरीज आसानी से दो से पांच दिन में ठीक हो जाते हैं। कोविड के वायरस आते-जाते रहेंगे और केसों में उतार-चढ़ाव भी देखने को मिलता रहेगा। वहीं, XBB वैरिएंट हो या फिर JN.1, दोनों के लक्षणों में फर्क नजर नहीं आ रहा है, यही कारण है कि यह पहचान मुश्किल है कि यह वायरस का कौन-सा स्वरूप है या फिर वायरल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन है? कुछ लोगों में पहले भी डायरिया होता था और अब भी डायरिया हो रहा है। खांसी-जुकाम, बुखार, शरीर में दर्द जैसे कॉमन लक्षण नजर आ रहे है। ये कोविड में भी हो सकते हैं और वायरल में भी।
देश में सोमवार को कोविड के 628 केस आए और ऐक्टिव केस 4 हजार पार कर गए हैं। यह आंकड़ा 4054 पहुंच गया है। एक दिन पहले ऐक्टिव केस 3742 थे। कोरोना का सबसे ज्यादा असर केरल में देखने को मिल रहा है। चौबीस घंटे में वहां 376 मामले सामने आए हैं और एक मरीज की मौत हुई है। इनमें 6 केस नए वैरिएंट के हैं। इस राज्य में 5 दिन में 8 मरीजों ने दम तोड़ा है। केरल के बाद कोरोना का सबसे ज्यादा असर कर्नाटक और महाराष्ट्र मे हैं। कर्नाटक में 24 घंटे में 106 केस और महाराष्ट्र में 50 मामले सामने आए है। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री धनंजय मुंडे भी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। महाराष्ट्र के ठाणे में जेएन.1 के पांच मामले सामने आए हैं। चौबीस घंटों में 315 लोग ठीक भी हुए।
गोवा, केरल, महाराष्ट्र समेत देश के कई हिस्सों में कोविड 19 के केसों में बढ़ोतरी हो रही है। कोविड-19 के सब वैरिएंट JN.1 BA.2.86.1.1 के अभी तक देश में 22 मामले कंफर्म हो चुके हैं और यह आशंका जाहिर की जा रही है कि देश में कोविड के बढ़ते मामलों के पीछे ओमिक्रॉन परिवार का यह नया वैरिएंट JN.1 जिम्मेदार हो सकता है। अब बड़े स्तर पर जीनोम जांच हो रही है और कुछ हफ्तों में यह साफ होगा कि नये वैरिएंट की कोविड केसों में बढ़ोतरी में कितनी भूमिका है। हालांकि अभी तक कोविड के जो केस सामने आ रहे थे, उनमें से ज्यादार ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट XBB के कारण थे। अभी भी XBB के काफी मामले सामने आ रहे हैं। जनवरी 2022 से ओमिक्रॉन ही ज्यादातर एक्टिव है और थर्ड वेव का कारण भी यही वैरिएंट था। अब म्यूटेशन हो रहे हैं और वैरिएंट में बदलाव होते जा रहे हैं। नये सब वैरिएंट के खिलाफ अडिशनल बूस्टर डोज की जरूरत नहीं है। भारत में एक दिन में कोविड के 656 नए मामले सामने आए। मरीजों की संख्या बढ़कर 3,742 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से रविवार को यह जानकारी दी गई। देश में बीते 24 घंटे में संक्रमण से एक व्यक्ति की मौत भी हुई है। इस कारण महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 5,33,333 हो गई है। सबसे अधिक 128 मामले केरल से सामने आए हैं। इसके बाद कर्नाटक में 96 केस दर्ज किए गए हैं। वहीं, ओडिशा में पिछले 24 घंटे में कोविड एक मामला सामने आया है। यहां कुल दो मरीज हो गए हैं। केंद्र और राज्यों ने नए जेएन.1 कोविड वेरिएंट पर चिंता जताई है। इस नए वेरिएंट के मामले सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि सिंगापुर और इंग्लैंड जैसे अन्य देशों में भी पाए गए हैं।
बेशक अभी चिंता की बात नहीं है लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पूरा सिस्टम अलर्ट पर कर दिया है। फिलहाल तो किसी तरह की पाबंदियों की संभावना नजर नहीं आ रही है, जिसमें हवाई अड्डों पर यात्रियों के लिए कोविड-19 का आरटी-पीसीआर परीक्षण अनिवार्य करने की भी फिलहाल कोई योजना नहीं है। लेकिन अगर जरूरत पड़ेगी तो तुरंत प्रभाव से नए दिशा- निर्देश (पाबंदियां) भी जारी होंगे। ओमिक्रॉन के वैरिएंट में बदलाव आने वाले समय में भी होते रहेंगे। समय-समय पर अस्पतालों में मॉक ड्रिल होती रही ताकि अगर जरूरत पड़ती है तो चिकित्सा उपकरणों का प्रयोग किया जा सके। वहीं देश में एक दिन में कोविड-19 के 656 नए मामले सामने आए हैं।