Monday, December 23, 2024
HomeIndian Newsउपराष्ट्रपति के पत्र पर क्या बोले मल्लिकार्जुन खड़गे?

उपराष्ट्रपति के पत्र पर क्या बोले मल्लिकार्जुन खड़गे?

हाल ही में उपराष्ट्रपति के पत्र पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक बयान दिया है! कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को जवाबी पत्र लिखकर कहा है कि विपक्षी सांसदों का सामूहिक निलंबन पूर्व नियोजित था। संसदीय परंपराओं को नुकसान पहुंचाने के लिए सत्तारूढ़ दल द्वारा इसका हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया। उन्होंने धनखड़ द्वारा बातचीत के बुलावे पर कहा कि वह दिल्ली में नहीं हैं। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने गत 23 दिसंबर को खरगे को लिखे पत्र में कहा था कहा कि सदन में शीतकालीन सत्र में व्यवधान इरादातन और रणनीति के तहत था। धनखड़ ने पत्र में कहा था इस प्रकरण में मुख्य विपक्षी दल की पूर्व नियोजित भूमिका की ओर इंगित करके मैं आपको शर्मिंदा नहीं करना चाहता, लेकिन जब कभी भी मुझे आपसे बातचीत करने का अवसर मिलेगा मैं आपसे वह साझा अवश्य करूंगा।उनका कहना था विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए विशेषाधिकार प्रस्तावों को भी हथियार बनाया गया है। यह संसद को कमजोर करने के लिए सत्तापक्ष द्वारा जानबूझकर तैयार की गई रणनीति है। सांसदों को निलंबित करके सरकार कुल मिलाकर 146 सांसदों के क्षेत्रों के मतदाताओं की आवाज को चुप करा रही है। धनखड़ ने खरगे को संसद में व्यवधान और विपक्षी सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर बातचीत के लिए 25 दिसंबर को अपने आवास पर आमंत्रित किया था। शीतकालीन सत्र के खत्म होने के बाद भी धनखड़ और खरगे के बीच पत्राचार हुआ था

खरगे ने 24 दिसंबर की तिथि वाले अपने जवाबी पत्र में कहा कि वह सभापति की इस बात से सहमत हैं कि अब आगे बढ़ने की जरूरत है, लेकिन उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर सरकार सदन चलाने की इच्छुक नहीं है तो इसका हल सभापति के कक्ष में चर्चा करने से नहीं निकल सकता। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह फिलहाल दिल्ली से बाहर हैं और वापस आते ही सभापति से मिलना उनके लिए सम्मान की बात होगी और यह उनका कर्तव्य भी है। पत्र में सभापति द्वारा उल्लेखित कुछ बिंदुओं का जवाब देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि विपक्षी सांसदों का निलंबन बिना सोच विचार के कर दिया गया और सदन में संरक्षक के रूप में सभापति को संसद के भीतर सरकार को जवाबदेह ठहराने के लोगों के अधिकार की रक्षा करनी चाहिए। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि सत्तापक्ष लोकतंत्र को कमजोर करने, संसदीय परंपराओं को नष्ट करने और संविधान का गला घोंटने के लिए सांसदों के निलंबन को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है।

जवाबी पत्र में खरगे ने यह भी कहा कि सभापति का पत्र दुर्भाग्य से संसद के प्रति सरकार के निरंकुश और अहंकारी रवैये को उचित ठहराता है। उनका कहना था विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए विशेषाधिकार प्रस्तावों को भी हथियार बनाया गया है। यह संसद को कमजोर करने के लिए सत्तापक्ष द्वारा जानबूझकर तैयार की गई रणनीति है। सांसदों को निलंबित करके सरकार कुल मिलाकर 146 सांसदों के क्षेत्रों के मतदाताओं की आवाज को चुप करा रही है।

खरगे ने पत्र में कहा आपने यह भी उल्लेख किया है कि सदन में अव्यवस्था इरादतन और पूर्व निर्धारित थी। मैं यह कहना चाहूंगा कि धनखड़ ने पत्र में कहा था इस प्रकरण में मुख्य विपक्षी दल की पूर्व नियोजित भूमिका की ओर इंगित करके मैं आपको शर्मिंदा नहीं करना चाहता, लेकिन जब कभी भी मुझे आपसे बातचीत करने का अवसर मिलेगा मैं आपसे वह साझा अवश्य करूंगा। धनखड़ ने खरगे को संसद में व्यवधान और विपक्षी सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर बातचीत के लिए 25 दिसंबर को अपने आवास पर आमंत्रित किया था। शीतकालीन सत्र के खत्म होने के बाद भी धनखड़ और खरगे के बीच पत्राचार हुआ था।संसद के दोनों सदनों से विपक्षी सांसदों का सामूहिक निलंबन सरकार द्वारा पूर्व निर्धारित और पूर्व नियोजित प्रतीत होता है। निलंबन बिना सोच विचार के कर दिया गया और सदन में संरक्षक के रूप में सभापति को संसद के भीतर सरकार को जवाबदेह ठहराने के लोगों के अधिकार की रक्षा करनी चाहिए। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि सत्तापक्ष लोकतंत्र को कमजोर करने, संसदीय परंपराओं को नष्ट करने और संविधान का गला घोंटने के लिए सांसदों के निलंबन को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है।मुझे यह कहते हुए बहुत दुख हो रहा है कि बिना सोचे-समझे इसे अंजाम दे दिया गया। इंडिया गठबंधन से संबंधित एक सदस्य को तो तब निलंबित कर दिया गया जब वह सदन में मौजूद भी नहीं थे।

Disclaimer:

Mojo Patrakar may publish content sourced from external third-party providers. While we make every reasonable effort to verify the accuracy, reliability, and completeness of this information, Mojo Patrakar does not guarantee or endorse the views, opinions, conclusions, or authenticity of content provided by these third-party entities. Such content is presented solely for informational purposes, and it is not intended to substitute professional advice or to serve as a comprehensive basis for decision-making.

Mojo Patrakar expressly disclaims any liability for errors, omissions, or inaccuracies that may arise from third-party content, as well as any reliance readers may place upon it. Users are strongly encouraged to conduct independent verification and consult with qualified professionals as necessary before making any decisions based on information obtained through Mojo Patrakar.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments