क्या सर्दी के साथ-साथ दिल्ली की हवा में घुल रहा है प्रदूषण का जहर?

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वर्तमान में दिल्ली की हवा में सर्दी के साथ-साथ प्रदूषण का जहर भी घुलता जा रहा है! दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग ने शहर के 24 प्रमुख इलाकों में वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों की एक सूची तैयार की है। विभाग ने दिल्ली के सभी कंटिनुअस एंबिएंट एयर क्वॉलिटी मॉनिटरिंग स्टेशनों पर प्रदूषण के स्रोतों की पहचान की है। इनमें खुले में बायोमास जलाना, नगरपालिका कचरे का फेंकना, गड्ढे वाली सड़कें, यातायात की भीड़ और निर्माण गतिविधि शामिल है। विभाग ने पहले 13 प्रदूषण हॉटस्पॉट की ऐसी ही सूची तैयार की थी। एक अधिकारी ने बुधवार को कहा, ‘हमने दिल्ली के पास प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों की पहचान की है। हमने उत्सर्जन एमिसन को कम करने के लिए संबंधित एजेंसियों के साथ सूची साझा की है,लिस्ट अलीपुर, आयानगर, बुराड़ी चौराहा, सीआरआरआई-मथुरा रोड, डॉ. करणी सिंह शूटिंग रेंज, दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, डीयू नॉर्थ कैंपस, इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, मानव व्यवहार और संबद्ध विज्ञान संस्थान, आईटीओ, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, लोधी रोड, नजफगढ़, राष्ट्रीय स्टेडियम, नेहरू नगर, न्यू मोती बाग, नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नॉलजी द्वारका, पटपड़गंज, पूसा नई दिल्ली, पूसा सेंट्रल, शादीपुर, सिरी फोर्ट, सोनिया विहार और श्री अरबिंदो मार्ग से संबंधित है, जैसा कि दिल्ली विधानसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सरकार ने बताया था। ‘

इन 24 स्थानों पर प्रदूषण के एक-दो नहीं बल्कि कुल 90 स्रोतों का पता लगा है। मसलन, आईटीओ में प्रदूषण के मुख्य स्रोतों में भारी यातायात और चौराहे पर 150-180 सेकंड का लंबा वेटिंग पीरियड, क्रॉसिंग पर 120 मीटर तक भीड़ और लगभग 200 मीटर के हवाई दायरे में एक कंस्ट्रक्शन साइट का होना है।आयानगर में खुले कचरा फेंकना प्रदूषण का मुख्य स्रोत है। सूची में कहा गया है कि आयानगर में मुख्य सड़क, चौधरी धर्मवीर नेताजी मार्ग और मेहरौली-गुड़गांव मार्ग के पास संडे मार्केट का कचरा सड़क पर फेंका गया था। आयानगर में प्रदूषण के अन्य कारक सड़क का धूल, गड्ढे, संडे मार्केट के वक्त बुरा रोड मैनेजमेंट और आयानगर के पास टी-पॉइंट पर यातायात की भीड़ हैं।

विज्ञान और पर्यावरण केंद्र की कार्यकारी निदेशक रिसर्च एंड एडवोकेसी अनुमिता रायचौधरी ने कहा, ‘पड़ोस और नगरपालिका वार्ड लेवल पर हाइपर लोकल एक्शन इलाके की हवा साफ रखने का एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रदूषण स्रोतों की स्थानीय सूची से साफ पता चल रहा है कि बिल्कुल केंद्रित कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही, प्रदूषण पर पूरी तरह नियंत्रण के लिए सिटी लेवल का इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट भी जरूरी है।’ 2023 में दिल्ली ने 2022 में 98 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के मुकाबले 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर का औसत दैनिक पीएम2.5 कंसंट्रेशन दर्ज किया। 2023 में पीएम2.5 कंसंट्रेशन वार्षिक राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक NAAQS से 2.5 गुना और विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 20 गुना अधिक थी। बता दें कि एक्सपर्ट के अनुसार, पिछले कुछ समय से दिल्ली समेत उत्तर भारत में कोहरे की स्थिति है। इसकी वजह से अधिकतम तापमान में कमी आई है। वहीं कोहरे की वजह से ही न्यूनतम तापमान सामान्य से उपर बने हुए हैं। आमतौर पर दस दिसंबर के बाद तापमान बढ़ना लगता है। स्काईमेट के महेश पलावत के अनुसार इस बार अभी तक दिल्ली में न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री से नीचे नहीं गया है। जिस दिन यह दर्ज हुआ था दिन का तापमान 24 डिग्री के आसपास था। इसकी वजह से ठंड का अहसास नहीं हुआ। अब अगले दो से तीन दिनों में कोहरा कम होगा। जिसकी वजह से धूप बढ़ेगी और दिन की ठिठुरन कम हो जाएगी। धूप अधिक समय तक बनी रहेगी। 6 व 7 जनवरी के आसपास पहाड़ों पर एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस सक्रीय हो रहा है। इसकी वजह से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली आदि में बारिश हो सकती है। इस दौरान यदि पहाड़ों पर अच्छी बर्फबारी हो जाती है तो दिल्ली में सर्दी थोड़ी बढ़ सकती है।

वहीं मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 17.2 डिग्री रहा। यह सामान्य से दो डिग्री कम है। वहीं न्यूनतम तापमान 8.3 डिग्री रहा। यह सामान्य से एक डिग्री अधिक है। मौसम विभाग ने लोदी रोड में दिन के समय शीत लहर की घोषणा की। यहां अधिकतम तापमान 16.2 डिग्री रहा। यह सामान्य से पांच डिग्री कम रहा। बुधवार को आसमान साफ रहेगा। सुबह के समय हल्का कोहरा रह सकता है। अधिकतम तापमान 18 डिग्री और न्यूनतम तापमान 9 डिग्री रह सकता है।

पिछले कई दिनों से कोहरे की वजह से ट्रेनें ले हो रही हैं। मंगलवार को दिल्ली में 26 ट्रेनें देरी से पहुंची। इनमें राजधानी एक्सप्रेस से लेकर कई सुपर फास्ट ट्रेनें शामिल हैं। वहीं, रेलवे यातायात को बेहतर बनाने के मकसद से चल रहे कामों की मंगलवार को नॉर्दर्न रेलवे के महाप्रबंधक शोभन चौधुरी ने समीक्षा बैठक की। उन्होंने सभी मंडलों को निर्देश दिया कि सिग्नल सिस्टम को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने विभागाध्यक्षों से रेल कर्मचारियों को नियमित रूप से ट्रेनिंग देने को कहा, जिससे कि उन्हें जागरूक बनाए रखा जा सके और रेल प्रणाली में मानवीय गलतियों को कम किया जा सके। मंगलवार को लेट पहुंची 26 ट्रेनों में भुवनेश्वर राजधानी 5 घंटे लेट पहुंची। वहीं, चेन्नै-नई दिल्ली अपने निर्धारित समय से 5 घंटा लेट रही, अजमेर-कटरा एक्सप्रेस 6 घंटा लेट, भोपाल-निजामुद्दीन 4 घंटा 30 मिनट लेट रही। ये ट्रेनें औसतन डेढ़ से दो घंटे देरी से दिल्ली पहुंची हैं। यही नहीं, दिल्ली से खुलने वाली कई ट्रेनें देरी से चलीं। इनके डिपार्चर टाइम में बदलाव किया गया।