क्या विपक्ष के INDIA गठबंधन का खेल बिगाड़ेगी बसपा?

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विपक्ष के INDIA गठबंधन का बसपा खेल बिगाड़ सकती है! बहुजन समाज पार्टी बसपा प्रमुख मायावती की आगामी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा हिंदी पट्टी के सर्वाधिक सीट वाले राज्य उत्तर प्रदेश में विपक्षी गठबंधन इंडिया को नुकसान पहुंचा सकती है।आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस वाईएसआरसीपी, तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति बीआरएस और ओडिशा में बीजू जनता दल जैसे अन्य क्षेत्रीय दल भी अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे और इन राज्यों में इन दलों को तीसरी ताकत के रूप में देखा जा रहा है। कर्नाटक में जनता दल सेक्युलर ने पहले ही लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ जाने का फैसला कर लिया है। बसपा की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने 68वें जन्मदिन पर सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी 2024 का लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ेगी लेकिन चुनाव के बाद सरकार बनाने वाली पार्टी को उचित भागीदारी के साथ समर्थन देगी। मायावती ने उनके राजनीति से संन्यास लेने की खबरों को आधारहीन बताते हुए कहा मैं अंतिम सांस तक पार्टी को मजबूत करती रहूंगी। कांग्रेस ने पिछले साल फरवरी में अपने रायपुर अधिवेशन के घोषणापत्र में कहा था कि किसी तीसरी ताकत के उभरने से भाजपा/राजग को फायदा होगा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन राजग से वैचारिक आधार पर मुकाबला करने के लिए विपक्षी एकजुटता की तत्काल आवश्यकता है। कांग्रेस ने इस बात से इनकार किया है कि उसका कोई भी नेता बसपा नेतृत्व के संपर्क में था। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि बसपा के साथ अनौपचारिक बातचीत चल रही थी। कहा था कि बसपा को इंडिया गठबंधन में शामिल होने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

सपा और बसपा ने 2019 का लोकसभा चुनाव उत्तर प्रदेश में 38-38 सीटों पर मिलकर लड़ा था और अमेठी और रायबरेली सीटों पर कांग्रेस के खिलाफ अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे। तब उत्तर प्रदेश में महागठबंधन के तहत बसपा ने जहां 10 सीटें जीती थीं, वहीं सपा ने पांच सीटें जीती थीं। भाजपा प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा मायावती जी ने दुर्घटनाग्रस्त हो रहे विमान ‘इंडि’ इंडिया गठबंधन पर सवार होने से इनकार कर दिया है, जिसके पायलट आंखों पर पट्टी बांधकर उड़ान भर रहे हैं।

बता दे कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अपने बर्थ डे पर इंडिया गठबंधन को बड़ा सरप्राइज दिया। इंडिया गठबंधन में शामिल होने के अटकलों पर विराम लगाते हुए उन्होंने लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया। कांग्रेस के यूपी प्रभारी ने बहुजन समाज पार्टी बीएसपी से चुनावी तालमेल को हवा दी थी। बसपा प्रमुख ने अखिलेश यादव को भी खरी-खोटी सुनाते हुए सपा के फ्रेंडली फाइट के मंसूबे पर भी पानी फेर दिया। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं, इनसे बचकर रहना चाहिए। मायावती ने कहा कि विरोधी दल उनके संन्यास की अफवाह फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह अभी संन्यास लेने वाली नहीं हैं। वह अंतिम समय तक पार्टी के लिए काम करती रहेंगी। बीएसपी चीफ के ऐलान के बाद तय हो गया है कि उत्तर प्रदेश में 2024 का लोकसभा चुनाव त्रिकोणीय होगा। बीजेपी, बीएसपी और सपा-रालोद-कांग्रेस के गठबंधन के बीच यूपी में फाइनल मुकाबला होगा। मायावती के फैसले से बीजेपी नेताओं ने राहत की सांस ली होगी, क्योंकि 80 लोकसभा सीटों पर वन-टु-वन फाइट के मंसूबे भी ध्वस्त हो गए हैं।

2024 में बीजेपी के विजय रथ को रोकने के लिए नीतीश कुमार ने सभी लोकसभा सीटों पर वन-टु-वन फाइट का फॉर्मूला दिया था। इंडिया गठबंधन भी इस फॉर्मूले पर राजी था। विपक्षी दलों को कोशिश है कि 2024 में बीजेपी के सामने विपक्ष की ओर से सिर्फ एक उम्मीदवार हो। 1977 के लोकसभा चुनाव में तब के विपक्षी दलों ने जनता पार्टी इसी फॉर्मूले पर बनाई थी। तब जनता पार्टी ने ताकतवर इंदिरा गांधी और उनकी पार्टी को हराकर केंद्र की सत्ता हासिल की थी। इंडिया गठबंधन में भी सभी विपक्षी दल एक छतरी के नीचे इकट्ठा हुए। विपक्षी दलों को नरेंद्र मोदी के खिलाफ बड़ी जीत के लिए 80 लोकसभा सीटों वाले में ज्यादा से ज्यादा सहयोगियों की दरकार थी। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के बीच समझौते की राय बनी। दलों ने बीएसपी प्रमुख मायावती को भी गठबंधन में शामिल करने की कोशिश की, मगर वह नहीं मानी। कुछ दिन पहले बीएसपी सांसद मलूक नागर ने गठबंधन में शामिल होने के लिए मायावती को पीएम कैंडिडेट बनाने की शर्त रख दी। इससे बसपा के इंडिया गठबंधन में शामिल होने की अफवाह को हवा मिल गई। मगर अपने जन्मदिन पर मायावती ने लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान कर सपा-कांग्रेस गठबंधन को तगड़ा झटका दे दिया।