Wednesday, February 5, 2025
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आखिर आईआईटी कानपुर में क्यों हो रही है इतनी आत्महत्या?

हाल ही के दशक में आईआईटी कानपुर में कई आत्महत्या देखने को मिली! आईआईटी कानपुर में एक महीने के अंदर तीन सुइसाइड हो चुके हैं। आईआईटी कानपुर में लगातार सुइसाइड के मामले सामने आ रहे हैं। जिसकी वजह आईआईटी प्रशासन सवालों के घेरे में है। आईआईटी कानपुर में जितनी भी सुइसाइड केस हुए हैं, उनकी असल वजह अभी तक सामने आई है। सभी मौतें एक रहस्य बन कर रह गईं हैं। बल्कि सुइसाइड करने वालों छात्रों के परिजनों भी नहीं समझ पाए कि उनके बच्चे ने आत्महत्या क्यों की? आइए अब तक हुए मामलों पर सिलसिलेवार ढंग से नजर डालते हैं,झारखंड के दुमका जिले के रणबहियार गांव में रहने वालीं प्रियंका जायसवाल केमिकल इंजिनियरिंग से पीएचडी कर रहीं थीं। प्रियंका ने बीते 29 दिसंबर 2023 को दाखिला लिया था। प्रियंका के पिता नरेंद्र जायसवाल बीसीसीएल माइंस रेस्क्यू स्टेशन सुदामडीह के प्रभारी प्रबंधक हैं। वर्तमान में उनकी तैनाती धनबाद में है। छात्रा के पिता नरेंद्र जायसवाल गुरूवार सुबह से बेटी को कॉल कर रहे थे। लेकिन प्रियंका का फोन रिसीव नहीं हो रहा था। जिसकी वजह से नरेंद्र परेशान थे। जब प्रियंका ने कॉल रिसीव नहीं की, तो उन्होंने हॉस्टल मैनेजर रितु पांडेय को कॉल किया। उन्होंने हॉस्टल मैनेजर को बताया कि उनकी बेटी सुबह से फोन नहीं उठा रही है। रितु पांडेय ने जब जाकर देखा, तो प्रियंका का शव उसके कमरे में फंदे से लटक रहा था।

आईआईटी कानपुर में केमिकल इंजिनियरिंग से पीएचडी करने वाली छात्रा प्रियंका जायसवाल पढ़ने में ब्रिलिएंट थी। उसने आईआईटी तमिलनाडू से एमटेक किया था। इसके बाद उसने गेट में अच्छी रैकिंग हासिल की थी। जिसकी वजह से प्रियंका को आईआईटी कानपुर में दाखिला मिला था। प्रियंका ने 29 दिसंबर 2023 को दाखिला लिया था। वहीं, कुछ दिनों पहले ही क्लासेस शुरू हुईं थीं। जिसकी वजह से अभी पढ़ाई का इतना दबाव भी नहीं था। साथी छात्रों के मुताबिक प्रियंका अभी अन्य छात्र-छात्राओं से घुलमिल भी नहीं पाई थी। प्रियंका पर फिलहाल किसी तरह का दबाव नहीं था, तो उसने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया।

आईआईटी प्रशासन ने पीएचडी स्टूडेंट प्रियंका जासवाल के सुइसाइड की खबर पुलिस को दी। छात्रा की सुइसाइड से पुलिस में भी हड़कंप मच गया। डीसीपी, एडीसीपी, एसीपी और कल्यानपुर थाने की पुलिस के सामने हॉस्टल के रूम के दरवाजा तोड़कर प्रियंका के शव को बाहर निकाला गया। फोरेंसिक टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण कर साक्ष्य इकट्ठे किए। पुलिस ने छात्रा के मोबाइल फोन को अपने कब्जे में ले लिया है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक, इंस्टाग्राम, वॉट्एसएप समेत एक्स को खंगालने में जुटी है। वहीं, छात्रा के शव को मॉर्चुरी में रखा गया है। परिजनों के आने के बाद शव का पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा।

आईआईटी कानपुर में पढ़ने वाली छात्रा स्वप्निल भास्कर ने 2005 में सुइसाइड कर लिया था।आईआईटी कानपुर से एमटेक करने वाले शैलेश शर्मा ने 2006 में सुइसाइड कर लिया था, आईआईटी कानपुर में पढ़ने वाले जे भारद्वाज ने ट्रेन के आगे कूद कर जान देदी थी। आईआईटी से बीटेक करने वाले प्रशांत कुमार ने 2008 में सुइसाड कर लिया था। आईआईटी कानपुर से बीटेक करने वाली छात्रा जोया चटर्जी ने 2008 में फेल होने आहत होकर सुइसाइड कर लिया था। आईआईटी कानपुर से एमटेक करने वाले जे सुमन ने 2009 में सुइसाइड कर लिया था, आईआईटी कानपुर से पीएचडी करने वाले छात्र भीम सिंह ने 2018 में सुइसाइड कर लिया था। आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर सांइस एंड इंजिनियरिंग विभाग के प्रफेसर प्रमोद सुब्रमण्यम ने 2020 में सुइसाइड कर लिया था। आईआईटी में पढ़ने वाले छात्र प्रशांत सिंह ने 2022 में सुइसाइड कर लिया था।

आईआईटी कानपुर में एक महीने के अंदर यह तीसरी सुइसाइड है। आईआईटी कानपुर में प्रोजेक्ट एक्जीक्यटिव ऑफिसर के पद पर तैनात पल्लवी चिल्लका ने बीते 19 दिसंबर 2023 को हॉस्टल के रूम में सुसाइड कर लिया था। पल्लवी मूलरूप से ओड़िसा की रहने वाली थीं। उन्होंने बीते अगस्त 2023 में ज्वाइनिंग की थी, आईआईटी कानपुर में बीते 10 जनवरी 2024 को मेरठ के कंकरखेड़ा में रहने वाले विकास कुमार मीणा ने सुइसाइड कर लिया था। विकास मीणा आईआईटी कानपुर से एरोस्पेस इंजिनियरिंग से एमटेक कर रहे थे। विकास मीणा ने सुइसाइड करने से पहले सुइसाइड नोट लिखा था। उनके रूम से किसी ने उनका लिखा हुआ, सुइसाइड नोट चोरी कर लिया था। आईआईटी कानपुर से केमिकल इंजिनियरिंग से पीएचडी करने वाली प्रियंका जायसवाल ने 18 जनवरी 2024 को सुइसाइड कर लिया। आईआईटी कैंपस में लगातार सुइसाइड की घटनाएं सामने आ रही हैं। जिसकी वजह से आईआईटी कानपुर सवालों के घेरे में हैं।

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