यह सवाल उठना लाजिमी है कि महागठबंधन का साथ छोड़ क्या नीतीश कुमार ने सही किया या नहीं! बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने एक बार फिर अपने स्वभाव के अनुरूप पाला बदल लिया है। लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने एक बार फिर एनडीए का दामन थामा है। शाम 5 बजे नीतीश 9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। उससे पहले बयानबाजियों का दौर जारी है। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने तो इस पूरे घटनाक्रम पर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मैं तो शुरू से कहता था कि नीतीश कुमार भाजपा में जाएंगे। ओवैसी ने आगे कहा कि हम तो यह पूछना चाहते हैं कि तेजस्वी यादव को इसके बाद कैसा लग रहा है? ओवैसी ने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी ने हमारे 4 विधायक तोड़े थे। जो खेल हमारे साथ हुआ था, अब वह आपके साथ हो गया। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन से खुद को अलग कर, बिहार में लालू की पार्टी से नाता तोड़कर एनडीए का दामन वापस थाम लिया है। लेकिन AIMIM के सर्वेसर्वा असदुद्दीन ओवैसी ने तेजस्वी यादव को ही निशाने पर ले लिया। ओवैसी ने बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि आपने हमारी पार्टी के 4 विधायकों तो तोड़ा था। अब तेजस्वी यादव को कैसा लग रहा है? ओवैसी ने आगे कहा कि अब तेजस्वी यादव को समझ आ रहा होगा कि कैसा लगता है। जो खेल तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी ने हमारे साथ खेला, वही खेल उनके साथ हो गया। ओवैसी ने पूछा कि आपने नीतीश कुमार को दो-दो बार सीएम बनाया लेकिन आपको हासिल क्या हुआ?
असदुद्दीन ओवैसी यहीं नहीं रुके। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और साथ ही पीएम मोदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिहार में जो राजनीतिक फेरबदल हो रहा है, उसके लिए नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और पीएम मोदी को बिहार की जनता से माफी मांगनी चाहिए। इन सभी ने जनता को वादों और अपनी पार्टियों के सिद्धांतों से धोखा दिया है। इसमें सबसे बड़ा रोल नीतीश कुमार का है। कल तक तो नीतीश कुमार ओवैसी को बीजेपी की ‘बी’ टीम बोलते थे, लेकिन अब खुद उसी के साथ सरकार बना रहे हैं। बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार पलटी मारकर एक बार फिर एनडीए के खेमे में चले गए हैं। नीतीश कुमार की उलट पुलट की राजनीति से इंडिया गठबंधन के नेताओं में काफी नाराजगी है। वहीं इंडिया गठबंधन में जो राजनीतिक दल शामिल नहीं है, वह नीतीश की पलटी पर जमकर मजे ले रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों को ठेंगा दिखाकर इंडिया गठबंधन की अबतक तैयारियों पर पानी फेर दिया है। नीतीश कुमार की इस हरकत से बेहद नाराज कांग्रेस ने उन्हें ‘आया राम-गया राम’ कहा है। साथ ही नीतीश की तुलना गिरगिट से की है। वहीं आरजेडी ने भी नीतीश को ‘थका हुआ नेता’ बोलकर अपने दिल की भड़ास निकाली है। आइए जानते हैं नीतीश को लेकर राजनीतिक दलों का क्या प्रतिक्रिया है।
तृणमूल कांग्रेस ने बार-बार पाला बदलने के लिए JDU के अध्यक्ष नीतीश कुमार की आलोचना की। TMC ने कहा कि लोग ऐसी अवसरवादिता का माकूल जवाब देंगे। पार्टी के सांसद सौगत रॉय ने कहा, ‘नीतीश कुमार नियमित अंतराल पर पाला बदलने के लिए जाने जाते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने विपक्षी गठबंधन को छोड़ने का फैसला किया है। यह गठबंधन के लिए कोई झटका नहीं है। एक अन्य TMC नेता ने नीतीश कुमार की राजनीतिक विश्वसनीयता पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘पाला बदलने के उनके इतिहास के कारण ही तृणमूल हमेशा उनकी विश्वसनीयता को लेकर आशंकित रहती थी, लेकिन कांग्रेस ने कुमार को बहुत विश्वसनीय साझेदार माना।’ बंगाल सरकार में मंत्री फिरहाद हकीम ने भरोसा जताया कि आगामी लोकसभा चुनावों में BJP को हराने में विपक्षी गठबंधन सफल होगा। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी विपक्षी गठबंधन के रचनाकारों में से एक हैं और यह गठबंधन संसदीय चुनावों में BJP को हरा देगा।
तमिलनाडु में सत्तासीन DMK ने कहा कि नीतीश कुमार का I.N.D.I.A. से निकल जाना BJP के लिए नुकसानदेह और विपक्षी गठबंधन के लिए फायदेमंद है। DMK प्रवक्ता जे. कांस्टेडाइन रवींद्रन ने कहा, ‘लोग इस विश्वासघात को कभी स्वीकार नहीं करेंगे। लोग सही वक्त पर नीतीश कुमार को सबक सिखाएंगे। पार्टी के नेता टी. आर. बालू ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि केवल हिंदी बोली जानी चाहिए और हमने I.N.D.I.A. के लिए इसे सहन किया। उधर झारखंड मुक्ति मोर्चा JMM के महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि नीतीश कुमार का इस्तीफा अपेक्षित था, क्योंकि विश्वासघात उनका राजनीतिक चरित्र रहा है।
कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नीतीश कुमार को देश में ‘आया राम-गया राम’ का प्रतीक बता दिया तो वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने नीतीश कुमार को गिरगिट तक कहा। खरगे ने नीतीश कुमार को देश में ‘आया राम-गया राम’ का प्रतीक बताते हुए यहां तक कह दिया, ‘देश में ‘आया राम-गया राम’ जैसे कई लोग हैं। पहले वो और हम मिलकर लड़ रहे थे। जब मैंने लालू यादव और तेजस्वी यादव से बात की तो उन्होंने भी कहा कि नीतीश जा रहे हैं। अगर वह रुकना चाहते तो रुक जाते लेकिन वह जाना चाहते हैं, इसलिए ये बात हमें पहले से ही पता थी, लेकिन इंडिया गठबंधन को बरकरार रखने के लिए हमने कुछ नहीं कहा।’ वहीं जयराम रमेश ने नीतीश कुमार को गिरगिट बताते हुए एक्स पर पोस्ट कर कहा, ‘बार-बार राजनीतिक साझेदार बदलने वाले नीतीश कुमार रंग बदलने में गिरगिटों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। इस विश्वासघात के विशेषज्ञ और उन्हें इशारों पर नचाने वालों को बिहार की जनता माफ़ नहीं करेगी। बिलकुल साफ़ है कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा से प्रधानमंत्री और भाजपा घबराए हुए हैं और उससे ध्यान हटाने के लिए यह राजनीतिक ड्रामा रचा गया है।’