हाल ही में पीएम मोदी ने बजट के दौरान एक इशारा दे दिया है! बजट सत्र के ठीक पहले संसद भवन के बाहर पीएम नरेंद्र मोदी की राम-राम और संसद के भीतर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अभिभाषण में तीन बार राम मंदिर का जिक्र किया। दरअसल, 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने अपना एजेंडा साफ कर दिया है। 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में बाल राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही बीजेपी इस मुद्दों को हर मंच पर उठा रही है। बीजेपी के घोषणापत्र का सबसे बड़े मुद्दों में से एक राम मंदिर के पूरा होने के बाद भगवा दल इसके जरिए 24 की चुनावी वैतरणी पार करने की कोशिश में है। बजट सत्र से पहले पीएम मोदी ने पत्रकारों से बातचीत में विपक्षी सांसदों को जमकर सुना दिया। पीएम ने कहा कि संसद में हुड़दंग करने वाले सांसदों के पास बजट सत्र में पश्चाताप का मौका है। अपनी बात खत्म कहते हुए उन्होंने सबको राम-राम भी कह दिया। पीएम के इस संबोधन को विशेषज्ञ चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं। पीएम जिस आक्रामक मूड में विपक्ष पर निशाना साधा वो निश्चित ही बीजेपी के लोकसभा चुनाव की तैयारी को दिखाने के लिए काफी है। राम-राम के जरिए पीएम मोदी ने देश की जनता तक संदेश दे दिया कि इस चुनाव में राम मंदिर का मुद्दा बेहद अहम रहने वाला है।
बीजेपी के घोषणापत्र का सालों से बेहद अहम हिस्सा रहे राम मंदिर में बाल राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद ही बीजेपी इसका फायदा उठाने की तैयारी में है। सभी राज्यों से बीजेपी यूनिट हजारों लोगों को राम मंदिर के दर्शन कराने का प्लान बना चुकी है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान बीजेपी ने देश के घर-घर में अक्षत बंटवा दिया। जाहिर है पार्टी की तैयारी इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर भुनाने की है। पीएम मोदी राम मंदिर उद्घाटन के मुख्य यजमान थे। 2024 लोकसभा चुनाव के एनडीए के पीएम पद का वही चेहरा हैं। मतलब साफ है कि राम के रथ पर भगवा दल संसद के तट तक पहुंचना चाहती है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में तीन बार राम मंदिर का जिक्र किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण की इच्छा सदियों से थी आज ये साकार हो चुका है। उनके इतना बोलते ही सदन में जय श्रीराम के उद्घोष तैरने लगा। अपने भाषण के मध्य में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि अयोध्या में 5 दिन में 13 लाख श्रद्धालु गए हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि अयोध्या धाम में ही प्राण प्रतिष्ठा के बाद 5 दिनों में ही 13 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए जा चुके हैं। इसके बाद सदस्यों ने जय श्रीराम के नारे लगाए। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि सभ्यता के कालखंड में ऐसे समय आते हैं जो सदियों का भविष्य तय करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में भी ऐसे अनेक पड़ाव आए हैं। इस साल 22 जनवरी को भी देश ऐसे ही एक पड़ाव का साक्षी बना है। सदियों की प्रतीक्षा में अयोध्या में रामलला अपने भव्य राम मंदिर में विराजमान हैं। ये करोड़ों देशवासियों की इच्छा और आस्था का प्रश्न था।
कुछ दिनों में लोकसभा चुनाव का ऐलान हो जाएगा। पीएम मोदी ने राम-राम के जरिए विपक्ष को इशारा तो कर ही दिया है। इसके अलावा राष्ट्रपति के भाषण में तीन जगह राम मंदिर का जिक्र इतना बताने के लिए काफी है कि जब पीएम मोदी चुनाव प्रचार को उतरेंगे तो उनका रुख किस तरफ होगा। बीजेपी ने कुछ दिन पहले ही अपने एक्स हैंडल पर संकल्प से लेकर सिद्धि तक की तस्वीर पोस्ट की थी। इसमें टेंट में रामलला से लेकर राम मंदिर में बाल राम की मूर्ति को दिखाया गया है। बीजेपी के लिए राम मंदिर का मुद्दा काफी बड़ा था। ऐसे में जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मोदी सरकार के कार्यकाल में राम मंदिर का निर्माण हुआ तो बीजेपी के लिए ये किसी बड़े आशीर्वाद से कम नहीं रहा।
पिछले 10 सालों में मोदी सरकार ने सोशल इंजीनियरिंग के जरिए ओबीसी, ईबीसी, एससी और एसटी जातियों को साध लिया है। मंडल के नाम से जाने जानी वाली ये जातियां इन दिनों बीजेपी की कोर वोटर में शामिल है। अब राम मंदिर के जरिए बीजेपी अपने उन वोटरों को भी साध चुकी है जो कमंडल के जरिए उससे जुड़ी थी। यानी 24 के चुनाव में विकास से राम तक या यों कहें मंडल से कमंडल के साथ बीजेपी चुनावी मैदान में उतरेगी। पीएम मोदी ने आज उसका साफ-साफ इशारा कर दिया है।