इस बार का बजट रेलवे के लिए भी काफी खास रहा है! इस साल के अंतरिम बजट में रेलवे पर विशेष ध्यान दिया गया है। विशेष ध्यान इसलिए क्योंकि इस साल पिछले साल के मुकाबले 15 हजार करोड़ रुपये ज्यादा आवंटित किए गए हैं। इस साल रेलवे को दो लाख 55 हजार करोड़ रुपये की सौगात मिली है। इस रकम से रेलवे के तीन नए कॉरिडोर और 40 हजार पुराने डिब्बों को वंदे भारत ट्रेन के सुविधाजनक कोच में बदला जाएगा। आइए समझिए कहां और कितना आवंटन बढ़ा है। अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि देश में तीन मेजर इकॉनमिक रेलवे कॉरिडोर बनाए जाएंगे। इनमें से एक कॉरिडोर, एनर्जी, मिनरल और सीमेंट का होगा। दूसरा, पोर्ट कनेक्टिविटी कॉरिडोर और तीसरा, हाई स्पीड डेंसिटी कॉरिडोर। इस प्रोजेक्ट को पीएम गतिशक्ति योजना में मल्टि मॉडल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट के तहत आगे बढ़ाया जाएगा। इससे ना केवल लॉजिस्टिक्स क्षमता बढ़ेगी, बल्कि लागत में भी कमी आएगी।
इकॉनमिक कॉरिडोर बनने से आम जनता को भी फायदा होगा। अभी एक ही रेलवे लाइन पर पैसेंजर ट्रेन और गुड्स ट्रेन का ऑपरेशन होता है। रेलवे की आमदनी का मुख्य जरिया माल गाड़ी है जबकि पैसेंजर ट्रेन में देश के माननीय चलते है। इसलिए दोनों को समय से चलाना जरूरी है। लेकिन ऐसा हो नहीं पाता है। इसलिए रेलवे ने डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बना कर माल गाड़ी के ऑपरेशन को बेहतर किया। अब तीन इकॉनमिक कॉरिडोर बनाने की बात है। इससे जिन रेल रूट पर ट्रेनों का बहुत अधिक ट्रैफिक है। वहां पर ट्रैफिक लोड कम होगा, जिससे यात्री ट्रेनों की संख्या और स्पीड बढ़ने में भी मदद मिलेगी। ट्रेनों की संख्या बढ़ने से यात्रियों का सफ़र सुहाना होगा। और अधिक यात्री सफर कर सकेंगे। माना जा हरा है कि इन तीनों कॉरिडोर से देश की जीडीपी ग्रोथ बढ़ेगी और लॉजिस्टिक कॉस्ट कम होगी।
रेलवे के रिटायर्ड मेंबर ट्रैफिक श्री प्रकाश का कहना है कि तीन नए आर्थिक कॉरिडोर बनने से कई तरह के फायदे सामने आएंगे। इसमें जब माल ढुलाई के लिए अलग-अलग स्तर पर तीन कॉरिडोर देश को और मिल जाएंगे, तब दूसरी तरफ इसका बड़ा फायदा यात्री ट्रेनों की संख्या और स्पीड बढ़ने के रूप में भी मिलेगा। जब गाड़ियों को रास्ता मिलेगा तो गाड़ियां समय से चलाने में मदद मिलेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्रेनों के 40 हजार सामान्य कोच को वंदे भारत ट्रेनों के मानकों जैसा कन्वर्ट करने की घोषणा की है। इससे ज़ाहिर है कि यात्रियों की सुविधा का ख्याल किया जा रहा है। एक्सपर्ट का कहना है कि आने वाले समय में ट्रेनों से सफर करने वाले यात्रियों और माल ढुलाई के लिए रेलवे ट्रेनों की संख्या बढ़ाने और हाई स्पीड ट्रैक बिछाने के साथ ही यात्रियों को और अधिक सुविधाएं मिलेंगी। इससे ट्रेनों में टिकटों के लिए होने वाली मारा-मारी भविष्य में पूरी तरह से खत्म नहीं भी होगी तो काफी हद तक कम ज़रूर होगी। साथ ही देश में आने वाले समय में वंदे भारत ट्रेनों की अधिक से अधिक सेवाएं ली जाएंगी।
साल 2021 का बजट रेलवे के लिए ऐतिहासिक था। उस साल पहली बार रेलवे को बजट से एक लाख करोड़ से अधिक रकम आवंटित की गई थी। इसके बाद से हर साल लगातार रेलवे का बजट आवंटन एक लाख करोड़ रुपये से अधिक ही रहा है। साल 2022 के बजट में यह बढ़ कर एक लाख 40 हजार करोड़ हुआ तो 2023 में यह दो लाख 40 हजार करोड़ रहा। इस बार रेलवे को दो लाख 55 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जोकि 15 हज़ार करोड़ रुपये अधिक हैं।
केंद्र सरकार ने दिल्ली में रेलवे के विकास के लिए 2577 करोड़ रुपये का बजट दिया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का कहना है कि दिल्ली में रेलवे को पहले की सरकार की तुलना में 25 गुना ज्यादा फंड दिया गया है। मंत्री का कहना है कि यूपीए सरकार के दौरान 2009-14 के बीच औसतन केवल 96 करोड़ का बजट था, इसमें अब बहुत बड़ा इजाफा किया गया है, ताकि रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर में तेजी से विकास किया जा सके। जानकारी के अनुसार बजट में दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल के विस्तार की घोषणा की गई है। इसके अलावा दिल्ली से अलवर के बीच 104 किलोमीटर की नई रेल लाइन बिछाई जाएगी। दिल्ली-सहारनपुर बाईपास के बीच 175 किलोमीटर का ट्रैक बिछाया जाएगा। इसके अलावा नई दिल्ली से तिलक ब्रिज के बीच पांचवी और छठी लाइन बिछाई जाएगी। यह लाइन 2.65 किलोमीटर की होगी। दिल्ली सब्जी मंडी और दिल्ली मेन के बीच अतिरिक्त लाइन बिछाए जाने की भी योजना है।
रेलवे ने इस बार मुंबई में यात्री सुविधाओं को बढ़ावा देने के साथ ही मौजूदा रेल ओवर ब्रिज का काम पूरा करने के लिए ठीकठाक राशि का प्रस्ताव दिया है। पश्चिम रेलवे को सड़क सुरक्षा के लिए 1196 करोड़ रुपये का बजट में प्रस्ताव है। इसमें से प्रभादेवी, दादर और विरार-वैतरणा रोड ओवरब्रिज को दोबारा बनाया जाना है। मध्य रेलवे को सड़क सुरक्षा के लिए 756 करोड़ राशि का बजट में प्रस्ताव है। इसमें विक्रोली और दिवा रेल ओवर ब्रिज और दिवा-वसई, दिवा-पनवेल लाइन पर आरओबी का प्रस्ताव है। यात्री सुविधाओं के लिए बजट में पश्चिम रेलवे के लिए 1135 करोड़ और मध्य रेलवे के लिए 1022 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है। इनमें स्टेशनों पर एस्केलेटर्स, लिफ्टस, प्लैटफॉर्म रूफ और फुटओवर ब्रिज के काम होने हैं। बजट में महाराष्ट्र की रेलवे परियोजनाओं के लिए करीब 15,500 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है।


