यह सवाल उठना लाजिमी है कि कम पुष्कर सिंह धामी हल्द्वानी का बदला कैसे लेंगे! उत्तराखंड की सरजमीं में उबाल है। देवभूमि की शांत वादियां सुलग उठी हैं। कुमाऊं की प्राकृतिक खूबसूरती में यहां का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले हल्द्वानी में बदनुमा दाग लगा है। यह शहर आजकल सुर्खियों में है। गुरुवार की शाम में कई घंटों तक यहां की सड़कों पर तांडव चला। हिंसा की लपट भड़क उठी, जिसमें कई जानें भी गईं। बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए। खाकी वर्दी से लेकर पत्रकारों की कलम तक तोड़ दी गई। इसके बाद प्रशासन ने सख्ती दिखाई है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने खुद पहुंचकर लोगों को हौंसला बंधाया। अब सख्त रवैये की तैयारी है। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुल्डोजर चलाकर जो नजीर पेश की है, उसी फॉर्म्युले को अब धामी सरकार हल्द्वानी में भी लागू करने की तैयारी में है। उत्तराखंड की धामी सरकार ने हल्द्वानी हिंसा को लेकर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं। आरोपियों की पहचान चालू कर दी गई है। सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं। माहौल खराब करने के आरोपियों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उपद्रवियों पर रासुका लगाने की तैयारी है। यूपी में योगी आदित्यनाथ के बुल्डोजर ऐक्शन से नेताओं ने सबक लिया है। पुलिस के रवैये और समय लेने वाली भारतीय न्यायिक प्रक्रिया के कारण बुल्डोजर मॉडल त्वरित न्याय यानी इंस्टेंट जस्टिस का प्रतीक बन गया है।
हल्द्वानी के बनभूलपुरा में अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण के खिलाफ स्थानीय आबादी ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया। 5 से 6 घंटे तक जमकर हिंसा हुई। प्रशासन इधर लोगों से अपील करने और जांच में व्यस्त था तो वहीं दूसरी तरफ खाली पड़ी छतों पर पत्थर जुटा लिए गए। प्लास्टिक की बोतलों में पेट्रोल बम तैयार किए गए। इसके बाद ऐन वक्त पर हर छत और हर गली से हमला शुरू कर दिया गया। डीएम वंदना सिंह चौहान ने पूरे हमले का कच्चा चिट्ठा खोला है। उन्होंने इसे अचानक नहीं, बल्कि सुनियोजित तरीके से किया गया हमला करार दिया।
उन्होंने बताया कि भीड़ का पहला हमला पत्थरों से किया गया। हमने उसे निष्क्रिय कर दिया तो दूसरी भीड़ हाथ में पेट्रोल बमों के साथ आई। उन्हें उसमें आग लगा-लगाकर फेंकी। इसके बाद उपद्रवियों ने थाना घेर लिया। थाने में मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस अधिकारी और मशीनरी थे, उन्हें बाहर नहीं निकलने दिया गया। उन पर पत्थरबाजी, पेट्रोल बमों से हमला किया गया। थाने के बाहर वाहनों को आग लगा दी गई। इस आगजनी में थाने के अंदर धुआं भर गया। डीएम ने बताया कि जिस निर्माण को लेकर कार्रवाई की गई, वो खाली प्रॉपर्टी है। इसमें दो स्ट्रक्चर हैं, ये न तो किसी धार्मिक संरचना के तौर पर रजिस्टर्ड हैं, न ही किसी प्रकार से मान्यता प्राप्त हैं। इस स्ट्रक्चर को कुछ लोग मदरसा कहते हैं, कुछ लोग पूर्व नमाज स्थल कहते हैं। लेकिन उसका विधिक रूप से कोई दस्तावेज नहीं है। उन्हें हमने खाली कराया। ओपन स्पेस ले लिया गया। फिर एक नोटिस स्ट्रक्चर पर चस्पा कराया क्योंकि कथित रूप से ये एरिया मलिक का बगीचा नाम से जाना जाता है। जबकि कागजों में ये नगर निगम के नजूल के रूप में दर्ज है। नोटिस में तीन दिन के अंदर अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए।
दरअसल, 2017 में सत्ता संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ ने कई अभियान चलाए। अपराधियों के एनकाउंटर और अवैध कब्जों पर बुलडोजर की कार्रवाई के बाद यूपी की राजनीति में हंगामा मच गया। योगी अपने विरोधियों के निशाने पर आ गए। हालांकि साल 2019 के दिसंबर महीने में देश में सीएए-एनआरसी कानून को लेकर हंगामा मच गया। यूपी में भी राजधानी लखनऊ से लेकर पूर्वांचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश हिंसा की चपेट में आ गया। मुस्लिम बहुल इलाकों में प्रदर्शन ने हिंसक रूप लिया तो फिर बाबा का बुल्डोजर अपना रंग दिखाने लगा। राजधानी लखनऊ में 19 दिसंबर की तारीख में हिंसक प्रदर्शन हुए। इसी दिन संभल भी जल उठा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद नाराज हुए और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह को उपद्रवियों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए। सीएम योगी ने आम जन के जानमाल की सुरक्षा हर हाल में सुनिश्चित करने को कहा। इसके साथ ही उपद्रवियों को चिह्नित कर कड़ी कार्रवाई की गई।
तोड़फोड़, आगजनी और पत्थरबाजी के आरोपियों की तस्वीरें वीडियो के आधार पर चौक-चौराहों पर लगवा दी गईं। योगी सरकार ने स्पष्ट आदेश दिया कि हर एक दंगाई की पहचान करके उसकी संपत्ति को नीलाम करके नुकसान की भरपाई की जाएगी। कहीं दुकानें सील की गईं तो कहीं इमारत। ऐसा ही मंजर जून 2022 में देखने को मिला, जब बीजेपी नेत्री नुपूर शर्मा की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद कानपुर सहित यूपी में कई जगहों पर हिंसा हुई। पुलिस ने सख्ती से निपटना चालू किया और आरोपियों पर गैंगस्टर भी लगा।
हल्द्वानी में हिंसा के बाद अब पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। हल्द्वानी में बड़ा सच ऑपरेशन शुरू किया गया है। गुरुवार की शाम भड़की हिंसा के बाद प्रशासन की टीम में कार्रवाई शुरू कर दी है। मुख्य सचिव ऋतु रतूड़ी हल्द्वानी पहुंची थीं। उन्होंने इलाके का जायजा लिया। वहीं, डीजीपी का इस मामले में बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन के खिलाफ दंगों को भड़काया गया था। ऐसे तमाम दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ एनएसए लगाया जाएगा।