आखिर क्या होता है ड्राई आइस? क्या यह खतरनाक है?

0
88

आज हम आपको बताएंगे कि ड्राई आइस क्या होता है और क्या यह खतरनाक होता है! गुरुग्राम के एक कैफे में वो लोग खाना खाने गए। सभी ने खाना खाया। भोजन के बाद माउथ फ्रेशनर भी आ गया। वेटर ने उस ग्रुप को माउथ फ्रेशनर दिया। ग्रुप के पांच लोगों ने माउथ फ्रेशनर खा लिए। अंकित भी उसी ग्रुप में शामिल थे। उन्होंने माउथ फ्रेशनर नहीं खाया। वो लकी निकले। क्यों? क्योंकि माउथ फ्रेशनर खाने वाले थोड़ी देर में पेरशान हो गए। उनका जी मिचलाने लगा और तुरंत खून की उल्टियां होने लगीं। आखिर में अंकित ही उन्हें अस्पताल ले गए और पुलिस को सारी बातें बताईं। सवाल है कि आखिर माउथ फ्रेशनर खाने से खून की उल्टियां कैसे हो सकती हैं? दरअसल, वो माउथ फ्रेशनर कुछ और नहीं, ड्राई आइस था। आइए जानते हैं कि ड्राई आइस यानी सूखी बर्फ क्या होता है और इसके खाने से खून की उल्टियां क्यों आ गईं? ड्राई आइस दरअसल ठोस कार्बन डाइऑक्साइड होता है। यह कार्बन डाइ ऑक्साइड Co2 का जमा हुआ रूप है। हम सांस के रूप में ऑक्सिजन लेते हैं और कार्बन डाइ ऑक्साइड छोड़ते हैं। हमसे उलट पौधे प्रकाश संश्लेषण के लिए कार्बन डाइ ऑक्साइड का इस्तेमाल करते हैं और ऑक्सिजन छोड़ते हैं। ड्राई आइस -78.5 डिग्री सेल्सियस -109.3 डिग्री फारेनहाइट के तापमान पर जमा होता है और सामान्य बर्फ के टुकड़ों से बहुत ज्यादा ठंडा होता है। आइस क्यूब, पानी को 0 डिग्री सेल्सियस 32 डिग्री फारेनहाइट तापमान पर जमाकर बनता है। ड्राई आइस का उपयोग खराब होने वाले सामानों के ट्रांसपोर्टेशन या फिल्मों या पार्टियों में कोहरा जैसे विशेष प्रभाव बनाने में होता है।हालांकि, इसकी ठंडक में ही खतरा छिपा है। सामान्य आइस क्यूब के विपरीत ड्राई आइस पिघलकर पानी नहीं बनता, बल्कि यह उर्ध्वपतन करता है। इसका मतलब है कि यह ठोस से सीधे गैस में बदल जाता है। ठोस से गैस बनने की इस प्रक्रिया में भारी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड पैदा होता है। यही वजह है कि जब गुरुग्राम के ला फॉरेस्टा कैफे के वेटर ने पांच लोगों को माउथ फ्रेशनर की जगह ड्राई आइस दे दिया तो उन्हें खून की उल्टियां होने लगीं।

ड्राई आइस खाने से यह मुंह, गले और पेट में मौजूद बहुत गर्म ऊतकों के सीधे संपर्क में आ जाता है। बहुत ठंडा बर्फ और पेट की गर्मी के बीच तापमान में इतने बड़े फर्क के कारण जलन पैदा हो जाता है। इसे ऐसे समझिए कि जैसे गर्म तवे या किसी अन्य बर्तन पर ठंडे पानी के छीटें मार दिए हों। जलन आपके पाचन तंत्र की नाजुक परत को नुकसान पहुंचाती है। यह नुकसान जलन, रक्तस्राव ब्लीडिंग और यहां तक कि अल्सर भी पैदा कर सकता है। सेल को नुकसान पहुंचने से खून बहना आम हो जाता है, जिससे खून के धब्बों वाली उल्टी हो सकती है। गंभीर मामलों में अत्यधिक ब्लीडिंग हो सकती है।

जैसा कि पहले बताया गया है, ड्राई आइस घुलता नहीं बल्कि गैस बन जाता है। इससे बड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलती है। आपके पेट जैसे बंद स्थान में यह गैस तेजी से फैलेगी तो पाचन तंत्र पर दबाव पड़ेगा जिससे जलन और ब्लीडिंग जैसी गंभीर समस्या हो सकती है। ड्राई आइस कभी मत खाएं। यह ठोस से सीधे गैस में बदल जाता है। ठोस से गैस बनने की इस प्रक्रिया में भारी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड पैदा होता है। यही वजह है कि जब गुरुग्राम के ला फॉरेस्टा कैफे के वेटर ने पांच लोगों को माउथ फ्रेशनर की जगह ड्राई आइस दे दिया तो उन्हें खून की उल्टियां होने लगीं।यह खाने के लिए नहीं है और इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

ड्राई आइस को सावधानी से संभालें। त्वचा के संपर्क से बचने के लिए दस्ताने पहनें, जिससे फ्रॉस्टबाइट हो सकता है। ड्राई आइस को बच्चों और पालतू जानवरों की पहुंच से दूर रखें। वे इसे खाने या खेलने के लिए सुरक्षित चीज समझ सकते हैं।  यदि आपको संदेह है कि किसी ने ड्राई आइस खा लिया है, तो तुरंत डॉक्टर से इलाज करवाएं। किसी ने ड्राई आइस खा ली हो तो उसे उल्टी करवाने की कोशिश नहीं करें और कुछ भी खाने-पीने नहीं दें। खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण FSSAI ने 11 अक्टूबर, 2019 के एक नोट में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों से ‘खाद्य उत्पादों के लिए शीतलक के रूप में ड्राई आइस के सुरक्षित और उचित संचालन के बारे में सभी फूड बिजनस ऑपरेटरों और आम नागरिकों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए एक व्यवस्थित अभियान शुरू करने’ का आग्रह किया था।