आज हम आपको नई शराब नीति के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने सभी नेताओं को जेल पहुंचाया है! प्रवर्तन निदेशालय आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अदालत में पेश करेगा। दिल्ली शराब घोटाले में ईडी ने केजरीवाल को करीब दो घंटे की पूछताछ के बाद गुरुवार रात को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट से राहत मांगने गए अरविंद केजरीवाल को वहां से निराशा हाथ लगी। हाई कोर्ट ने ईडी से केजरीवाल पर लगे आरोपों की फाइल ईडी से मांग ली। बंद कमरे में फाइल देखने के बाद मामले की सुनवाई कर रहे जज ने केजरीवाल को कोई राहत देने से इनकार कर दिया। उसके बाद ईडी की एक बड़ी टीम केजरीवाल के घर पूछताछ के लिए पहुंच गई।इधर दिल्ली सीएम के ईडी पूछताछ कर रही थी, उधर आप कार्यकर्ता सीएम आवास के बाहर जुटने लगे। माहौल बिगाड़ा नहीं जा सके, इसके लिए तुरंत सुरक्षा का भारी बंदोबस्त कर दिया गया। फिर खबर आई कि ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली शराब नीति में गड़बड़ियों के मामले में ही अरविंद केजरीवाल का दाहिना हाथ माने जाने वाले और दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया, आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह समेत कई अन्य को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। अरविंद केजरीवा को ईडी ने पिछले वर्ष 2023 के नवंबर से अब तक कुल नौ समन भेज चुकी थी, लेकिन केजरीवाल एक बार भी ईडी के पास नहीं गए। अब वो गिरफ्तार हो चुके हैं। अरविंद केजरीवाल की दिल्ली सरकार ने 2021 में शुरू की गई अपनी शराब उत्पाद शुल्क नीति में कई बदलाव किए थे। नई नीति में शराब पीने की न्यूनतम उम्र को 25 वर्ष से घटाकर 21 वर्ष करना, सरकारी शराब ठेकों को पूरी तरह बंद करके सारे ठेके निजी हाथों में सौंपना और प्राइवेट वेंडरों को लिकर स्टोर का लाइसेंस जारी करना, विभिन्न शराब ब्रांडों के लिए रजिस्ट्रेशन के अलग-अलग मानदंड, दिल्ली के बाहर के क्षेत्रों में मूल्य निर्धारण जैसे कारकों को ध्यान में रखना शामिल था।
इसमें वार्षिक शराब वेंडिंग लाइसेंस शुल्क में भी उल्लेखनीय वृद्धि का प्रस्ताव था, इसे 8 लाख रुपये से बढ़ाकर 75 लाख रुपये किया गया था। दिल्ली सरकार ने शराब के खुदरा कारोबार से हाथ खींच लिया, प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से 849 निजी विक्रेताओं को लाइसेंस दिए। हालांकि, सरकार ने एक्साइ ड्यूटी की नई पॉलिसी को वापस लेने की घोषणा की। यह कदम लाइसेंसिंग प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोपों के जवाब में उठाया गया था। कोविड महामारी के बीच भी उत्पाद शुल्क नीति का व्यापक विरोध हुआ था। टेंडरों के आवंटन के दौरान शराब लाइसेंसधारियों बेजा लाभ पहुंचाने के आरोप लगे थे।
सक्सेना ने दिल्ली के शीर्ष नौकरशाह की एक रिपोर्ट के आधार पर औपचारिक रूप से केंद्रीय जांच ब्यूरो जांच की अपील की। रिपोर्ट में सिसोदिया पर नियमों को तोड़ने और शराब विक्रेता लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया था। सीबीआई ने उत्पाद शुल्क विभाग के प्रमुख उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और धोखाधड़ी और रिश्वतखोरी के लिए प्रक्रिया में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। जांच में संपत्ति की तलाशी शामिल थी और ईडी ने कुछ आप नेताओं पर योजना से लाभ उठाने का आरोप लगाया। इससे अंततः सिसोदिया की कानूनी परेशानियां और गिरफ्तारी हुई। फिर अक्टूबर, 2023 में आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह गिरफ्तार हो गए।
दूसरी तरफ ईडी ने एक प्रेस नोट में अरविंद केजरीवाल को मामले में ‘साजिशकर्ता’ बताया था। ईडी ने कहा है कि भारत राष्ट्र समिति की नेता के. कविता ने कथित तौर पर केजरीवाल और आप नेताओं मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के साथ मिलकर नई शराब नीति तैयार की थी जो रद्द की जा चुकी है। कथित साजिश दक्षिण भारत के एक शराब लॉबी को फायदा पहुंचाने के लिए नई शराब नीति बनाने की बात थी। ईडी ने उस लॉबी को ‘साउथ लॉबी’ नाम दिया है। प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, नई शराब नीति के लिए आप और ‘साउथ लॉबी’ के बीच ₹100 करोड़ की डील हुई। ये पैसे आप को मिल भी गए। इसके बाद शराब के थोक कारोबार में निर्धारित 12 प्रतिशत कमिशन से रकम में से आधा यानी 6 प्रतिशत भी वापस आम आदमी पार्टी को दे दिया गया। केजरीवाल का नाम कुछ आरोपियों और गवाहों के बयानों में आया था। ईडी ने अपने रिमांड नोट और चार्जशीट में इसकी चर्चा की है।
जांच एजेंसी ने कहा कि शराब नीति मामले में आरोपी विजय नायर अक्सर केजरीवाल के ऑफिस जाता था और वहां अपना अधिकांश समय बिताता था। जांचकर्ताओं ने कहा है कि नायर ने कथित तौर पर शराब व्यापारियों से कहा कि उसने केजरीवाल के साथ नई शराब नीति पर चर्चा की थी। यह नायर ही था, जिसने इंडोस्पिरिट के मालिक समीर महेंद्रू को केजरीवाल से मिलवाया था। जब बैठक असफल रही तो उन्होंने महेंद्रू और केजरीवाल से वीडियो कॉल पर बात करवाई, जिसमें केजरीवाल ने कहा कि नायर उनके बच्चे जैसा है जिन पर उन्हें भरोसा है। साउथ लॉबी में पहले आरोपी और अब गवाह बने राघव मगुंटा ने कहा था कि उनके पिता, जो आंध्र प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के सांसद हैं, शराब नीति के बारे में ज्यादा जानकारी लेने के लिए केजरीवाल से मिले थे।
मनीष सिसोदिया के पूर्व सचिव सी अरविंद ने 7 दिसंबर, 2022 को अपने बयान में बताया कि मार्च, 2021 में उन्हें सिसोदिया से मंत्री समूह की एक ड्राफ्ट रिपोर्ट मिली थी। उन्होंने दावा किया कि जब वो सिसोदिया के बुलाने पर केजरीवाल के घर गए, तो उन्होंने देखा कि वहां सत्येंद्र जैन पहले से मौजूद थे। सी अरविंद ने कहा कि उनके सामने जो दस्तावेज पेश किया गया, उसे उन्होंने पहली बार देखा था क्योंकि मंत्री समूह कि किसी बैठक में ऐसे किसी प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हुई थी, लेकिन उन्हें इसी डॉक्युमेंट के आधार पर एक मंत्री समूह की रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया। इस रिपोर्ट में शराब का थोक कारोबार निजी लोगों को देने की बात थी।