मनोज बाजपेयी को बॉलीवुड में शुरुआती दिनों में काफी स्ट्रगल करना पड़ा था। हाल ही में एक इंटरव्यू में, एक्टर ने उस समय को याद किया जब उन्हें अपने खाने के लिए लोगों को धोखा देना पड़ता था। उन्होंने बताया कि एक समय ऐसा था जब उनके पास खाने तक के पैसे नहीं हुआ करते थे। मनोज ने कहा, खाना ढूंढना उनके लिए उस वक्त की सबसे बड़ी समस्या थी।
दिल्ली की बरसाती में रहना मुश्किल – मनोज
उन्होंने हाल ही में मिंट के लिए रितेश अग्रवाल से बातचीत के दौरान अपने पुराने दिनों को याद किया। मनोज ने कहा, मुंबई में बेसिक जरूरतों को पूरा करने के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ता था। बातचीत के दौरान एक्टर ने दिल्ली की बदनाम बरसातियों में रहने को भी याद किया और बरसाती में रहने के फायदे और नुकसान के बारे में भी बात की। उन्होंने बरसाती में बिताए अपने दिनों के बारे में सोचकर कहा कि आज भी मैं वो दिन याद कर के कांप उठता हूं।
इस दौरान मनोज ने रिवील किया कि वे मुखर्जी नगर में बरसाती में रहते थे। उन्होंने कहा कि बरसाती का फायदा ये है कि वे सस्ते होते हैं। लेकिन गर्मियों में बहुत गर्मी होती थी और सर्दियों में बहुत ठंड। एक्टर ने कहा, अगर बाहर का तापमान 40 डिग्री होता तो बरसाती के अंदर 45 डिग्री जैसा लगता। और यह नरक जैसा था।
दिल्ली में 18 घंटे फ्री में काम करते थे मनोज
मनोज ने बताया कि उन्होंने कई सालों तक दिल्ली में रहते हुए, नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में पढ़ाने के साथ अपनी एक्टिंग स्किल्स पर काम किया और बाद में वह मुंबई शिफ्ट हो गए थे। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जब मैं दिल्ली में था, तो थिएटर से मुझे पैसे नहीं मिलते थे, लेकिन फिर भी मैं बिजी रहता था क्योंकि दिन में 18 घंटे काम करता था।
काम न मिलने के कारण हो गए थे मेंटली डाउन
मनोज ने कहा, मैं अपने दोस्तों का शुक्रगुजार हूं, क्योंकि दिल्ली में उन्होंने मुझे कभी भूखा नहीं सोने दिया था। अगर मैं दोपहर का खाना नहीं खाता था तो मेरे दोस्त अपना खाना मेरे साथ शेयर करते थे। लेकिन, मुंबई में सर्वाइव करना मेरे लिए बहुत मुश्किल था। उन्होंने कहा काम न मिलने के कारण मैं न सिर्फ फिजिकली बल्कि इमोशनली और मेंटली भी डाउन हो गया था।
मनोज बाजपेयी ने बताया कि वो उस दौरान पूरी तरह से कंगाल थे। उन्होंने कहा कि मुंबई काफी महंगी जगह है, जहां इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपको खाना मिलेगा या नहीं। एक्टर ने कहा कि जब काम के लिए प्रोडक्शन वालों के पास जाता था तो वो भगा देते थे।
वर्कफ्रंट की बात करें तो मनोज को आखिरी बार फिल्म भैया जी और नेटफलिक्स सीरीज किलर सूप में देखा गया था।
मनोज बाजपेयी ने सुनाई स्ट्रगल स्टोरी:बोले, मुंबई में खाने के लिए लोगों को देना पड़ता था धोखा, 18 घंटे काम करने के बाद भी नहीं मिलते थे पैसे
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