नई दिल्लीः वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में बनी ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग प्रकट होने के बाद पूरे देश की निगाहें अदालती कार्यवाही पर लगी हैं. वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस पूरी घटना का मजाक उड़ाते हुए हिंदू धर्म पर विवादित बयान दिया है. बुधवार 18 मई को अखिलेश यादव अयोध्या पहुंचे और मीडिया से मुखातिब हुए। इस दौरान अखिलेश ने कहा, ‘हमारे हिंदू धर्म में यह है कि कहीं पर भी पत्थर रख दो, एक लाल झंडा रख दो, पीपल के पेड़ के नीचे तो मंदिर बन गया।’
इस दौरान अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला। अखिलेश यादव ने कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी की साजिश है। भारतीय जनता पार्टी के लोग हिंदू- मुसलमान के बीच नफरत पनपाते हैं, ताकि लोग इसी में उलझे रहें। उन्होंने आगे कहा कि बुलडोजर कार्रवाई केवल डराने के लिए है। ये बुलडोजर केवल धर्म, जाति और हमारे मुसलमान भाइयों को डराने के लिए है। बुलडोज़र कार्रवाई बड़े लोगों के लिए नहीं है।अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि देश में महंगाई बढ़ी है, वह भाजपा ने बढ़ाई है। अभी तक एक योजना चला रही थी, कि वन नेशन वन राशन, लेकिन अब योजना चला रही है कि वन नेशन वन उद्योग पति। इतना ही नहीं आगे कहते है कि भारतीय जनता पार्टी ज्ञानवापी का मुद्दा जानबूझकर उठा रही है। सभी का ध्यान ज्ञानवापी मस्जिद की ओर करके भाजपा उद्योगों को बेच रही है। सपा मुखिया यही नहीं रूके कहते है कि ज्ञानवापी मस्जिद के बहाने सरकार गेहूं को विदेश भेजकर कुछ लोगों को फायदा पहुंचा रही है।
अखिलेश यादव ने इससे पहले भी ज्ञानवापी मस्जिद मामले में बीजेपी पर निशाना साधा था. उन्होंने मंगलवार को कहा था कि जरूरी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे मसले उठाए जा रहे हैं. एसपी चीफ के मुताबिक, ‘आज तेल और खाद्य सामान महंगे हो चुके हैं और बढ़ती महंगाई-बेरोजगारी को लेकर बीजेपी के पास को जवाब नहीं है. असल में बीजेपी के पास ऐसा पूरा नफरत वाला कैलेंडर है, जिन्हें वह चुनाव आने तक लगातार उठाती रहेगी अखिलेश ने कहा, ‘एक समय ऐसा था कि रात के अंधेरे में मूर्तियां रख दी गई थीं। बीजेपी कुछ भी कर सकती है और कुछ भी करा सकती है।’ उन्होंने आगे बोलते हुए कहा कि ‘यह कोर्ट का मामला है, सबसे बड़ी बात है कि जिसकी जिम्मेदारी थी सर्वे करने की, आकिरकार वह रिपोर्ट बाहर कैसे आ गई।