योग कोई भी हो लाभदायक ही होता है! लेकिन यहां बात वृक्षासन की हो रही है, तो यह जानना जरूरी हो जाता है कि वृक्षासन करने से शरीर को क्या फायदे होते हैं? शुरुआत में वृक्षासन करना आसन नहीं होता है। हालांकि इसे करने में अत्यधिक परिश्रम की जरूरत नहीं पड़ती है। लगातार अभ्यास करने से यह आसन करने में सरल हो जाता है। वृक्ष की मुद्रा में खड़ा रहना वृक्षासन कहलाता है। इस योग को ध्यान योग भी कहा जाता है।
खराब दिनचर्या, गलत खानपान और तनाव के चलते कई बीमारियां जन्म लेती हैं। इनमें एक रोग किडनी से संबंधित है। चिकित्सा भाषा में इस बीमारी को पथरी कहा जाता है। इस बीमारी में किडनी में पत्थर का निर्माण होना लगता है। कुछ लोगों की किडनी में बड़े पत्थर का निर्माण होता है, तो कुछ लोगों की किडनी में छोटे पत्थर का निर्माण होता है। विशेषज्ञों की मानें तो मूत्र मार्ग के जरिए छोटी-छोटी पथरियां बाहर निकल जाती हैं। वहीं, बड़ी पथरी मूत्र के जरिए बाहर नहीं निकल पाती है। इससे मूत्र क्रिया में बाधा आती है। साथ ही पीड़ित व्यक्ति के कमर और पेट में दर्द होने लगता है। यह बीमारी पुरुषों को अधिक होती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को रोजाना अत्यधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए। इसके अलावा, डॉक्टर से भी जरूर सलाह लें। वहीं, रोजाना संतुलित आहार के साथ योग जरूर करें। योग के कई आसन हैं। इनमें एक आसन वृक्षासन है, जिसे करने से पथरी को दूर करने में मदद मिलती है।
शुरुआत में वृक्षासन करना आसन नहीं होता है। हालांकि, इसे करने में अत्यधिक परिश्रम की जरूरत नहीं पड़ती है। लगातार अभ्यास करने से यह आसन करने में सरल हो जाता है। वृक्ष की मुद्रा में खड़ा रहना वृक्षासन कहलाता है। इस योग को ध्यान योग भी कहा जाता है।
कैसे करे वृक्षासन?
इसके लिए सूर्य की दिशा में मुखकर सावधान मुद्रा में खड़े होकर अपने दोनों हाथों को हवा में लहराते हुए ऊपर ले जाएं और अपने बाएं पैर को दाहिने जांघ पर रखें। अब वृक्ष की मुद्रा में खड़े हो जाएं। इसके बाद शारीरिक क्षमता के अनुसार, अपने शरीर को नियंत्रित करें। कुछ समय पश्चात, पहली अवस्था में आ जाएं। इसे रोजाना कम से कम 10 बार जरूर दोहराएं।एक शोध में खुलासा हुआ है कि वृक्षासन करने से पथरी रोग में आराम मिलता है। इसके साथ ही कई अन्य योगासन भी हैं, जिन्हें करने से पथरी रोग में आराम मिलता है। इसके लिए रोजाना वृक्षासन योग जरूर करें ।