आम फलों का राजा होता है! इसकी कई किसमें पाई जाती है, जो अलग अलग स्वाद और अलग अलग रंग रूप की होती है! फलों का राजा आम केवल गर्मियों के सीजन में ही मिलता है। इसे खाने के शौकीन पूरे साल आम का इंतजार करते हैं। भारत के साथ ही दुनिया के और भी देशों में आम की अलग-अलग किस्में मिलती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि केवल भारत के अलग-अलग हिस्सों में लगभग 15 से भी ज्यादा किस्में हैं। जिनके स्वाद से लेकर महक तक अलग होती हैं। वहीं इन आमों का रंग भी एक दूसरे से जुदा ही होता है। दक्षिण भारत में आम की कई सारी वैराइटी होती है। तो वहीं महाराष्ट्रा से लेकर उत्तर भारत में चौसा, लंगड़ा जैसे मशहूर आम मिलते हैं।
तोतापरी आम की खासियत इसका कलर से लेकर महक तक होती है। तोतापरी आम पकने पर भी हरे रंग का होता है। वहीं पीले शेड के साथ इसका आकार तोते की तरह दिखता है। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक में पाई जाने वाली तोतापरी आम की किस्म बाकी आमों की तरह उतनी मीठी और रसीली नहीं होती। लेकिन अगर आप कम खट्टे आम के अचार को पसंद करते हैं या फिर सलाद में आम काटना चाहते हैं। तो तोतापरी आम बेस्ट होगा।
इस आम को आप तोते जेसे आकार के साथ ही हरे पीले ओम्बर शेड कलर से पहचान सकते हैं।
हापुस आम महंगे आम की किस्म में शामिल है। जो दुनिया के बाकी हिस्सों में भेजे जाते हैं। महाराष्ट्र में मुख्य रूप से फलने वाले इन आमों को अब कर्नाटक और गुजरात के कुछ हिस्सों में भी उगाया जाता है। केसरिया रंग और अपनी खास महक से जाने जाने वाले ये आम बिना रेशे के होते हैं।
वैसे तो पके आम खूब मीठे और रसीले होते हैं। लेकिन सिंधूरा आम हल्की मिठास के साथ ही खटास लिए होता है। जिसकी अपनी एक खास महक और स्वाद होता है। जो जुबां पर लंबे समय तक बना रहता है। अगर आप शेक या पल्प बनाना चाहते हैं। सिंधूरा आम इसके लिए बेस्ट होता है। सिंधूरा आम बाहर से लाल रंग का होता है। जबकि अंदर से सुर्ख पीले रंग के होते हैं।
बंगीनापल्ली आम बंगीनापल्ली, कूर्नूल जिले में होता है। जो कि आंध्र प्रदेश में है। अल्फांसो आम से बड़े ये आम की किस्म पीले रंग की होती है। जिस पर धब्बे पड़े होते हैं। हल्के पीले रंग के साथ ही बेहद पतले छिलके के ये आम होते हैं। बंगीनापल्ली आम की महक के साथ ही अंडाकार आकार होता है। वहीं रिपोर्ट्स के मुताबिक ये करीब 14 सेमी तक लंबे होते हैं।
रत्नागिरी आम महाराष्ट्र के जिलों रत्नागिरी, देवगिरी, रायगड़ और कोंकण में उगता है। रत्नागिरी किस्म का एक आम लगभग 150 से 300 ग्राम का होता है। अल्फांसो आम भारत के सबसे अच्छे आमों में से एक होता है। साथ ही ये बेहद मंहगे भी होते हैं। रत्नागिरी आम को आसानी से पहचाना जा सकता है। क्योंकि इन आम के ऊपर हल्का सा लाल रंग होता है।