नई दिल्ली। देश में शायद ही कोई ऐसा पर्यटन स्थल हो, जहां धर्म, अध्यात्म, प्रकृति और इको टूरिज्म में रुचि रखने वाले हर आयु वर्ग के लोगों के लिए भ्रमण की वजहें एक साथ मौजूद हों। अगर आप किसी ऐसे स्थान की तलाश में हैं तो बिहार का राजगीर आपका पसंदीदा स्थल हो सकता है।
पटना से लगभग सौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित राजगीर पर्यटन का फुल पैकेज है। पुरातत्व में रुचि रखने वालों के लिए यहां असीम संभावनाएं हैं। ऐतिहासिक व पुरातात्विक महत्व के अवशेष बिखरे पड़े हैं। पहाडिय़ों पर नैसर्गिक सुंदरता है। एडवेंचर टूर्जिम के शौकीनों के लिए अनेक स्थल हैं। राजगीर की सुरक्षा को बनी साइक्लोपियन वाल चीन की दीवार से भी पुरानी हैं। इतिहासकारों के लिए यह गौरवशाली मगध साम्राज्य की राजधानी है।
आस्था के स्थल- राजगीर में धर्म- अध्यात्म में रुचि रखने वालों के लिए आस्था के केंद्र मौजूद हैं। सनातन धर्मावलंबियों के लिए 84 लाख देवताओं की पावन भूमि है, गर्म जलस्रोत ब्रम्हकुंड है। बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए भगवान बुद्ध का प्रिय प्रवास स्थल वेणु वन, उपदेश स्थल गृद्धकूट पर्वत व प्रमुख बौद्ध ग्रंथ त्रिपिटक के अस्तित्व में आने की सप्तपर्णी गुफा है। जैन धर्मावलंबियों के लिए तीर्थंकरों के चार्तुमास का पवित्र स्थल है। पांचों पहाडिय़ों के शिखर पर विद्यमान मंदिर इसका प्रमाण हैं। सिख धर्मावलंबियों के लिए गुरु नानक के आगमन व कृपा की भूमि है।
हैंगिंग ग्लास ब्रिज का रोमांच- एडवेंचर टूरिज्म के लिए पहाडिय़ों की चढ़ाई और वन्य जीवों से भरे जंगल हैं। बाघ, शेर, हिरण सरीखे वन्य जीवों को खुले में विचरण करते देखने को जू सफारी है। प्रकृति प्रेमियों व आयुर्वेद के जानकारों के लिए विभिन्न प्रजाति के पेड़-पौधों व जड़ी-बूटियों से भरी नेचर सफारी है। पहाडिय़ों की घाटियों को देखने के रोमांच के लिए हैंगिंग ग्लास ब्रिज है। पैरों तले पारदर्शी शीशे के नीचे का दृश्य देखना सचमुच अविस्मरणीय है।
सिंगल सीटर रोपवे का रोमांच- दुनिया को शांति का संदेश देने को रत्नागिरी के शिखर पर बने विश्व शांति स्तूप तक जाने को सिंगल चेयर व आठ लोगों के बैठने वाले केबिन का रोप वे है। स्तूप के पीछे से राजगीर आयुध फैक्ट्री का विहंगम दृश्य देश की सुरक्षा के लिए ‘मेक इन इंडिया’ की आश्वस्ति देता है। यहां बोफोर्स तोपों के लिए बाई माड्यूलर चार्जर बनता है। जिससे अब इसके आयात की जरूरत नहीं पड़ती और विदेशी मुद्रा की बचत होती है।
राजहंसों के बीच नौका विहार- सात किमी लंबी आल वेदर रोड इको टूरिज्म स्पाट घोड़ाकटोरा झील पहुंचाती है। दूर से ही भगवान बुद्ध की ध्यान मुद्रा में 70 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा बरबस ध्यान खींचती है। झील में तैरते राजहंस व बत्तखों के झुंड के बीच नौका विहार का अलग ही आनंद है। प्राचीन नालंदा महाविहार की पुर्नस्थापना के विचार से बना अंतरराष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय शोध व स्नातकोत्तर अध्ययन का बड़ा केंद्र है। अभी यहां 31 देशों के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैैं। अब यह बिम्सटेक देशों की छात्रवृत्ति के दायरे में आ चुका है। समुद्र्री विज्ञान में अनुसंधान के क्षेत्र में भी विश्व के अन्य विश्वविद्यालय का सहयोग कर रहा है।