‘लेग्स अप द वॉल’ पोज क्या है? इस योग के क्या फायदे हैं?

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iStock/Getty Images

योग कोई भी हो फायदेमंद ही होता है! लेकिन योग करने वाले को यह पता जरूर होना चाहिए कि वह जो व्यायाम कर रहा है उसके क्या फायदे हैं? शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए दिनचर्या में योगासनों को शामिल करना सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है। योग, शरीर के तनाव को दूर करने के साथ लचीलेपन में सुधार करने में मदद करते हैं। मन और शरीर, दोनों पर ही योगासनों का सकारात्मक असर होता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक सभी उम्र के लोगों को रोजाना योगाभ्यास के लिए समय जरूर निकालना चाहिए। ऐसा करके आप शारीरिक निष्क्रियता के जोखिम को कम कर सकते हैं, जिसे मौजूदा समय में कई तरह की बीमारियों के प्रमुख कारण के तौर पर देखा जाता है। अपनी शारीरिक स्थिति के आधार पर सभी लोगों को दिनचर्या में योगासनों को जरूर शामिल करना चाहिए।

योग विशेषज्ञों के मुताबिक शरीर के सभी अंगों के लिए जिन योगाभ्यासों को सबसे फायदेमंद माना जाता है, लेग्स अप द वॉल पोज या विपरीत करणी योग का अभ्यास उनमें से एक है। पैरों से लेकर सिर तक की मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के साथ रक्त के संचार को बेहतर बनाए रखने में विपरीत करणी योग को काफी कारगर माना जाता है। तनाव और चिंता को कम करने के साथ कई तरह की शारीरिक जटिलताओं से बचाव के लिए लेग्स अप द वॉल पोज का रोजाना अभ्यास आपके लिए विशेष लाभप्रद हो सकता है।

विपरीत करणी योग का अभ्यास शारीरिक क्षमता को बढ़ाने और रक्त के संचार को व्यवस्थित बनाए रखने के सबसे कारगर अभ्यासों में से एक है। नियमित रूप से इस योग के अभ्यास की आदत आपको कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ दे सकती है। इस योग का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं और हाथ और पैरों को जमीन पर सीधा रखें। अब धीरे-धीरे दोनों पैरों को ऊपर उठायें जिससे 90 डिग्री का कोण बनता हो। सुनिश्चित करें कि पीठ और सिर जमीन पर ही टिका रहे। इस स्थिति में कुछ देर तक रहें और फिर पूर्ववत स्थिति में आ जाएं।

लेग-अप-द-वॉल पोज़ से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत को कई तरह के लाभ हो सकते है। गर्दन से लेकर पैरों तक की मांसपेशियों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए नियमित रूप से इस योगाभ्यास की आदत विशेष लाभप्रद हो सकती है।

लेग-अप-द-वॉल पोज़ करते समय यदि आपको पैरों से 90 डिग्री का कोण बनाने में दिक्कत का अनुभव होता है तो इसके लिए आप किसी दीवार का सहारा ले सकते हैं। मासिक धर्म या फिर कूल्हे-घुटने की चोट की स्थिति में इस योगाभ्यास को करने से बचना चाहिए। गर्भवती महिलाओं, उच्च रक्तचाप या हर्निया वाले लोगों को इस योग के अभ्यास से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।