गर्मियों में जब लू लगती है तो होंठ सूख जाते हैं, जिसका परिणाम यह होता है कि होंठ धीरे धीरे फटने लगते हैं ! गर्मी का मौसम हमारी सेहत के लिए कई प्रकार से चुनौतीपूर्ण होता है। हीट वेब के कारण होने वाली समस्याओं से लेकर, आंखों की एलर्जी, पाचन और त्वचा से संबंधित कई तरह की दिक्कतें इस मौसम में अपेक्षाकृत अधिक देखी जाती हैं। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को सेहत के प्रति विशेष सावधानी बरतते हुए गर्मी से बचाव करते रहने की अपील करते हैं।
गर्मियों में होंठ फटने की समस्या भी अधिक देखने को मिलती है। होंठ फटना वैसे तो सामान्य माना जाता है, हालांकि कुछ स्थितियों में यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकते भी हो सकती है, इसलिए इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता होती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, इस मौसम में तेज धूप के कारण त्वचा से संबंधित कई तरह की समस्याओं के बढ़ने का खतरा होता है। जो लोग अधिक धूप में रहते हैं उनमें होंठ फटने की समस्या अधिक देखी जाती है। यह ड्राई स्किन यानी की त्वचा के सूखेपन के कारण होने वाली समस्या है। हालांकि अगर आपको बार-बार यह दिक्कत हो रही है तो इस बारे में किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें, क्योंकि यह कुछ अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्याओं की तरफ संकेत भी हो सकता है।
मौसम में बदलाव, एलर्जी, बहुत अधिक धूप-सर्दी या फिर कुछ दवाइयों के अधिक सेवन के कारण होंठ फटने की दिक्कत हो सकती है, हालांकि यह सामान्य घरेलू उपायों के माध्यम से ठीक भी हो जाती है। कुछ लोगों में यह समस्या बार-बार होती रहती है और गंभीर रूप भी विकसित कर सकती है, इसे चिलाइटिस के रूप में जाना जाता है।
इस समस्या को समझने के लिए हमने त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ रुचिका गौर से बात की। डॉ रुचिका बताती हैं, गर्मी के दिनों में होंठ फटने का एक प्रमुख कारण डिहाइड्रेशन हो सकता है। तेज धूप के कारण शरीर से पसीने के रूप से पानी अधिक निकल जाता है, इस अनुपात में कम पानी पीने वाले लोगों में होंठ फटने के साथ त्वचा में सूखेपन की समस्या भी अधिक देखने को मिलती है।
यदि आप खूब पानी भी पीते हैं तब भी आपको होंठ फटने की दिक्कत महसूस होती है तो इसे कुछ विटामिन्स की कमी या फिर कोई अन्य अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या का संकेत माना जा सकता है। बार-बार होने वाली इस दिक्कत में किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक हो जाता है। फोलेट विटामिन बी 9, राइबोफ्लेविन विटामिन बी 2, विटामिन बी 6 और बी 12 की कमी के कारण भी बार-बार होंठ फटने की समस्या होती रही है। इन विटामिन्स की कमी से कई तरह की अन्य समस्याओं का जोखिम भी हो सकता है, ऐसे में इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
मेडिकल रिपोर्टस से पता चलता है कि चिलाइटिस (होंठ फटने की गंभीर समस्या) संक्रमण और सूजन संबंधी बीमारियों के कारण होने वाली दिक्कत है। इस स्थिति में अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो फटे हुए होंठों के दरारों में बैक्टीरिया प्रवेश करके संक्रमण का कारण बन सकते हैं। हालांकि यह पता लगाने के लिए कि, आपको सामान्य होंठ फटने की दिक्कत है या फिर चिलाइटिस, इसके लिए किसी त्वचा रोग विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक हो जाता है।
डिहाइड्रेशन के कारण होंठ फटने की समस्या पर भी समय रहते ध्यान दिया जाना चाहिए। गंभीर निर्जलीकरण की स्थिति में लो-ब्लड प्रेशर, बुखार, तेजी से सांस लेने या तेज़ दिल की धड़कन का अनुभव हो सकता है।
गर्मियों में होंठ फटने की समस्या से सुरक्षित रहने के लिए यूवी रेज से बचाव वाले क्रीम या लिपबाम को प्रयोग में लाया जा सकता है।
खूब सारा पानी और तरल पदार्थों का सेवन करते रहने से शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाकर होंठों को स्वस्थ रखा जा सकता है।
पेट्रोलियम जेली या शहद लगाने से भी होंठ मुलायम रहते हैं।
खीरे के टुकड़ों को होंठों पर रगड़ने से सूखेपन की समस्या दूर होती है और होंठ स्वस्थ बने रहते हैं।