वजन घटाने के लिए खाली पेट रहना कोई उपयुक्त इलाज नहीं है! इससे आपको और भी बड़ी समस्याएं हो सकती हैं! वजन बढ़ना मौजूदा समय की सबसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। शोध बताते हैं कि सामान्य से अधिक वजन वाले लोगों में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं जैसे- हृदय रोग, डायबिटीज आदि का जोखिम अधिक होता है। यही कारण है कि सभी लोगों को वजन को नियंत्रित रखने वाले उपाय करते रहने की सलाह दी जाती है। वजन कम करने के लिए डाइटिंग सबसे ज्यादा प्रयोग में लाया जाने वाला तरीका है, हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बहुत देर तक अगर आप खाली पेट रहते हैं तो कुछ स्थितियों में इससे वजन कम होने की जगह कई तरह की समस्याओं का जोखिम जरूर बढ़ जाता है।
अध्ययनों में इंटरमिटेंट फास्टिंग को सेहत के लिहाज से कई तरह से लाभदायक माना जाता है, पर अधिक समय तक पेट खाली रहने के कारण बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है। वजन कम करने के लिए यदि आप उपवास करना चाह रहे हैं तो अपनी स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस बारे में विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें। यदि आप मोटे हैं पर अदुरुनी कमजोरी के शिकार हैं तो इंटरमिटेंट फास्टिंग से आपकी जटिलताएं और बढ़ सकती हैं।
ज्यादा देर तक खाली पेट रहने या बिना डॉक्टरी सलाह के इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से पाचन संबंधी समस्याओं का जोखिम हो सकता है। पेट खाली होने से कब्ज, दस्त, मतली और पेट में सूजन जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। जिन लोगों को पहले से ही पाचन से संबंधित दिक्कतें हैं उनको बिना डॉक्टरी सलाह के इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करनी चाहिए। शरीर पर इसके नकारात्मक असर हो सकते हैं।
कुछ लोगों को इंटरमिटेंट फास्टिंग करने के कारण अधिक चिड़चिड़ापन और अन्य मूड संबंधी विकारों का अनुभव हो सकता है। ज्यादा देर तक कुछ न खाने से ब्लड शुगर का लेवल कम हो जाता है जिसके कारण आपको कई तरह के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। यह आपके मूड के प्रभावित कर सकता है। शोध बताते हैं कि इंटरमिटेंट फास्टिंग की स्थिति में क्रेविंग बढ़ जाती है जिसके कारण भी मूड विकारों का अनुभव हो सकता है।
कुछ शोध से पता चलता है इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वाले कुछ लोगों को नींद की समस्या जैसे नींद न आना या नींद पूरी न होने जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। समय पर अगर नींद की समस्या पर ध्यान न दिया जाए तो इसके कई तरह के गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इंटरमिटेंट फास्टिंग का नींद पर असर को जानने के लिए साल 2020 में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि 1,422 में से 15 फीसदी प्रतिभागियों ने उपवास के कारण नींद विकारों के अनुभव को लेकर शिकायत की।
ज्यादा देर तक कुछ न खाने के कारण शरीर में ऊर्जा का स्तर कम हो जाता है, जिसके कारण थकान या कमजोरी महसूस होती रह सकती है। आपका शरीर मूत्र के माध्यम से अधिक मात्रा में नमक और पानी को बाहर निकालता रहता है ऐसे में ज्यादा देर तक इंटरमिटेंट फास्टिंग के कारण डिहाइड्रेशन या शरीर में सोडियम की कमी हो सकती है। इन स्थितियों में भी थकान और कमजोरी का अनुभव होता है। बिना किसी विशेषज्ञ के सलाह के इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करनी चाहिए। वजन कम करने के लिए अन्य विकल्पों पर ध्यान दें।