ब्लड प्रेशर की समस्याएं आज बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक किसी को भी हो सकती है!ब्लड प्रेशर, मौजूद समय की सबसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। इसका बढ़ना और कम होना, दोनों ही स्थितियां शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकती हैं। ब्लड प्रेशर बढ़ने से हृदय रोग की समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है, जबकि इसका कम होना कमजोरी थकान और कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के खतरे को बढ़ा सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि हमारी जीवनशैली और खानपान की गड़बड़ आदतें ब्लड प्रेशर की समस्या का कारण बन सकती हैं, यही वजह है कि सभी लोगों को अपनी दिनचर्या को स्वस्थ रखने वाले उपाय करते रहने की सलाह दी जाती है, जो रक्तचाप के जोखिम को कम करने में आपके लिए सहायक हों।
हम क्या खाते हैं, किस तरह की जीवनशैली का पालन करते हैं, यह आदतें भी ब्लड प्रेशर में बढ़ोतरी या कमी का कारण बन सकती हैं। ब्लड प्रेशर के असामान्य स्तर पर अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को बढ़ा सकती है।
शारीरिक निष्क्रियता को ब्लड प्रेशर की समस्या का मुख्य कारक माना जाता है। ऐसे में नियमित व्यायाम, यहां तक कि वॉक करने की आदत भी रक्तचाप को कंट्रोल करने में आपके लिए मददगार हो सकती है। व्यायाम हृदय को मजबूत करता है, जिससे वह अधिक कुशलता से रक्त पंप कर पाता है। इसके अलावा व्यायाम की आदत आपके वजन को कंट्रोल करने में भी सहायक है जो रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद करती है।
अध्ययनों से पता चलता है कि अधिक तनाव लेने वाले लोगों में समय से पहले ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा हो सकता है। तनाव के कारण शरीर में कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन जैसे हार्मोन रिलीज होते हैं। ये हार्मोन आपके हृदय गति को बढ़ाकर रक्त वाहिकाओं को संकुचित करके रक्तचाप को बढ़ा सकते हैं। इस तरह से तनाव को कम करने वाले उपाय रक्तचाप को नियंत्रित करने में आपके लिए सहायक हैं। इसके लिए योग-मेडिटेशन की आदत बनाइए।
पोटैशियम युक्त आहार का सेवन आपके हृदय और धमनियों को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक है। आलू, केला, पालक और बीन्स जैसे खाद्य पदार्थों में पोटैशियम होता है। प्रतिदिन 2,000 से 4,000 मिलीग्राम पोटेशियम लेने से रक्तचाप कम करने में मदद मिल सकती है। टमाटर, एवोकाडो, तरबूज और सूखे मेवे भी आपकी दैनिक पोटैशियम की आवश्यकताओं की आसानी से पूर्ति कर सकते हैं, इन्हें आहार में जरूर शामिल करें।
रक्तचाप और हृदय रोगों की समस्या से बचे रहने के लिए अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी माना जाता है। जो लोग छह घंटे या उससे कम सोते हैं उनमें रक्तचाप में तेज वृद्धि होने का जोखिम अधिक होता है। यदि आपको पहले से ही उच्च रक्तचाप की समस्या है, तो रात में अच्छी नींद लेकर आप इसे कंट्रोल में रख सकते हैं। नींद आपके शरीर को तनाव और मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने में भी मदद करती है।