वर्तमान समय में कालाबाजारी और जमाखोरी बहुत ही ज्यादा बढ़ रहे हैं, अतः हल्दी में मिलावट है या नहीं इस बात को जानने के लिए आप कुछ उपाय अपना सकते हैं! हल्दी, हम सभी के घरों में रोजाना प्रयोग में लाए जाने वाले मसालों में से एक है। सेहत के लिहाज से इसे काफी फायदेमंद माना जाता है। हल्दी में मौजूद औषधीय गुण इसे सबसे शक्तिशाली मसालों में से एक बनाते हैं। प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने से लेकर, संक्रमण को कम करने, त्वचा की रंगत निखाने और कई तरह की बीमारियों के जोखिम को कम करने में हल्दी के गुणकारी प्रभावों के बारे में पता चलता है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में, मसालों के व्यावसायिक उत्पादन में मिलावट के मामलों में वृद्धि हुई है। यहां तक कि हल्दी, सरसों के तेल, घी जैसे दैनिक खाद्य सामग्री में भी मिलावट देखने को मिल रही है।
विशेषज्ञ कहते हैं, मसालों में मिलावट से न केवल उसकी शुद्धता खराब हो जाती है, साथ ही मिलावट वाली चीजों के सेवन से सेहत को कई तरह के नुकसान का भी जोखिम हो सकता है। कई रिपोर्ट्स में पता चलता है कि हल्दी में सिंथेटिक कलर, स्टार्च, चॉक और पीले साबुन आदि की भी मिलावट की जा रही है, जो पेट में पहुंचकर कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
विशेषज्ञ कहते हैं, किसी भी औषधि या मसाले से संपर्ण स्वास्थ्य लाभ तभी पाया जा सकता है जब वह शुद्ध हो। जिस तरह से मिलावट के लिए चॉक, पाउडर और रसायनों को प्रयोग में लाया जाता रहा है, ये काफी नुकसानदायक हो सकते हैं। मिलावट के लिए प्रयोग में लाई जानी वाली चीजें न सिर्फ औषधि की गुणवत्ता को कम कर देती हैं, साथ ही कुछ स्थितियों में रसायनिक प्रतिक्रिया करके शरीर को कई तरह के नुकसान भी पहुंचा सकती हैं। इसलिए मसालों की शुद्धता की जांच करना आवश्यक हो जाता है।
विशेषज्ञ हल्दी की शुद्धता की जांच करने के लिए इसके कुछ आसान से उपायों के बारे में बताते हैं। इसके लिए एक चुटकी हल्दी पाउडर को अपनी हथेली पर लेकर दूसरे हाथ के अंगूठे से 10-20 सेकेंड तक इसे रगड़ें। अगर हल्दी शुद्ध है, तो यह आपके हाथ पर पीले रंग का दाग छोड़ देगी। वहीं यदि इसमें मिलावट है तो पीला रंग काफी हल्का या न के बराबर हो सकता है। हल्दी की शुद्धता को जांचने के लिए इसे पानी के साथ भी टेस्ट किया जा सकता है।
एक और सरल परीक्षण के माध्यम से कुछ ही मिनटों में पता कर सकते हैं कि हल्दी शुद्ध है या नहीं? इसके लिए गर्म पानी में 1 चम्मच हल्दी मिलाएं और इसे कुछ समय के लिए छोड़ दें। अगर हल्दी पाउडर बर्तन के नीचे बैठ जाए, तो हल्दी असली है, लेकिन अगर यह पानी के साथ मिल जाए और गहरे पीले रंग का हो जाए, तो ऐसी हल्दी को शुद्ध नहीं माना जाता है।
शुद्ध हल्दी का सेवन शरीर को कई प्रकार के लाभ प्रदान कर सकती है, विशेषरूप से इसमें पाया जाने वाला करक्यूमिन यौगिक हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने, संक्रमण से बचाने, अल्जाइमर और कैंसर के जोखिम को कम करने में आपके लिए सहायक है। हल्दी में एंटीइंफ्लामेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाए जाते हैं जो अवसाद और गठिया के लक्षणों को कम करने में आपके लिए मददगार हैं।