कभी-कभी मसूड़ों में सूजन आ जाती है, जिसके कारण खाने में एवं पीने में बहुत ही ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है!मसूड़ों में सूजन आने को जिंजिवाइटिस भी कहा जाता है। इसमें मसूड़े फूल जाते हैं और उनमें से खून बहने लगता है। कभी-कभी ब्रश या फ्लॉस करते समय अपने आप ही मसूड़ों से खून निकल आता है। ऐसे में मसूड़े ढीले पड़ जाते हैं, जिससे दाँतों को काफी नुकसान पहुँचता है। यदि इसका समय पर इलाज न किया जाए तो दाँत हिलकर गिरने लगते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार मसूड़ों में होने वाली सूजन और ब्लीडिंग पित्त एवं रक्त दोष के कारण होता है। अनुचित आहार एवं साफ-सफाई की कमी के कारण दोष असंतुलित होकर विभिन्न लक्षण नजर आने लगते हैं।
मसूड़ों में सूजन की समस्या का यदि समय पर उपचार नहीं किया जाता तो यह गंभीर रूप धारण कर सकता है। जैसे पायरिया या पेरियोडोटाइटिस। यदि ब्रश करते वक्त या ब्रश करने के बाद दाँतों से खून निकलना और दर्द होना। इसी प्रकार मसूड़ों में सूजन पेरियोडोटाइटिस का भी संकेत हो सकता है। इसमें मसूड़ों के सॉफ्ट टिशु तथा दाँतों को सहारा देने वाली हड्डी को क्षति पहुँचती है जिसके कारण दाँत ढीला होकर गिर जाते हैं या दाँतों के बीच खाली स्थान बन जाता है।
हमारे शरीर में पोषक तत्वों की कमी की वजह से भी मसूड़ों में सूजन आने लगती है जिससे व्यक्ति को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मसूड़ों में सूजन का एक और कारण मुँह में होने वाला संक्रमण भी हो सकता है। इस संक्रमण के कारण मसूड़ों में सूजन के साथ-साथ दर्द भी होने लगता है।
मसूड़ों में सूजन के साथ उनका रंग लाल हो जाता है, साथ ही कईं बार मसूड़ों से खून भी निकलने लगता है। अक्सर ब्रश करते समय या कुछ चबाते हुए मसूड़ों से खून निकलने लगता है। मसूड़ों में सूजन की समस्या के साथ उनमें दर्द रहता है तथा मुँह से दुर्गन्ध आती है। उपचार न करने पर दाँत ढीले होकर गिरने की सम्भावना रहती है।
मसूड़ों में सूजन होने पर मुलायम तथा आसानी से चबाये जाने वाले पदार्थ ही लेने चाहिए। अधिक मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए साथ ही विटामिन-सी से युक्त फलों का सेवन करें। दाँतों को अच्छी प्रकार मुलायम ब्रश से साफ करें। भोजन के बाद सोने से पहले भी ब्रश करें तथा कुछ भी खाने के बाद अच्छी प्रकार कुल्ला करें। दाँतों की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
अधिक गर्म, तीखा एवं मसालेदार भोजन न करें। इससे मसूड़ों में और तकलीफ हो सकती है।
तम्बाकू, एल्कोहल तथा केमिकल युक्त माउथवॉश का प्रयोग बिल्कुल न करें।
टॉफी,च्यूइंग गम आदि न खाएं।
आम तौर पर मसूड़ों मे सूजन कम करने के लिए लोग सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को ही आजमाते हैं। यहां हम पतंजली के विशेषज्ञों द्वारा पारित कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे जिनके प्रयोग से मसूड़ों में सूजन होने पर कष्ट से आराम पाया जा सकता है।
लौंग के तेल में 2–3 छोटी काली मिर्च का पाउडर मिलाएं और मसूड़ों पर लगाएं। लौंग के तेल में क्रिनोलिन होता है जो एक एंटी-ऑक्सिडेंट होता है, इसलिए लौंग का तेल मसूड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है।
बेकिंग सोडा में बैक्टिरिया को खत्म करने की शक्ति होती है। बेकिंग सोडा को मसूड़ों पर पेस्ट की तरह लगाएं। इसमें हल्दी मिलाकर भी पेस्ट की तरह इसे मसूड़ों पर लगाएं।सरसों के तेल में थोड़ा नमक मिलाकर मसूड़ों पर लगाएं। इस उपचार का बार-बार प्रयोग करने से जल्द ही संक्रमण से छुटकारा मिलता है।बबूल की छाल के काढ़े से कुल्ला करें। इससे मसूड़ों की सूजन कम होने लगती है और आराम मिलता है।अजवायन को तवे पर भूनकर पीसने के बाद इसमें 2–3 बूँद राई का तेल मिलाकर मसूड़ों पर मलें। इससे सूजन के साथ दाँतों के अन्य रोग भी ठीक हो जाते हैं।अदरक के रस में थोड़ा नमक मिलाकर अच्छे से मिला लें। उसके बाद मिश्रण से धीरे-धीरे मसूड़ों को लगायें।यदि घरेलु उपचार करने पर मसूड़ों की सूजन एवं अन्य लक्षणों से आराम नहीं मिलता तो तुरन्त ही डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए। मसूड़ों से खून निकलने और सूजन के कारण दाँतों की जड़े ढीली पड़ जाती है और दाँत निकलने लगते हैं। उपचार न होने पर स्थिति और भी गम्भीर हो सकती है इसलिए चिकित्सक की सलाह लेनी आवश्यक होती है।