एक ऐसा हत्यारा जिसने 11 लड़कियों को एक साथ मारा, आज हम उसके बारे में आपको सब कुछ बताने जा रहे हैं! साल 1990 , यूरोप का एक खूबसूरत देश ऑस्ट्रिया… वसंत ऋतु का आगाज हो चुका था। खूबसूरत फूल, हरे-भरे पेड़, चारों तरफ हरियाली, चहल-पहल नज़र आ रही थी। वसंत यानी मार्च से लेकर मई तक का महीना, जिसे यहां काफी खुशगवार माना जाता है। सैलानियों के साथ लोकल भी यहां के इस वॉर्म मौसम को काफी इंजॉय करते हैं। शहरों में इस दौरान काफी भीड़-भाड़ बढ़ जाती है। इस बार भी सबकुछ ऐसा ही थी लेकिन अचानक ऑस्ट्रिया के अलग-अलग शहरों से लड़कियों की सीरियल किलिंग की खबरों ने सनसनी मचा दी। शहर में सन्नाटा पसरने लगा। ऑस्ट्रिया में लड़किया डरी हुईं थीं और बाहर निकलने से घबरा रहीं थीं। मौसम अभी खुशगवार था लेकिन खौफ ने लोगों के चेहरे का रंग उड़ा दिया था। खौफ मौत से, घबराहट उस कातिल की जिसको तलाश थी खूबसूरत लड़कियों की।
ऑस्ट्रिया में 1990 का ये वंसत हर साल से एकदम अलग साबित हो रहा था। 1990 से लेकर 1991 के बीच ऑस्ट्रिया में कई कॉल गर्ल्स की नंगी लाशें (Austria Serial Killer News) शहर से दूर किसी जंगल में या फिर किसी सुनसान इलाके में मिलती जा रहीं थीं। एक, दो, तीन, चार, ये सिलसिला खत्म ही नहीं हो रहा था। कभी जंगल में, कभी शहर से दूर किसी सुनसान इलाके में, कभी ट्रक के स्टैंड के पास, खूबसूरत लड़िकयों की लाशें मिलने से पूरे देश में दहशत फैल गई। जितनी भी लाशें मिलती सबकी कलाई में चोट के निशान होते, बॉडी को उल्टा यानी मुंह जमीन की तरफ करके लेटाया हुआ होता है। इन खूबसूरत लड़कियों के जिस्म में कपड़े नहीं होते। बस कपड़े के नाम पर अगर होती तो एक ब्रा, वो भी गले में, बेहद टाइट बंधी हुईं। कातिल बड़े ही शातिर अंदाज में लड़कियों के गले में उनकी ही ब्रा को बांधकर उनकी जान लेता । हैरानी वाली बात ये थे कि जितने भी कत्ल हुए, उनके गले में लगी ब्रा की गांठ बिल्कुल एक जैसी थी।
जब पहला कत्ल हुआ तो किसी का ध्यान उस तरफ नहीं गया लेकिन उसके बाद दूसरा तीसरा, चौथा, पांचवा…ऐसे ही ऑस्ट्रिया के अलग-अलग शहरों में 7 यंग एज लड़कियां मौत के घाट उतारी जा चुकी थी। एक कत्ल ऑस्ट्रिया के पास चेक गणराज्य की राजधानी प्राग में भी होता है। जैसे ही कोई लड़की शहर से गायब होती है, उसकी मौत की आशंकाएं बढ़ जाती हैं। पूरे देश में दहशत फैल जाती है। एक के बाद हत्या होती है लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगता। पुलिस के लिए ये मर्डर मिस्ट्री को सुलझाना मुश्किल हो जाता है। हां इन सब हत्याओं से एक बात ज़रूर साफ होती है कि इन मर्डर्स के पीछे कातिल एक ही है। ये साफ हो चुका था ऑस्ट्रिया में सीरियल किलर घूम रहा है और उसके निशाने पर हैं सेक्स वर्क।
ऑस्ट्रिया में सीरियल किलिंग का ये पहला मामला था। कातिल इतना शातिर था पुलिस को एक भी निशान नहीं मिल रहे थे। एक कत्ल की जांच अभी पूरी भी नहीं होती पुलिस को दूसरे कत्ल की खबर मिल जाती। मामला उलझता ही जा रहा था। पुलिस ने इन सात मर्डर्स की एक एक कड़िया जोड़नी शुरू की। जांच में पता चला कि कातिल लड़कियों से पहले सेक्स करता है और फिर उसके बाद उनका कत्ल कर देता है। ये माना गया कि कॉल गर्ल्स को अपने पास बुलाना आसान था और इसलिए शायद इस सीरियल किलर ने ऐसी लड़कियों को चुना। मारी गई ज्यादातर लड़कियों की उम्र 25 से 35 साल के बीच में थी। सारी जांच के बावजूद पुलिस को कातिल के कोई पुख्ता सुराख नहीं मिल रहे थे। ऑस्ट्रिया की पुलिस के लिए सीरियल किलिंग का मामला एकदम नया था और ये किलर था भी इतना शातिर कि कत्ल पर कत्ल कर रहा था लेकिन एक भी निशान पीछे नहीं छोड़ता था। ऑस्ट्रिया की पुलिस ने इस केस को सुलझाने के लिए देश के एक मशहूर डिटेक्टिव की मदद ली। पुलिस और डिटेक्टिव की जांच का दायर अब एक नाम तक पहुंच चुका था और ये नाम था जोहान जैक अंटरवेगर!
कौन था जैक अंटरवेगर और क्यों वो डिटेक्टिव के निशाने पर आ गया था। ऑस्ट्रिया का बेहद हैंडसम शख्स, सबसे स्मार्ट राइटर, जिसकी किताब देश की बेस्ट सेलर रही। जिसकी दीवानगी लोगों के बीच या यूं कहे लड़कियों के बीच इस कदर थी कि वो अगर बाहर निकल जाए तो भीड़ उसे घेर लेती थी। बेहद स्टाइलिश, पढ़ा लिखा,ऑस्ट्रिया में जैक अंटरवेगर के इतने फैन्स थे कि कोई सोच भी नहीं सकता कि इस शालीन लेखक को लेकर पुलिस ऐसा सोच भी सकती है। पुलिस के पास भी कोई ठोस सबूत नहीं थे लेकिन ठोस वजह जरूर थी और वो वजह थी जैक अंटरवेगर का इतिहास। जैक से जुड़ा ऐसा सच, जो जानते तो सब लोग थे लेकिन उसकी छवि ही कुछ ऐसी थी कोई उसे कातिल मान ही नहीं सकता था।
जैक उंटरवेगर को जानने के लिए हमें थोड़ा सा पीछे जाना होगा। जैक का जन्म 16 अगस्त 1950 में हुआ। कहते हैं जैक की मां एक सेक्स वर्कर थी। जैक ने कभी अपने पिता को नहीं देखा। जब वो बेहद छोटा था उसकी मां को किसी अपराध की सजा के लिए जेल हो गई और जैक को उसके नाना के पास भेज दिया गया। जैक अंटरवेगर के नाना का नाम भी अक्सर छोटे-मोटे अपराध में शामिल रहता और फिर यहीं हाल हुआ जैक का भी। जैक भी बचपन से ही चोरी, मारपीट, छीनाझपटी जैसे अपराधों को अंजाम देने लगा और जेल में अक्सर आना-जाना उसके लिए सामान्य हो गया। 1974 में जैक अंटरवेगर पर एक कॉल गर्ल की हत्या का आरोप साबित हुआ। जैक उस कॉल गर्ल को अपनी कार में ले गया, बेहद रोमांटिक अंदाज में उसकी कलाई में हथकड़ी पहनाई, उसके साथ सेक्स किया और फिर उसकी ब्रा से उसका गला घोंट दिया। अंटरवेगर की गर्लफ्रेंड ने इस काम में उसकी मदद की थी। पुलिस ने जैक की गर्लफ्रेंड से पूछताछ की और फिर सच सामने आया।
24 साल का जैक अंटरवेगर जेल में था लेकिन ये जेल उसके लिए वरदान साबित हुई। जो जैक अब तक चोरी-चकारी करता था, जेल में रहकर उसने पढ़ना लिखना शुरू किया। जेल में वो बेहद शालीन लड़के के तौर पर उभर कर आया। जेल से ही उसने कई कविताएं, कहानियां, और प्ले लिखने शुरू किए। लोगों को जैक की कहानियां बेहद पसंद आने लगीं। जेल से ही जैक ने अपनी ऑटोबायोग्राफी भी लिखी, जिसमें उसने ये दिखाया कि कैसे एक मासूम बच्चे को उसका बचपन नहीं मिल पाया। कैसे मुश्किल परिस्थितियों में उसने अपना जीवन बिताया। इस बुक के जरिए उसने साईकॉल्जी को बेहद प्रभावित तरीके से लिखा। इस बुक में ये भी जिक्र था कि उसने क्यों एक कॉल गर्ल का कत्ल किया। जैक अंटरवेगर के मुताबिक इस कत्ल की वजह, उसकी अपनी मां से नफरत थी। जैक की ऑटो बायोग्राफी रिलीज़ हुई तो लोगों को उससे सहानुभूति बढ़ने लगी। जैक की बुक बेस्ट सैलर बन गई थी यानी ऑस्ट्रिया में सबसे ज्यादा बिकने वाली किताब और जैक अंटरवेगर सेलेब्रेटी। जैक की फैन फॉलोइंग भी लगातार बढ़ रही थी। देश में जैक की रिहाई के लिए मांग होने लगी और आखिरकार 12 मई 1990 को उसे रिहाई मिल ही गई।
ऑस्ट्रिया में जितने भी सेक्स वर्कर्स के कत्ल हुए वो 12 मई 1990 के बाद यानी जैक की रिहाई की तारीख के बाद ही हुए और कत्ल का अंदाज भी बिल्कुल वैसा ही था जैसा 18 साल पहले जैक अंटरवेगर ने किया था। इसी थ्योरी के आधार पर पुलिस और डिटेक्टिव इस नतीजे पर पहुंचे की हो न हो सीरियल किलर जैक ही है लेकिन बावजूद इसके वो अगर कातिल था भी, तो सिर्फ इस थ्योरी के आधार पर उसे दोषी करार नहीं दिया जा सकता था। तमाम जांच करने के बाद भी कातिल के खिलाफ कोई एक सबूत नहीं मिल पा रहा था। इसी दौरान जेल से बाहर आने के बाद जैक की पाप्युलैरिटी और बढ़ती जा रही थी। वो कई टीवी शो में नज़र आता। उसके चाहने वाले बढ़ते ही जा रहे थे। जैक ने एक मैगज़ीन के लिए काम करना भी शुरू कर दिया था। वो ऑस्ट्रिया की सेक्स वर्कर्स और अमेरिका की सेक्स वर्कर्स की लाइफस्टाइल के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा था।
अब पुलिस का शक यकीन में बदलने लगा। इसी दौरान ऑस्ट्रिया में जैक के घर से एक ब्राउन कलर की जैकेट मिली जो हत्या की गई तीसरी लड़की की थी। जैक की कार से भी पुलिस को कुछ बाल मिले जिससे हत्या की गई लड़की का डीएनए मैच हो गया। इन सब बातों को जोड़ते हुए पुलिस ने आखिरकार इस सीरियल किलर को अमेरिका के मिआमी बीच से गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान भी वो एक लड़की के साथ था, ये लड़की ऑस्ट्रिया की थी जो एक होटल में वेटर का काम करती थी। शायद जैक का अगला निशाना ये लड़की बनने वाली थी। जैक अंटरवेगर अब भी ये मानने को तैयार ही नहीं था कि सारे कत्ल उसने किए हैं। ऑस्ट्रिया के कानून के मुताबिक जैक को वापिस ऑस्ट्रिया ले जाया गया। उस पर केस शुरू हुआ। जनता के बीच वो अब भी उनका हीरो था और लोग ये बिल्कुल मानने को तैयार नहीं थे जैक ही 11 लड़कियों का हत्यारा है। हालांकि तमाम सबुतों और मौजूदा हालात से ये साफ था कि जैक अंटरवेगर ही था ऑस्ट्रिया का पहला सीरियल किलर। कई ट्रायल्स के बाद 1994 में जैक पर 9 लड़कियों के कत्ल के आरोप साबित हुए और उसे एक बार फिर उम्र कैद की सज़ा हुई। जैक को जेल ले जाया गया लेकिन चंद घंटों बाद ही जेल के अंदर जैक उंटरवेगर ने अपने जूते के फीतों और अपनी ट्रैक पैंट के नाड़े से फांसी का फंदा बनाकर अपनी जान ले ली।