आज हम आपको एक ऐसे कातिल की कहानी सुनाएंगे जो शेफ का कत्ल करता है!एक के बाद एक फोटोग्राफ, चारों तरफ जबरदस्त भीड़, बड़े-बड़े पत्रकार, जानी-मानी हस्तियां और सामने एक डेड बॉडी। इस अपार्टमेंट का नज़ारा आज बिल्कुल बदला हुआ था। एक पॉश इलाके के ज्यादातर दिनों बेहद शांत रहने वाले इस अपार्टमेंट में आज एक अजीब सी हलचल थी। यहां कत्ल हुआ था और कत्ल भी दुनिया के सबसे बड़े शेफ का। ऐसे शेफ का जिसकी दुनिया सिर्फ लज़ीज़ खाने के आसपास घूमती थी। जिसको सिर्फ खाना बनाने, उसे सजाने और लोगों तक उसे पहुंचाने में रुचि थी। फिर कैसे इस शेफ का कत्ल हो गया? न कोई झगड़ा, न कोई दुश्मनी फिर क्यों और किसने स्वाद के जादूगर को मार दिया?
13 नवंबर, 1983 का वो दिन पूरी दुनिया में खाने के दीवानों के लिए बेहद दुखद रहा। मशहूर शेफ मासाताका कोबायाशी की लाश उनके फ्लैट के अंदर ड्रॉइंग रूम में पड़ी मिली। चंद घंटे पहले रात 2 बजे कोबायाशी रेस्टोरेंट से घर लौटे थे। अपार्टमेंट के मैनेजर को गुड नाइट बोलकर वो अपने फ्लैट में चले गए। तीसरी मंजिल पर था, इस मशहूर शेफ का घर। रोज़ तकरीबन इसी वक्त वो अपने घर लौटते थे। अपने रेस्टोरेंट में डिनर की अलग-अलग वैरायटी देने के बाद अपने फैंस से मिलकर वो सीधा घर चले आते थे। बिल्कुल ऐसा ही उस दिन भी हुआ, लेकिन कोई सोच भी नहीं सकता था कि ये रात उनकी ज़िंदगी की आखिरी रात होगी।
अगले दिन शाम साढ़े चार बजे तक भी जब कोबायाशी के मैनेजर के पास उनका कोई फोन नहीं गया तो उनके मैनेजर को थोड़ा अजीब लगा। कोबायाशी वक्त के बेहद पांबद थे और इसलिए उनका अपने मैनेजर को फोन न करना, संदेह पैदा कर रहा था। कोबायाशी के मैनेजर ने तुरंत उनके घर की तरफ रुख किया। डोर बेल बजाई लेकिन दरवाजा नहीं खुला। अपार्टमेंट के मैनेजर जिनसे रात को आखिरी बार कोबायाशी मिले थे, उन्हें दरवाजा तोड़ने के लिए बुलाया गया। दरवाजा जैसे ही टूटा, ठीक सामने कोबायाशी की लाश पड़ी मिली। रात में किसी ने इस शेफ की हत्या कर दी थी और किसी को पता भी नहीं चला।
कोबायाशी तोक्यो के रहने वाले थे। बचपन से ही उन्हें भोजन बनाने में खासी रुचि थी। काफी छोटी उम्र में ही उन्होंने तय किया कि वो अपने शौक को ही अपना प्रफेशन बनाएंगे। 16 साल की उम्र में वो क्लूनरी आर्ट पढ़ने पेरिस आ गए। खाना बनाना, उसे सजाना और और उसे प्रजेंट करने के सारे हुनर उन्होंने यहां सीखे। वो बेहद खास अंदाज में अपनी बनाई हुई डिशेश को प्रजेंट करते थे और शुरुआती दिनों में ही उन्होंने इसमें महारत हासिल कर ली थी। वो अपनी प्रजेंट की हुई डिशेश के स्केच भी तैयार करते थे ताकि उनकी तरह का शौक पालने वाले दूसर लोगों को मदद मिल सके। फ्रेंच खाने में उनका एक्सपर्टाइज था। जितना टेस्टी खाना, उतना ही खूबसूरत उसे पेश का करने का तरीका। छोटी उम्र में ही कोबायाशी काफी फेमस होने लगे थे।
न्यूयॉर्क में एक होटल ली प्लेजिर में उन्हें अच्छी-खासी पहचान मिली। यूं कहें कि जिस रेस्टोरेंट में वो काम कर रहे थे, वह उनकी वजह से बेहद फेमस हो गया। बड़े-बड़े स्टार, सेलेब्रेटीज़ उनकी डिशेश के लिए आते। अस्सी के दशक में वो दुनिया के बड़े शेफ में शुमार हो चुके थे। कहते हैं कि लोग उनके खाने के इतने दीवाने थे कि जब उन्होंने ली प्लेजिर होटल को छोड़ा तो लोग रोने लगे। बाद में तो होटल के मालिक ने रेस्टोरेंट बंद ही कर दिया। इसके बाद कोबायाशी ने नापा वैली में शुरू हो रहे एक बहुत बड़े होटल में काम करना शुरू किया। उन्होंने बहुत जल्दी उस होटल को भी अपने टेस्टी खाने की वजह से उन्होंने एक अलग पहचान दिलाई।कोबायाशी खूब तरक्की कर रहे थे लेकिन अपनी मौत से चंद महीने पहले उन्होंने नापा वैली के इस रेस्टोरेंट को छोड़ने का फैसला किया। उन्हें लग रह था कि वो जो करना चाहते हैं, वो हो नहीं पा रहा है। कुकिंग उनके लिए सिर्फ प्रोफेशन नहीं, पैशन भी था। वो अपने चाहने वालों को कुछ नया परोसना चाहते थे, लेकिन नापा वैली का रेस्टोरेंट इतना बड़ा था कि वहां यह संभव नहीं था, इसलिए उन्होंने एक नए रेस्टोरेंट को चुना। नए होटल के मालिक ने एक बेहद खूबसूरत छोटा सा रेस्टोरेंट शुरू किया और उसका नाम भी कोबायाशी मासा के नाम पर ‘मासा’ रखा गया।
फैल्ज़ोन के मुताबिक, उनके पास सबूत नहीं थे लेकिन अपनी जांच के बाद वो पूरी तरह मान चुके थे कि उन्हीं के अपार्टमेंट में रहने वाले एक शख्स ने कोबायाशी को मौत के घाट उतारा था। फोल्ज़न के मुताबिक, इस शख्स के उनके बेटे के साथ गलत संबंध थे। ये बात कोबायाशी को पता चल गई थी और इसलिए वो अपने बेटे को यहां से दूर ले जाना चाहते थे। उनकी पत्नी और तीन बच्चे यहां से जा चुके थे जिसकी वजह से वो शख्स नाराज़ था। उस रात वो कोबायाशी के फ्लैट में घुस आया। दोनों के बीच झगड़ा हुआ। फोल्ज़ोन ने बताया कि अपने बचाव में कोबायाशी ने एक गोली भी चलाई लेकिन कातिल मार्शल आर्ट में एक्सपर्ट था, इसलिए उसने कोबायाशी के पास पिस्टल होने के बावजूद उनकी जान ले ली। उसने कोबायाशी की गर्दन की हड्डी ही तोड़ दी।
फोल्ज़ोन ने बताया कि उन्होंने उस शख्स का लाइ डिटेक्टर टेस्ट भी करवाया जिसमें उसने माना कि वो उस रात सुपर शेफ मासा कोबायाशी के घर गया था और दोनों का झगड़ा हुआ। लेकिन लाइ डिटेक्टर टेस्ट को अदालत में सबूत के रूप में पेश नहीं किया जा सकता था, इसलिए सुपर शेफ का मर्डर हमेशा के लिए मिस्ट्री बनकर रह गया।