देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई सभी के दिलों में राज करते थे! रक्षाबंधन पर भाई-बहनों के प्यार का किस्सा तो आप सुनते ही आए हैं। एक ऐसा ही किस्सा हम आपको पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और उनकी बहन कमला दीक्षित की बताते हैं। दोनों भाई-बहनों में बेहद प्यार था। कहा जाता है कि अपनी बहन से राखी बंधवाने के बाद ही खाना खाते थे। यही नहीं वाजपेयी राखी बंधवाने के बाद अपनी बहन को एक लिफाफा देते थे। इस लिफाफे का सिलसिला उनकी बहन के निधन तक चला। दोनों भाई-बहन ने कभी इस लिफाफे में क्या था, इसका राज कभी नहीं खोला था।
बहन का करते थे इंतजार
पूर्व पीएम अटल वाजपेयी रक्षाबंधन पर अपनी बहन का इंतजार करते थे। 2009 में ब्रेन स्ट्रोक आने के बाद तो अटल उतने सक्रिय नहीं रहते थे लेकिन दर्द में भी उनका चेहरा बहन के प्यार को दर्शाता था। वो केवल इसलिए अपनी बहन का इंतजार नहीं करते थे क्योंकि उन्हें मिठाई बहुत पसंद थी बल्कि दोनों भाई-बहन के प्यार के रिश्तों का इंतजार रहता था।
कमला दीक्षित जबतक जिंदा थीं तबतक अटल को राखी बांधने आती रहीं। 2015 में उनके निधन के बाद ही यह सिलसिला थमा। 7 भाई बहनों में सबसे छोटी थीं कमला। वह अटल से दो साल छोटी थीं। जैसे ही अटल की छोटी बहन आती थीं, अटल उनका हाथ पकड़कर उन्हें निहारते रहते थे। शब्दों की जगह आंसू से वह अपनी बात छोटी बहन को बताते थे। बड़े भाई की आंखों से टप-टप गिरते आंसू से बहन कमला भी रो पड़ती थीं। कभी अपनी आवाज से पूरे देश को मंत्रमुग्ध करने वाले अटल की आवाज बाद के दिनों में स्ट्रोक के कारण प्रभावित हुई थी। एक ऐसा शख्स जो अपने भाषण और वाक कला के लिए मशहूर था, वह घंटों बिना कुछ बोले अपनी बहन का हाथ पकड़कर उसे निहारता रहता था।
रक्षाबंधन के दिन अटल अपनी बहन कमला का शिद्दत से इंतजार करते थे। बहन से राखी बंधवाने के बाद ही खाते थे। उनकी बहन कमला भी आगरा से दिल्ली बिना खाना खाए आती थीं। राखी बांधने के बाद दोनों भाई-बहन एकसाथ खाना खाते थे।
कमला जब राखी बांध लेती थीं तो अटल उन्हें एक लिफाफा देते थे। लिफाफे में क्या होता था न तो कभी अटल ने बताया न कभी कमला ने किसी को इसकी भनक लगने दी। कमला के साथ परिजन भी जाते थे तो अटल उन्हें भी लिफाफा देते थे। बड़ों के लिफाफे में 1000 रुपये होते थे वहीं बच्चों के लिफाफे में 500 रुपये होते थे। दोनों भाई-बहन के बीच ताउम्र रिश्ता बना रहा। जब वाजपेयी की सेहत खराब हुई तो कमला उनसे नई दिल्ली के आवास में मिलने जाती थीं। रक्षाबंधन के दिन जाना तो तय ही था। अटल के हाथ पर राखी बांधने और माथे पर टीक लगाने के बाद पूर्व पीएम अपने केयरटेकर को अपनी बहन को लिफाफा देना को कहते थे।
वाजपेयी की करीबी रहीं निर्मला ने एक बार बताया था कि 1988 में जब वाजपेयी आगरा में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में गए थे तो कमला के घर 8 दिन रुके थे। उस वक्त पार्टी के मुखिया लाल कृष्ण आडवाणी हुआ करते थे। कलमा अपने भाई को लाने आगरा कैंट स्टेशन गई थीं। लेकिन उन्हें ये देख बड़ा अचंभा हुआ कि ट्रेन से उनके भाई नहीं उतरे। इससे नाराज होकर वो घर आ गईं, तो वहां देखती हैं कि वाजपेयी मजे से खाना खा रहे हैं। अपनी बहन को देखकर वह उनकी नाराजगी का कारण जान जाते हैं और मुस्कुराते हैं।
नाराज बहन को मनाते हुए वाजपेयी ने तब कहा था, ‘कमला तू मूर्ख है। यदि मैं सीधे आगरा उतरता तो कार्यकर्ता आडवाणी की जगह मेरे नाम के नारे लगाने लगते। ये ठीक नहीं होता। इसलिए मैं मथुरा उतर गया और कार से सीधे घर आ गया।’ वाजपेयी ने आखिरी बार 2005 में आगरा गए थे। उस वक्त उनके भतीजे अजय दीक्षित का निधन हो गया था। कमला बुरी तरह टूट गई थीं, वाजपेयी भी तब बेहद आहत थे। 2015 में कमला दीक्षित का निधन हो गया था।नाराज बहन को मनाते हुए वाजपेयी ने तब कहा था, ‘कमला तू मूर्ख है। यदि मैं सीधे आगरा उतरता तो कार्यकर्ता आडवाणी की जगह मेरे नाम के नारे लगाने लगते। ये ठीक नहीं होता। इसलिए मैं मथुरा उतर गया और कार से सीधे घर आ गया।’ वाजपेयी ने आखिरी बार 2005 में आगरा गए थे। उस वक्त उनके भतीजे अजय दीक्षित का निधन हो गया था। कमला बुरी तरह टूट गई थीं, वाजपेयी भी तब बेहद आहत थे। 2015 में कमला दीक्षित का निधन हो गया था।