जानिए क्या हैं आधार ? जिस पर घिर रही है सरकार!
आधार संख्या प्राधिकरण द्वारा निर्धारित सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करने के उपरांत यूआईडीएआई द्वारा भारत के सभी निवासियों को जारी की जाने वाली 12 अंकों की एक रैंडम संख्या है। किसी भी आयु का कोई भी व्यक्ति जो भारत का निवासी है, बिना किसी लिंग भेद के आधार संख्या प्राप्ति हेतु स्वेच्छा से नामांकन करवा सकता है। नामांकन के इच्छुक व्यक्ति को नामांकन प्रक्रिया के दौरान, जो पूरी तरह से लागत रहित है, न्यूनतम जनसांख्यिकीय और बायोमेट्रिक सूचना उपलब्ध करवानी होती है। किसी भी व्यक्ति को आधार हेतु नामांकन केवल एक बार करना होता है और डी-डुप्लिकेशन प्रणाली के जरिए विशिष्टता प्राप्त की जाती है, डी-डुप्लिकेशन के बाद केवल एक आधार ही सृजित किया जाता है।
आधार नम्बर एक लागत प्रभावी ऑनलाईन विधि द्वारा प्रमाणीय है। डुप्लीकेट और फर्जी पहचान समाप्त करने के लिए यह अद्वितिय और काफी मजबूत है और विभिन्न सरकारी कल्याण योजनाओं ओर सेवाओं के प्रभावी वितरण, पारदर्शिता और सुशासन को बढ़ावा देने हेतु एक बुनियादी/प्राथमिक पहचान के रूप में इसे इस्तेमाल किया जा सकता है। यह दुनियाभर में अपनी तरह का एकमात्र कार्यक्रम है जिसमें बड़े पैमाने पर लोगों को स्टेट ऑफ द आर्ट डिजीटल और ऑनलाईन पहचान नि:शुल्क प्रदान की जा रही है जिससे देश में सेवा वितरण कार्यों की संभावाना को बदलने की क्षमता है।
आधर के दुरुपयोग से बचने के लिए आधार कार्ड की फोटोकॉपी साझा नहीं करने की सलाह प्रकाशित करने के बाद यूआईडीएआई ने रविवार को एक स्पष्टीकरण जारी किया। और कहा गया कि पहले जो एडवाइजरी जारी की गई थी उसमे सराकर ने कहा था कि आप आधार कि फोटो कॉपी साझा करते समय सावधानी रखे बाद में। बाद में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने एक बयान में कहा, लोगों को किसी संस्थान को आधार कार्ड की फोटोकॉपी नहीं देना चाहिए, क्योंकि इसका गलत इस्तेमाल हो सकता है। इसकी जगह आप मास्क्ड आधार का उपयोग कर सकते हैं, जिसमें आपके आधार नंबर के केवल आखिरी 4 डिजिट ही दिखते हैं।बयान में कहा गया है कि प्रेस विज्ञप्ति की गलत व्याख्या की संभावना को देखते हुए, इसे तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाता है।इसमें कहा गया है कि यूआईडीएआई द्वारा जारी आधार कार्ड धारकों को सलाह दी गई है कि वे अपने यूआईडीएआई आधार नंबर का उपयोग और साझा करने में सामान्य विवेक का प्रयोग करें।उन्होंने कहा, आधार पहचान प्रमाणीकरण पारिस्थितिकी तंत्र ने आधार धारक की पहचान और गोपनीयता की रक्षा और सुरक्षा के लिए पर्याप्त सुविधाएं प्रदान की हैं।
आधार पर लोगो को सरकार की सलाह
साइबर कैफे से नहीं करें डाउनलोड
सरकार
लोगों को चेतावनी दी है कि वे अपने आधार की कॉपी को पब्लिक कंप्यूटर या साइबर कैफे से डाउनलोड नहीं करे।
ना हो परेशान गैर-लाइसेंसी नहीं रख सकते आपका आधार।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने अपने नोटिस में ये भी साफ किया है कि गैर-लाइसेंसी प्राइवेट इकाइयां आपका आधार कलेक्ट नहीं कर सकती हैं, ना ही उसे अपने पास रख सकती हैं।इसमें बिना लाइसेंस वाले होटल और सिनेमा हॉल शामिल हैं। केवल ऐसे प्राइवेट संस्थान ही आपके आधार कार्ड की कॉपी कलेक्ट कर सकते हैं जिन्होंने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) से आधार के लिए यूजर लाइसेंस हासिल किया है। तो ये सुनिश्चित करें कि आधार की डाउनलोड की कई सभी कॉपी को परमानेंट डिलीट कर दिया है।
M आधार है सुरक्षित विकल्प।
क्या है m आधार?
जानिए मास्क्ड आधार कार्ड क्या है?
बता दें कि UIDAI के पास एक आधार का एक खास वर्जन होता है जिसे मास्क्ड आधार (Masked Aadhaar) कहा जाता है।इसका उपयोग आधार के दुरुपयोग से बचने के लिए किया जाता है। आधार का ये वर्जन आधार कार्ड को सुरक्षित बनाता है, साथ ही आपके ई-आधार में आपके नंबर को मास्क करता है और सिर्फ आखिर के 4 अंक ही दिखा देते हैं।UIDAI के मुताबिक मास्क्ड आधार संख्या का मतलब है आधार संख्या के पहले 8 अंकों को xxxx-xxxx के साथ बदलना, जबकि आधार संख्या के केवल आखिर के 4 अंक दिखाई देते हैं।
इसे कैसे डाउनलोड करें
1.https://myaadhaar.uidai.gov.in/ पर जाएं।
2. अपना आधार कार्ड नंबर दर्ज करें।
3. ‘Do you want a masked Aadhaar’ विकल्प चुनें।
4. डाउनलोड का चयन करें ।
फोन में रखें m-Aadhaar ऐप
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वालों के लिए कुछ वक्त पहले नई m-Aadhaar ऐप लॉन्च की थी। कोई भी इसे गूगल के प्ले स्टोर या ऐपल ऐप स्टोर से डाउनलोड कर सकता है।
आपके आधार की जानकारी सुरक्षित रहे , इसलिए इस ऐप में कई अनोखे फीचर दिए हैं। जैसे इस ऐप पर अगर कोई आधार संख्या एक्टिव है तो उसे दूसरे फोन से एक्सेस नहीं किया जा सकता। ऐसे में यदि आप अपना फोन बदलते हैं तो नए डिवाइस पर ऐप के एक्टिव होते ही ये पुराने डिवाइस पर खुदबखुद डीएक्टिवेट हो जाती है।