हैकर अब स्पूफिंग कॉल का इस्तेमाल हैकिंग के लिए करने लगे हैं! अनजाने कॉल या साइबर ठगी से बचने के लिए अगर आपने True Caller लगा रखा तो आपको बता दें कि वो भी आजकल फेल हो रहा है। अब हैकर्स ‘स्पूफिंग कॉल’ के जरिए चूना लगा रहे है। ‘स्पूफिंग कॉल’ को ट्रेस करने में True Caller फेल हो रहा है। इसलिए अनजान कॉल आपको भारी पड़ सकता है। ‘स्पूफिंग कॉल’ के जरिए ठगी मामले में अमेरिकी संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के अलर्ट बाद कोलकाता पुलिस ने गुरुवार को एक इंटरनेशनल साइबर फ्रॉड को गिरफ्तार किया है। आरोपी का काम सिजान अली हैदर है। आरोपी स्पूफिंग कॉल तकनीक का इस्तेमाल कर कोलकाता में बैठकर अमेरिकी नागरिकों को ठगता था। सिजान अली हैदर को मध्य कोलकाता में बेनियापुकुर रोड के स्थित उसके आवास से गिरफ्तार किया गया। आरोपी ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। पुलिस उसके नेटवर्क का पता लगा रही है। इसके साथ ही कि उसके साथ कौन-कौन और लोग इस गिरोह में उसकी जांच भी की जा रही है । कोर्ट ने आरोपी को 13 जनवरी तक पुलिस हिरासत में रखने का निर्देश दिया है। कोलकाता पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी सिजान अली हैदर ने 91 साल के अमेरिकी नागरिक से 86 हजार डॉलर ठगे हैं। अमेरिका की खुफिया एजेंसी एफबीआई ने कोलकाता पुलिस के साइबर क्राइम विभाग को दी थी। पता चला है कि कुछ महीने पहले कोलकाता के किसी व्यक्ति ने स्पूफिंग कॉल ऐप, टेक्स्टनाउ के जरिए अमेरिका के 91 वर्षीय शख्स को ठगा। सिजान ने खुद को एक सॉफ्टवेयर कंपनी का कर्मचारी बताया। उसके बाद सॉफ्टवेयर बेचने का प्रस्ताव देकर लगभग 86 हजार डॉलर का चूना लगाया।
कोलकाता पुलिस सूत्रों ने बताया कि उन्हें नवंबर में यह शिकायत मिली। उसके बाद पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए जुट गई। FBI की ओर से कोलकाता पुलिस के साइबर क्राइम को सब डिटेल्स भेजी गई। उसके बाद एक एक कर सबूत तलाशते हुए पुलिस आगे बढ़ती गई। संदिग्ध के आईपी पते भी प्रदान किए। साइबर क्राइम डिवीजन के अधिकारियों ने तब अपनी जांच शुरू की और आखिरकार गुरुवार को आरोपी सिजान अली हैदर को गिरफ्तार किया गया।
स्पूफिंग कोई नई टेक्नोलॉजी नहीं है। अक्सर जालसाज इस तकनीक का इस्तेमाल धोखा देने के लिए इस करते हैं। मोबाइल नंबर स्पूफिंग या कॉल स्पूफिंग में कलर आईडी की जानकारी में हेरफेर करने की प्रक्रिया को कॉल नंबर स्पूफिंग कहते हैं। इस जालसाज के शिकार देश में कई नामी-गिरामी लोग हुए हैं। अभी हाल ही में मोबाइल नंबर स्पूफिंग का शिकार हुई अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीस का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है।
अब बात करते हैं कि स्कूपिंग कॉल कैसे काम करता है? हम आपको बता दे कि मोबाइल नंबर स्पूफिंग कॉलर आईडी स्पूफिंग उपयोग जालसाज VoIP बेस्ड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके इस तक कॉल स्पूफिंग की जाती है। जालसाज इस तरीके की मदद से कॉलर आईडी को मेनूप्लेट करके कर आपको किसी अन्य लोकेशन का नंबर दिखा सकते हैं। जबकि वास्तव में काल की लोकेशन कई और की भी हो सकती है।
4 जनवरी 2022 को रायगढ़ पुलिस की टीम ने धोखाधड़ी के मामले में कोलकाता के दमदम में संचालित काल सेंटर में दबिश देकर ठगी के सरगना वरूणी सिंह समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया। आरोपियों ने मोबाइल टावर लगाने के नाम पर रायगढ़ के पुसौर क्षेत्र के लोगों से ठगी की। काल सेंटर का मुख्य संचालक और ठगी का मास्टर माइंड वरुण सिंह पेशे से ग्राफिक डिजाइनर है। ठगी में वरूण सिंह, पत्नी सलोनी सिंह, उसका भाई रजनीश सिंह, रजनीश की पत्नी मधु सिंह और आसीमा राय शामिल थी। काल सेंटर के जरिए देश के विभिन्न जगह काल कर टावर लगाने के नाम पर ठगी करते थे।
15 दिसंबर 2022 को चंडीगढ़ पुलिस के साइबर क्राइम थाना पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले एक गैंग का पर्दाफाश किया है। गैंग पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में फर्जी कॉल सेंटर चलाते हुए देश के कई हिस्सों में लोगों को अपना शिकार बनाता था। गैंग के कुल 12 मेंबर्स पुलिस ने गिरफ्तार किया। अभी तक पुलिस आरोपियों से 22 मोबाइल फोन, 2 डेबिट कार्ड, 2 क्रेडिट कार्ड, एक बैंक पासबुक और 1 फर्जी आधार कार्ड बरामद कर चुकी है। 7 सितंबर, 2022 को दर्ज साइबर फ्रॉड के एक केस में यह गिरफ्तारी की गई।
पिछले 2 सालों में कोलकाता में तेजी से साइबर ठगी के अपराधी पकड़े जा रहे हैं। शहर के इलाकों को में छोटे-छोटे कमरें कॉल सेंटर चलाकर देश-विदेश के लोगों से साइबर ठगी की जा रही है। लगातार पुलिस इनका भंडाफोड़ कर रही है। फिर भी मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि तकनीकी सेवा देने के नाम पर, नामी कंपिनयों के प्रोडक्ट बेचने के नाम पर यह ठगी की जा रही है। इसके साथ ही मोबाइल टावर लगाने के बाद भी ठगी के कई मामले सामने आएं हैं।