हाल ही में बिपरजॉय चक्रवात गुजरात आ गया! अरब सागर में बने चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ का असर समुद्री तटों पर देखने को मिल रहा है। ये इस साल अरब सागर में आया पहला चक्रवाती तूफान है। सबसे पहले इसका असर केरल में देखने को मिला। बिपरजॉय की वजह से केरल में मॉनसून देरी से पहुंचा। इसके बाद बिपरजॉय कोंकण-गोवा-महाराष्ट्र तट होते हुए आगे बढ़ा। अब बिपरजॉय अब गंभीर चक्रवात में तब्दील हो चुका है। मौसम विभाग का कहना है कि 15 जून की शाम तक जखाऊ बंदरगाह के पास सौराष्ट्र और कच्छ से टकराएगा। जब ये चक्रवात पैदा हुआ तो इसके रूट को देखकर माना जा रहा था कि ये पाकिस्तान के कराची की ओर बढ़ रहा है। लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ कि बिपरजॉय अचानक से गुजरात की ओर मुड़ गया। आइए बताते हैं। आपको बता दें कि अरब सागर में बिपरजॉय चक्रवात 6 जून को उठा था। शुरुआत में इसका असर केरल में देखने को मिला, जब इसकी वजह से मॉनसून में देरी हुई। बिपरजॉय हफ्तेभर तक पाकिस्तान के कराची की ओर बढ़ रहा था, लेकिन फिर ये रास्ता बदलकर गुजरात की और बढ़ने लगा। एक्सपर्ट्स के अनुसार चक्रवात हवा के दवाब के हिसाब से रास्ता बदलते हैं। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है जब किसी चक्रवात ने अपना रास्ता बदला हो।
7 जून सुबह साढ़े 11 बजे तक ये तूफान गोवा तट से 860 किमी, मुंबई से 970 किमी, पोरबंदर से 1050 और कराची से 1350 किमी दूर था।जब ये चक्रवात पैदा हुआ तो इसके रूट को देखकर माना जा रहा था कि ये पाकिस्तान के कराची की ओर बढ़ रहा है। लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ कि बिपरजॉय अचानक से गुजरात की ओर मुड़ गया। आइए बताते हैं। आपको बता दें कि अरब सागर में बिपरजॉय चक्रवात 6 जून को उठा था। शुरुआत में इसका असर केरल में देखने को मिला, जब इसकी वजह से मॉनसून में देरी हुई। बिपरजॉय हफ्तेभर तक पाकिस्तान के कराची की ओर बढ़ रहा था, लेकिन फिर ये रास्ता बदलकर गुजरात की और बढ़ने लगा। एक्सपर्ट्स के अनुसार चक्रवात हवा के दवाब के हिसाब से रास्ता बदलते हैं। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है जब किसी चक्रवात ने अपना रास्ता बदला हो। 8 जून को बिपरजॉय चक्रवात शाम साढ़े 5 बजे तक गोवा से लगभग 860 किमी, मुंबई से 910 किमी दूर था और उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा था। 9 जून सुबह साढ़े 5 बजे तक को बिपरजॉय गोवा से लगभग 820 किमी, मुंबई से 840 किमी, पोरबंदर से 850 और कराची से 1140 दूर था।
10 जून को सुबह साढ़े 11 बजे तक चक्रवात गोवा से लगभग 700 किमी, मुंबई से 620 किमी, पोरबंदर के 590 और कराची के 900 किमी दूर था। 11 जून तक बिपरजॉय मुंबई से 600 किमी, पोरबंदर के 530 और कराची से 830 किमी दूर था। इस वक्त तक कहा जा रहा था कि ये पाकिस्तान के तट से टकराएगा। 12 जून को ये चक्रवात गुजरात के पोरबंदर से 320 किलोमीटर दूर था।जब ये चक्रवात पैदा हुआ तो इसके रूट को देखकर माना जा रहा था कि ये पाकिस्तान के कराची की ओर बढ़ रहा है। लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ कि बिपरजॉय अचानक से गुजरात की ओर मुड़ गया। आइए बताते हैं। आपको बता दें कि अरब सागर में बिपरजॉय चक्रवात 6 जून को उठा था। शुरुआत में इसका असर केरल में देखने को मिला, जब इसकी वजह से मॉनसून में देरी हुई। बिपरजॉय हफ्तेभर तक पाकिस्तान के कराची की ओर बढ़ रहा था, लेकिन फिर ये रास्ता बदलकर गुजरात की और बढ़ने लगा। एक्सपर्ट्स के अनुसार चक्रवात हवा के दवाब के हिसाब से रास्ता बदलते हैं। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है जब किसी चक्रवात ने अपना रास्ता बदला हो। इसी दिन ये अति तीव्र चक्रवाती तूफान में तब्दील हो चुका था। 145 से 155 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही थीं। वहीं आज यानी 13 जून को बिपरजॉय पोरबंदर से 290 किलोमीटर दूर है। इसके चलते सौराष्ट्र और कच्छ तट पर औरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग का कहना है कि 15-16 जून तक ये चक्रवात गुजरात के जखाऊ पोर्ट से टकराएगा। इसे लेकर अलर्ट जारी हो चुका है। 14-15 जून को गुजरात के कच्छ, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, मोरबी, जूनागढ़ और राजकोट बिपरजॉय की चपेट में आ जाएंगे। IMD के अनुसार इन जिलों में 14 और 15 जून को तेज बारिश हो सकती है। वहीं 16 जून के बाद इसका असर नॉर्थ गुजरात से सटे राजस्थान के इलाकों में भी पड़ेगा। बिपरजॉय से निपटने के लिए गुजरात में SDRF की 10 तो NDRF की 12 टीमें तैनात की गई हैं।
बिपरजॉय जब पैदा हुआ था तो माना जा रहा था कि ये पाकिस्तान के कराची में भारी तबाही लेकर आएगा। लेकिन इसका रास्ता बदल गया। लेकिन अभी भी पाकिस्तान के कई समुद्री इलाकों में अलर्ट जारी है। एक सरकारी आदेश में लोगों को समुद्र तटों से दूर रहने के निर्देश दिए गए हैं। कराची के कमिश्नर ने तो बाकायदा आदेश जारी कर समुद्र तटों पर लोगों के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं दक्षिणी सिंध प्रांत में निचले इलाकों में भी बिपरजॉय तबाही मचा सकता है। इन इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।