Sunday, December 22, 2024
HomeIndian Newsआखिर पीएम मोदी और अमित शाह कैसे बने दोस्त?

आखिर पीएम मोदी और अमित शाह कैसे बने दोस्त?

आज हम आपको पीएम मोदी और अमित शाह की दोस्ती के किस्से सुनाएंगे! भारतीय राजनीति की जोड़ी नंबर-1 यानी मोदी और शाह की दोस्ती बहुत पुरानी है। आज से 40 साल पहले अमित शाह पहली बार नरेंद्र मोदी से मिले थे, तब किसी ने नहीं सोचा होगा, कि इन दोनों की यह मुलाकात आगे चल कर एक लंबी दोस्ती में बदल जाएगी। ये बात उन दिनों की है, जब नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक थे। तो अहमदाबाद में आरएसएस के एक कार्यक्रम में उनकी मुलाकात अमित शाह से हुई थी। अमित शाह उस वक्त सिर्फ 17 साल के थे। वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से जुड़े हुए थे। इसके बाद भी संघ के आयोजनों में अमित शाह नरेंद्र मोदी से मिलते रहे। कहते हैं कि आरएसएस में प्रचारक का दायित्व संभाल रहे मोदी को जब बीजेपी में जाने के लिए कहा गया था, तो इस बारे में मोदी ने सबसे पहले अमित शाह को बताया था और उनसे मशविरा किया था। तब अमित शाह एबीवीपी से निकलकर बीजेपी में आ चुके थे और युवा मोर्चा में काम कर रहे थे। 1987 में नरेंद्र मोदी भी बीजेपी में आ गए। फिर अमित शाह नरेंद्र मोदी के ‘मैन फ्राइडे’ बन गए। ‘मैन फ्राइडे’ अंग्रेजी का मुहावरा है जो प्रसिद्ध उपन्यास रॉबिंसन क्रुसो से लिया गया है। इसका मतलब होता है दाहिना हाथ।

यह वह दौर था, जब गुजरात में कांग्रेस की वर्चस्व था। बीजेपी का बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं था। मोदी अहमदाबाद के खानपुर कार्यालय में बैठते थे, वहां से तमाम गतिविधियों को संभालते थे। तो मोदी के तमाम कामों को अमित शाह देखते थे। अमित शाह मोदी के संपर्क में तो थे ही साथ ही साथ ही साथ पार्टी में भी आगे बढ़ रहे थे। वह वार्ड सेक्रेटरी से तालुका सचिव बनने के बाद ऊपर के पदों पर जा रहे थे। अमित शाह जब आरएसएस के संपर्क में आए थे, तब उनकी उम्र महज 16 साल थी। मुंबई में जन्में अमित शाह की पहली कर्मभूमि अहमदाबाद बनी। यह तस्वीर 1989 की है, जिसमें अमित शाह नरेंद्र मोदी के पीछे खड़े हैं और लालकृष्ण आडवाणी पानी पी रहे हैं। 1987 में बीजेपी में आए अमित शाह इस वक्त बीजेपी अहमदाबाद के सचिव थे। इस दौरान उन्होंने राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन और एकता यात्रा का काम बखूबी संभाला था। इसको देखते हुए उन्हें आडवाणी के चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी दी गई। अमित शाह इसमें खरे उतरे। इसके बाद जब अटल बिहारी गांधीनगर से लड़े तो शाह ही उनके चीफ कैंपेनर और चुनाव रणनीतिकार बने। इस चुनाव में भी पार्टी को जीत मिली।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मैन फ्राइडे’ हैं। एक ऐसे शख्स हैं, जो हर काम को करने की काबिलियत और माद्दा रखते हैं। पुरोहित कहते हैं सालों वे ऐसा कर रहे हैं। यही वजह है कि जब मोदी मुख्यमंत्री बने तो वे गृह राज्य मंत्री बने। आज जब वे प्रधानमंत्री हैं तो अमित शाह गृह मंत्री हैं। आज की भारतीय राजनीति में कोई भी अमित शाह के इर्द-गिर्द खड़ा नहीं हो सकता है। वे राजनीतिक प्रबंधन और चुनाव प्रबंधन में बहुत निपुण हैं। उनकी तुलना किसी और से नहीं हो सकती है। पुरोहित कहते हैं कि पीएम मोदी के अलावा गुजरात से दो लोग केंद्र में गए पहले सरदार पटेल, उन्होंने बडे़ और ऐतिहासिक काम किए।अमित शाह ने भी 370 हटाने का बड़ा और ऐतिहासिक काम किया। मोदी-शाह की सफल जोड़ी में नियति ने तो साथ दिया ही है, लेकिन इसमें इनकी कड़ी मेहनत शामिल है।

अमित शाह की अपनी स्टाइल है। इसी वजह से वे राजनीतिक विश्लेषकों के लिए अबूझ पहेली बने हुए हैं।पुरोहित कहते हैं सालों वे ऐसा कर रहे हैं। यही वजह है कि जब मोदी मुख्यमंत्री बने तो वे गृह राज्य मंत्री बने। आज जब वे प्रधानमंत्री हैं तो अमित शाह गृह मंत्री हैं। आज की भारतीय राजनीति में कोई भी अमित शाह के इर्द-गिर्द खड़ा नहीं हो सकता है। वे राजनीतिक प्रबंधन और चुनाव प्रबंधन में बहुत निपुण हैं। उनकी तुलना किसी और से नहीं हो सकती है। पुरोहित कहते हैं कि पीएम मोदी के अलावा गुजरात से दो लोग केंद्र में गए पहले सरदार पटेल, उन्होंने बडे़ और ऐतिहासिक काम किए।अमित शाह ने भी 370 हटाने का बड़ा और ऐतिहासिक काम किया। मोदी-शाह की सफल जोड़ी में नियति ने तो साथ दिया ही है, लेकिन इसमें इनकी कड़ी मेहनत शामिल है। उन्होंने भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नंबर-2 के तौर पर काम किया, लेकिन उन्होंने अपनी एक अलग छवि भी बनाई है। उन्होंने जो काम किया, उसका उन्हें क्रेडिट भी मिला। उत्तर प्रदेश की जीत उनके राजनीतिक जीवन की बड़ी सफलता रही।

Disclaimer:

Mojo Patrakar may publish content sourced from external third-party providers. While we make every reasonable effort to verify the accuracy, reliability, and completeness of this information, Mojo Patrakar does not guarantee or endorse the views, opinions, conclusions, or authenticity of content provided by these third-party entities. Such content is presented solely for informational purposes, and it is not intended to substitute professional advice or to serve as a comprehensive basis for decision-making.

Mojo Patrakar expressly disclaims any liability for errors, omissions, or inaccuracies that may arise from third-party content, as well as any reliance readers may place upon it. Users are strongly encouraged to conduct independent verification and consult with qualified professionals as necessary before making any decisions based on information obtained through Mojo Patrakar.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments