आज हम आपको बताएंगे की गाड़ियों पर टैक्स कैसे दिया जाता है! यदि आप यदि 5.33 लाख रुपये की कार खरीद रहे हैं तो आप 1.75 लाख रुपये टैक्स (Tax) के रूप में देते हैं। यदि आप छह लाख रुपये की कार खरीदते हैं तो आप करीब 2 लाख (1.98 लाख) रुपये टैक्स देते हैं। टोयोटा फॉर्चुनर के टॉप मॉडल की ऑन रोड कीमत करीब 60 लाख रुपये हैं। इसमें जीएसटी, सेस और रोड टैक्स मिलाकर आप करीब 31 लाख रुपये टैक्स के रूप में दे रहे होते हैं। सभी तरह की कारों पर एक समान टैक्स नहीं लगता है। जीएसटी (GST) भले ही सभी कारों पर एक जैसा हो लेकिन सेस की दरें अलग अलग हैं। यह एक फीसदी से लेकर 22 फीसदी तक लगता है। इसी तरह से रोड टैक्स भी अलग-अलग कैटिगरी के व्हीकल पर अलग होता है और हर राज्य में इसके स्लैब्स अलग होते हैं जो पेट्रोल और डीजल इंजन के अलावा उनकी एक्स शोरूम कीमतों के हिसाब से तय किए जाते हैं।
सभी तरह की कारों पर एक समान रोड टैक्स नहीं लगता है। यह कार की कैटिगरी पर निर्भर करता है। यहां हम आसानी के लिए दिल्ली (Delhi Road Tax) का उदाहरण ले रहे हैं। दिल्ली में 6 लाख रुपये तक की पेट्रोल कार पर 4 पर्सेंट टैक्स लगता है। 6 से 10 लाख तक की पेट्रोल कार पर 7 फीसदी और डीजल इंजन वाली कार पर 8.75 पर्सेंट रोड टैक्स लगता है। 10 लाख से ऊपर की पेट्रोल गाड़ियों पर 10 पर्सेंट और डीजल गाड़ियों पर 12.5 पर्सेंट रोड टैक्स लगता है। सभी तरह की कार पर जीएसटी की अलग अलग रेट है। आपको एक नई कार पर कितनी जीएसटी चुकानी होगी, यह इस बात पर निर्भर करेगी कि आप कितनी लंबी कार ले रहे हैं। आपके कार का पावर मतलब कि कितने सीसी का इंजन है। यही नहीं, कार की कीमत पर भी जीएसटी वैरी करता है। मतलब कि ज्यादा लंबी, ज्यादा पावर और ज्यादा महंगी कार तो ज्यादा जीएसटी।
पेट्रोल, सीएनजी, एलपीजी से चलने वाले ऐसे पैसेंजर व्हीकल जिनकी लंबाई 4 मीटर से कम है और इंजन कपैसिटी 1200 सीसी से कम है, उन पर 28 पर्सेंट जीएसटी और 1 पर्सेंट सेस लगता है। यानी कुल 29 पर्सेंट टैक्स लगता है। मारुति सुजुकी ऑल्टो 800 और ऑल्टो के10, वैगन आर, सिलेरियो, स्विफ्ट, डिजायर, रेनॉ क्विड, ह्यूंदै आई10 NIOS, आई20, होंडा अमेज जैसी गाड़ियां इस कैटिगरी में शामिल हैं। सही से समझने के लिए इनमें से ऑल्टो के10 के VXi वेरिएंट को लेते हैं जिसकी एक्स शोरूम कीमत 5.33 लाख रुपये है। इसमें आप कार की कीमत के अलावा 29 पर्सेंट जीएसटी दे रहे हैं। इसके बाद 4 पर्सेंट रोड टैक्स के रूप में देंगे यानी कुल 33 पर्सेंट टैक्स।
इस कैटिगरी में ऐसी कारें आती हैं, जिनकी लंबाई 4 मीटर से ज्यादा है और इंजन कपैसिटी 1500 सीसी से कम है। इन पर 28 फीसदी जीएसटी और 17 पर्सेंट सेस लगता है। यानी कुल 45 पर्सेंट टैक्स। होंडा सिटी, मारुति सुजुकी सियाज, स्कोडा स्लाविया जैसी कारें इस श्रेणी में शामिल हैं। इनकी कीमत अगर 10 लाख रुपये से ज्यादा है तो 10 पर्सेंट रोड टैक्स के रूप में भी देना पड़ेगा। यानी कुल कीमत में से करीब 55 पर्सेंट टैक्स का हो गया।
अब अगर एसयूवीज की बात करें तो इनपर जीएसटी और सेस मिलाकर 50 पर्सेंट तक हो जाता है। ऐसी गाड़ियां जिनकी लंबाई 4 मीटर से ज्यादा, इंजन 1500 सीसी से बड़ा और ग्राउंड क्लियरेंस 169 एमएम से ज्यादा होता है उनपर 28 पर्सेंट जीएसटी के साथ 22 पर्सेंट सेस भी लगता है। महिंद्रा स्कॉर्पियो-एन, XUV700, टाटा सफारी और हैरियर, टोयोटा फॉर्चुनर जैसी गाड़ियां इस सेगमेंट में शामिल हैं। इन गाड़ियों के कीमत 10 लाख से काफी ऊपर ही शुरु होती है। इसलिए इनके पेट्रोल इंजन वाले वेरिएंट्स पर 10 पर्सेंट और डीजल इंजन वाले वेरिएंट्स पर 12.5 पर्सेंट का रोड टैक्स भी लगेगा। ऐसे में इन पर आप 62.5 पर्सेंट तक टैक्स दे रहे होते हैं। हैदराबाद जैसे शहर में ऐसी कोई डीजल एसयूवी पर आप 70 पर्सेंट तक टैक्स दे रहे होते हैं।
हमने यहां जिन टैक्स और सेस की चर्चा की है, उनके अलावा भी कई छोटे-मोटे चार्ज लगते हैं। जैसे दिल्ली में नगर निगम की तरफ से पार्किंग चार्ज वसूला जाता है।इसलिए इनके पेट्रोल इंजन वाले वेरिएंट्स पर 10 पर्सेंट और डीजल इंजन वाले वेरिएंट्स पर 12.5 पर्सेंट का रोड टैक्स भी लगेगा। ऐसे में इन पर आप 62.5 पर्सेंट तक टैक्स दे रहे होते हैं। हैदराबाद जैसे शहर में ऐसी कोई डीजल एसयूवी पर आप 70 पर्सेंट तक टैक्स दे रहे होते हैं। यह चार्ज 4 हजार रुपये तक होता है। पार्किंग चार्ज दिल्ली नगर निगम या एमसीडी को जाता है। 10 लाख से ऊपर की हर गाड़ी पर एक पर्सेंट टीसीएस भी लगता है। ये सारे खर्च गाड़ी की ऑनरोड कीमत में शामिल होते हैं।