नए स्टार्टअप करने के लिए एक शुरुआत की आवश्यकता होती है! जहां देखो वहां आइडिया की बात होती है। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक, न जानें कितनी चीजों को लेकर नए-नए आइडिया आते रहते हैं। वैसे भी हम भारतीय आइडिया में हमेशा आगे रहे हैं। किसी का कोई काम बिगड़ रहा हो तो उसे सही करने का आइडिया देना, कहीं पर कोई सर्विस खराब मिल जाए तो उसे कैसे सही करें, इस बारे में आइडिया देना। साथ में यह कहना कि अगर यह चीज ऐसे हो जाए तो हमारी समस्या दूर हो जाएगी। तो जनाब, परेशानी को दूर करने के लिए ही स्टार्टअप आते हैं।
हममें से काफी लोग स्टार्टअप के बारे में सोचते तो हैं लेकिन सही आइडिया न मिल पाने के कारण आगे नहीं बढ़ पाते। स्टार्टअप के लिए जरूरी है कि ऐसा आइडिया चुनें जो लोगों की परेशानी दूर करे। क्या आपने कभी सोचा था कि ग्रोसरी (किराना) का सामान 10 से 15 मिनट में आपके घर आ जाएगा? लेकिन ऐसा संभव हुआ Blinkit और Zepto जैसे स्टार्टअप से। अगर आप किसी सोसायटी के किसी टावर में 24वें या 25वें फ्लोर पर रहते हैं और नीचे जाकर सोसायटी के बाहर की किसी शॉप से किराने का कोई सामान लाना चाहते हैं तो हो सकता है कि आपको आधा घंटा तक लग जाए। ऐसे में Blinkit और Zepto जैसे स्टार्टअप वह सामान 10 से 15 मिनट में ही आपके घर पहुंचा देते हैं। हां, इसके लिए वे कुछ रकम अतिरिक्त जरूर लेते हैं लेकिन वक्त बचाने के लिए ग्राहक वह रकम आसानी से दे देता है। कई बार इस रकम को देने में उस समय भी अफसोस नहीं रहता जब ऑर्डर किया हुआ सामान पास की किराना शॉप से काफी कम दाम में मिल जाता है। बस, फिर क्या।
आइडिया ऐसा हो जो लोगों की परेशानी कम करे या जिस सर्विस की लोग कमी महसूस करते हैं, उसे पूरी करे। कह सकते हैं कि ग्राहक की जरूरतें पूरी करे यानी मार्केट गैप पूरा करे। मार्केट गैप यानी ग्राहक की जरूरत और मार्केट में उसकी कमी। मान लीजिए कि कहीं बाहर से आप रात को थके-हारे घर पहुंचे। घर में खाने की कोई चीज नहीं है और भूख लग रही है। इतनी हिम्मत भी नहीं है कि घर से बाहर जाकर खा लें या खाना ले आएं। ऐसे में Swiggy और Zomato जैसे स्टार्टअप सामने आए और इन्होंने ग्राहक को 24 घंटे खाना घर तक पहुंचाने की सर्विस शुरू की। अब लोगों को इस बात की कोई चिंता नहीं रहती कि घर जाकर खाने के लिए कुछ है या नहीं। बस, फोन निकालो, ऑर्डर करो और कुछ ही देर में खाना लेकर डिलिवरी बॉय आपके दरवाजे पर होगा।
आइडिया हमेशा उस बारे में ही सोचें जिसमें आपकी रुचि हो। वह इसलिए कि आप उस दिशा में मन लगाकर काम कर पाएंगे और अपना टैलंट अच्छे-से दिखा पाएंगे। हो सकता है कि आपको कोई धांसू आइडिया अंतरिक्ष से जुड़ी किसी चीज में आ जाए लेकिन आपकी रुचि तो नई-नई डिश बनाने की है। ऐसे में अगर आप अंतरिक्ष वाले आइडिया पर काम करेंगे तो सफल होने के चांस बहुत कम रहेंगे। वहीं अगर आइडिया आपकी रुचि के अनुसार होगा तो उसके सफल होने के चांस बहुत ज्यादा रहेंगे। इसलिए उसी क्षेत्र में आइडिया चुनें जिसमें आपकी रुचि हो।
सिर्फ आइडिया आना ही काफी नहीं है। आइडिया में इनोवेशन क्या हो सकता है, इसके बारे में भी सोच-विचार करें ताकि आइडिया और मजबूत बने।
मान लीजिए कि आप ऐप बेस्ड कैब कंपनी शुरू करना चाहते हैं। लोग ओला और उबर ड्राइवर की ओर से कैंसल की जाने वाली ट्रिप से परेशान हैं और ऐसी सर्विस चाहते हैं जिससे उन्हें ऐसी कोई परेशानी न हो। कैब बुक होते ही ड्राइवर बिना कोई सवाल-जवाब किए सीधे लोकेशन पर आए और पैसेंजर को सही सलामत उसके गंतव्य स्थान पर छोड़ दे। अब अगर आप इसमें कोई ऐसा इनोवेशन कर दें जिससे ग्राहक संतुष्ट हो जाए कि जो कैब बुक हुई है, वह 100 फीसदी कैंसल नहीं होगी। ऐसे में आपका स्टार्टअप दौड़ पड़ेगा।
कई बार हमें लगता हैं कि जो आइडिया हमारे दिमाग में आया है, वह अद्वितीय है। इस आइडिया के दम पर स्टार्टअप शुरू करेंगे और कुछ ही समय में दुनिया के सबसे बड़े बिजनेसमैन बन जाएंगे। ऐसा लगभग असंभव है। अगर दिमाग में कोई अच्छा आइडिया आया है तो लोगों के बीच एक सर्वे कराएं। इस सर्वे में लोगों से पूछें कि अगर उन्हें इस तरह की सर्विस मिले (जिसे आप स्टार्टअप के जरिए देने जा रहे हैं) तो क्या वे उस सर्विस को लेना चाहेंगे। साथ में एक ऑप्शन यह भी रखें कि वह उस सर्विस को और बेहतर बनाने के लिए क्या-क्या चीजें चाहते हैं? मान लीजिए, आपके दिमाग में आइडिया आया कि लोगों को घर पर ही ऑर्गेनिक सब्जियां और फल पहुंचाए जाएं। आपने सर्वे के जरिए लोगों से जानना चाहा कि क्या वे ऑर्गेनिक सब्जियां और फल लेना पसंद करेंगे? साथ ही उनसे यह भी पूछा कि वे सर्विस को बेहतर बनाने के लिए क्या चीज चाहते हैं? सर्वे में ज्यादातर लोगों ने कहा कि ऑर्गेनिक सब्जियां और फल देने वाले तो काफी स्टार्टअप हैं, लेकिन उनकी सब्जियां और फल हकीकत में ऑर्गेनिक हैं, यह कैसे पता करें? अब यहां आपको ऐसी सर्विस लोगों को देनी होगी जिससे उन्हें यह भरोसा हो जाए कि आप जो भी सब्जियां और फल दे रहे हो, वे वाकई ऑर्गेनिक हैं। अगर यह कर दिखाया तो आपका स्टार्टअप दौड़ पड़ेगा।
एक अच्छे स्टार्टअप के लिए सही जगह और टारगेट ग्रुप जरूरी है। साेचिए, अगर ओला या उबर छोटे कस्बों या गांवों में शुरू होती तो क्या वह आगे बढ़ पाती? मेडिकल स्टोर से जुड़ा कोई स्टार्टअप किसी अस्पताल के सामने ज्यादा चलेगा या मॉल या सिनेमाहॉल के सामने? अगर आर्टिफिशल जूलरी से जुड़ा कोई स्टार्टअप शुरू करना है तो वह किसके लिए होगा? महिलाओं के लिए या पुरुषों के लिए? अगर महिलाओं के लिए तो किस उम्र की महिलाओं पर ज्यादा फोकस होगा?
फैशन और ग्रूमिंग से जुड़े ऐसे कई स्टार्टअप हैं जो सिर्फ पुरुषों के लिए हैं। इसमें DaMENSCH, The Man Company आदि। इसलिए, स्टार्टअप का चुनाव करते समय सही जगह और टारगेट ग्रुप जरूर ध्यान रखें।
आइडिया का चुनाव करने के बाद यह सोचें कि 5 साल बाद आपके स्टार्टअप का क्या होगा? देश में जिस प्रकार से टेक्नॉलजी बदल रही है, ऐसे में जरूरी है कि आप भी अपने स्टार्टअप को अपग्रेड करने के बारे में सोचें। यहां ध्यान दें, आपको भी समय के साथ बदल रही टेक्नॉलजी सीखनी होगी क्योंकि बिज़नेस आपका है। टेक्नॉलजी में क्या-क्या बदल रहा है और यह बिज़नेस में किस प्रकार का बदलाव लाएगी, इसके बारे में जानने के लिए देश-दुनिया की खबरों में रू-ब-रू रहें। इसलिए रोजाना अखबार पढ़ें और ऐसी वेबसाइट्स भी पढ़ें जो टेक्नॉलजी के बारे में लगातार नई-नई जानकारी देती हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर भी ऐक्टिव रहें।
आपने जिस आइडिया का चुनाव किया है, बेहतर है उसके बारे में अनुभव लें। अगर कुछ समय के लिए कहीं जॉब करके अनुभव ले लें तो बेहतर होगा। जैसे मान लीजिए कि अगर आपको खेती से जुड़ा कोई स्टार्टअप शुरू करना है और आपको खेती का कोई अनुभव नहीं है तो बेहतर होगा कि इसके बारे में सीखें। अगर किसी गांव में जाकर कुछ समय के लिए खेती करें तो सोने पर सुहागा होगा।
दरअसल, अनुभव लेने के बाद अगर स्टार्टअप शुरू किया जाए तो उसकी बारीकियों को आप बेहतर तरीके से समझ सकते हैं। साथ ही उसमें आप कुछ इनोवेशन भी कर सकते हैं।