आखिर सूडान से कैसे वापस आयेंगे भारतीय?

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भारतीयों को सूडान से वापस लाने का पीएम मोदी ने पूरा प्लान बना लिया है! मेरे पति एक भारतीय बिजनसमैन हैं और खार्तूम के होटल में फंस गए हैं। प्लीज, मेरे पति को वहां से निकालने में मदद कीजिए… पिछले कई दिनों से मीनाक्षी अग्रवाल सोशल मीडिया के जरिए अपने पति की सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिए गुहार लगा रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को टैग करते हुए ट्वीट किया कि उन्हें उम्मीद है कि उनके पति को भारत सरकार सूडान से सुरक्षित निकाल लेगी। सूडान में गृह युद्ध छिड़ चुका है। सैनिक आपस में ही लड़ रहे हैं। पिछले दिनों गोली लगने से एक भारतीय नागरिक एक्स-सर्विसमैन अल्बर्ट ऑगस्टीन की मौत हो गई। कई दिनों से खार्तूम में फंसी उनकी पत्नी साईबेला ने अपनी बच्ची और खुद को वहां से निकालने के लिए भारत सरकार से मदद मांगी है। उनके पास पानी और खाना भी खत्म हो गया है। उनके पति का शव मॉर्चरी में है। ऐसे ही सैकड़ों भारतीय परिवार अपने लोगों की वापसी की राह देख रहे हैं। वहां करीब 3000 भारतीय फंसे हो सकते हैं। विदेश मंत्री जयशंकर ने पहले सऊदी, मिस्र समेत कई देशों के साथ बातचीत की, पीएम नरेंद्र मोदी ने इमर्जेंसी बैठक की और इमर्जेंसी प्लान तैयार किया। अब भारतीय जहाज अपनों को लाने निकल पड़े हैं। जी हां, अगर आपका भी कोई अपना सूडान में फंसा है तो टेंशन मत लीजिए। भारतीय वायुसेना के दो सी-130J हरक्यूलिस सैन्य परिवहन विमान सऊदी के जेद्दा में खड़े हैं। नौसेना का एक जहाज सुमेधा इस समय पोर्ट सूडान पर खड़ा है। सरकार ने कहा है कि भारतीयों को निकालने का प्लान तैयार है, जैसे ही जमीन पर सुरक्षा की स्थिति थोड़ी बेहतर होती है, आगे बढ़ा जाएगा। शुक्रवार को पीएम मोदी की बैठक के बाद दो सुपर हरक्यूलिस विमान तैनात करने का फैसला लिया गया। भारतीयों को निकालने के लिए भारत सरकार सूडान अधिकारियों के साथ ही संयुक्त राष्ट्र, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और अमेरिका के संपर्क में है। शनिवार को तीन भारतीयों को सऊदी अरब ने बाहर निकाला है। सूडान सेना ने कहा है कि वह सैन्य विमान से विदेशी नागरिकों और राजनयिकों को निकालने के मिशन में सहयोगी करेगी।

भारत सरकार ने कहा है कि सूडान का एयरस्पेस इस समय विदेशी प्लेन के लिए बंद है। खार्तूम में गोलीबारी हो रही है, ऐसे में सरकार अपने प्लान पर आगे बढ़ने से पहले सही मौके का इंतजार कर रही है। भारतीय दूतावास अपने लोगों के संपर्क में है और उनसे बेवजह जोखिम नहीं लेने को कहा है। अमेरिकी सेना ने हाल में खार्तूम से अपने दूतावास के 100 स्टाफर को एयरलिफ्ट किया है। ऐसे में यह समझना महत्वपूर्ण है कि भारत से जो दो प्लेन और एक जहाज पहुंचे हैं, उनसे कैसे लोगों को निकाला जाएगा। फिलहाल सरकार सही मौके का इंतजार कर रही है क्योंकि गोलीबारी के बीच लोगों को निकालना जोखिम भरा हो सकता है।

सी-130जे सुपर हरक्यूलिस भारतीय वायुसेना का जंबो जेट है। राहत एवं बचाव कार्यों में इस प्लेन की खूब मदद ली जाती है। दो साल पहले जब अफगानिस्तान में भारतीय मूल के लोग फंसे थे तब उन्हें निकालने के लिए भी वायुसेना के सी-130 जे प्लेन को भेजा गया था। इसे दुनिया का सबसे मॉडर्न एयरलिफ्टर कहा जाता है। यह किसी भी मौसम में और थोड़े मुश्किल हालात में भी लैंड कर सकता है। यह एक सामान्य कार्गो प्लेन नहीं है। हवा में ईंधन भरने, पैराड्रॉप सुविधा, निगरानी की क्षमता इसमें विशेष बनाती है। मानवीय संकट हो या राहत पहुंचानी हो यह जंबो जेट पहुंच जाता है। इसमें एक साथ करीब 150 सैनिक अपने साजोसामान के साथ मिशन पर जा सकते हैं। यही दो प्लेन सऊदी अरब के जेद्दा में पहुंचे हुए हैं।

भारतीय नौसेना का यह जहाज मार्च में अल्जीरिया में था। जैसे ही सूडान में संकट गहराया, इस जहाज को हिंसाग्रस्त देश के करीब पहुंचा दिया गया। INS सुमेधा के लिए इलाका कोई नया नहीं है। यह कई बार UAE और आसपास के इलाकों में जा चुका है। इसे मार्च 2014 में कमीशन किया गया था। यह हथियार और सेंसर प्रणाली से लैस है। इससे एक बार में 100 से ज्यादा लोगों को लाया जा सकता है। प्लेन और जहाज दोनों सुपर कैटगरी के हैं। इससे साफ है कि भारत सरकार कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों को सूडान से निकालने की तैयारी में हैं। गोलीबारी कम होने पर राजधानी खार्तूम से लोगों को पोर्ट सूडान लाया जाएगा। जहां से जहाज और एयरफोर्स के प्लेन की मदद से लोगों को स्वदेश लाने का प्लान हो सकता है।