आज हम आपको बतायेंगे की आखिर विपक्ष की सीट शेरिंग कैसे होगी! मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में एक साल पूरा कर लिया है। उनके पहले साल के कार्यकाल में कांग्रेस पार्टी को हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में जीत मिली और दोनों जगह अभी कांग्रेस के मुख्यमंत्री हैं। 81 वर्षीय खरगे को लगता है कि आगामी पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी उनकी पार्टी का डंका बजेगा। लेकिन क्या अगले वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस समेत कुल 28 दलों के नए विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A में सीटों का तालमेल हो पाएगा? इस सवाल पर खरगे कहते हैं कि यह तो होना ही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि गठबंधन दलों के बीच सीटों की साझेदारी के फॉर्म्युले पर पहुंचना बहुत आसान नहीं है, लेकिन इसका रास्ता निकाला जाएगा। उन्होंने कहा, ‘हम 100% सफल नहीं हो सकते, लेकिन 99% सफलता भी कम नहीं है क्योंकि कुछ भी नहीं के मुकाबले कुछ तो बेहतर ही है। इसलिए यह होगा।’ अगले पांच महीनों में गठबंधन किस रूपरेखा पर आगे बढ़ेगी? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी सब कुछ बताना मुश्किल है। उन्होंने कहा, ‘हमारी कार्यसमिति की बैठक है और 16-17 सितंबर को हैदराबाद में चुनाव समिति की बैठक भी है और वहां हम कुछ चीजें तय करेंगे। लेकिन हम एक साथ लड़ रहे हैं, इसलिए हम आठ-नौ जगहों पर जनसभाएं करने जा रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘हमने कई बार सभी नेताओं को एक-एक करके बुलाया है; पहले सब कुछ तैयार किया गया था, जब शरद पवार, नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव और टीआर बालू जैसे प्रमुख नेता यहां आए थे। वे दो बार यहां आए और अंततः हमने सोचा कि हम एकसाथ हर राज्य में जा सकते हैं और फिर पहली बैठक पटना, फिर बेंगलुरु और फिर मुंबई में तय की गई।’ खरगे ने बताया कि गठबंधन में शामिल अलग-अलग पार्टियां सर्वे भी कर रही हैं। खरगे ने कहा कि लोकतंत्र में हम चुप नहीं रह सकते। हमें सरकार की कमियों को उजागर करना होगा। हम एक साथ लड़ रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि इस बार हमें सत्ताधारी गठबंधन एनडीए पर बढ़त मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘जब हम शामिल हुए हैं, तो स्वाभाविक रूप से आंकड़े और मतदान पैटर्न बताते हैं कि अगर हम साथ लड़ेंगे तो हम सफल होंगे।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने रिश्ते पर पूछे गए सवाल पर खरगे ने कहा कि पीएम का आदर करना लोकतांत्रिक संस्कृति का सम्मान है। उन्होंने कहा, ‘हम दुश्मन नहीं हैं। और यदि आप अपने पीएम और अपने स्वयं के सहयोगियों का सम्मान नहीं करते हैं, तो लोकतंत्र में यह अच्छी संस्कृति नहीं है। हां, हम सदन में लड़ेंगे। हम वैचारिक आधार पर लड़ रहे हैं लेकिन वो (पीएम) जिस विचारधारा के लिए लड़ रहे हैं वह गलत है। दलितों, कमजोर वर्गों, आदिवासियों समेत कई नजरिए से उनकी विचारधारा बहुत गलत लगती है।’ खरगे ने संकेतों में पीएम मोदी पर श्रेष्ठता भाव से ग्रसित होने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, ‘कभी-कभी वो पीएम मोदी भूल जाते हैं कि राजनीति में श्रेष्ठता की भावना और ऐसी चीजें नहीं होनी चाहिए। पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी सीधे अटल बिहारी वाजपेयी जी से बात करते थे; पहले यह एक अच्छी परंपरा थी, और आजकल वो नहीं करते हैं।’
सरकार अगर संसद के विशेष सत्र में देश का नाम इंडिया खत्म करके सिर्फ भारत करने का प्रस्ताव लाती है तो क्या कांग्रेस पार्टी इसका समर्थन करेगी? इस सवाल पर खरगे ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा, ‘नहीं, मुझे यह नहीं पता। इसे आने दीजिए, हम देखेंगे।’ उन्होंने इंडिया बनाम भारत के मुद्दे पर कहा कि जब कांग्रेस के सदस्य भारत माता की जय कहते हैं, तब हमारा मतलब क्या होता है? हमने भारत जोड़ो यात्रा निकाली, क्या यह हमने किसी के निर्देश पर किया? हमने भारत जोड़ो यात्रा को गांव-गांव तक 4,500 किलोमीटर की पैदल यात्रा के रूप में प्रचारित किया। उन्होंने मोदी सरकार की कुछ योजनाएं गिनाकर तगड़ा हमला किया। खरगे बोले, ‘अब कोई वोट के लिए कुछ चीजें करने की कोशिश करता है जैसे स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया, स्किल इंडिया और मेक इन इंडिया। वे भारत के नाम का उल्लेख करते हैं और प्रचार करते हैं, और फिर कहते हैं कि उन्हें भारत नाम से नफरत है।’
जी-20 शिखर सम्मेलन की सफलता के बावजूद कांग्रेस की तरफ से आलोचना किए जाने के सवाल पर खरगे ने कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में राजनीति घुसाएंगे तो फिर यह होगा। उन्होंने कहा, ‘उनसे सत्ता पक्ष उम्मीद करता है कि हम हर चीज की तारीफ करें। जब आप इसे राजनीतिक बनाते हैं और उसका लाभ उठाते हैं, तो यह स्वीकार्य नहीं है। यह ऐसा आयोजन है जिसका मौका एक-एक करके हर देश को मिलता है, इसलिए इसके बारे में ज्यादा प्रचार न करें। मैं इसके बारे में ज्यादा चर्चा नहीं करना चाहता। उन्होंने मुझे जी20 में शामिल होने के लिए निमंत्रण नहीं दिया।’ बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी जी20 में शामिल होने का न्योता नहीं दिए जाने के सवाल पर खरगे ने कहा कि उनकी तुलना नड्डा से नहीं की जा सकती है। खरगे ने कहा कि वो विपक्ष के नेता के तौर पर कैबिनेट मंत्री का दर्जा रखते हैं, नड्डा नहीं।