यह सवाल उठना लाजिमी है कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में सीट बंटवारा कैसे होगा! लोकसभा चुनाव का समय करीब आ रहा है और उत्तर प्रदेश में अभी तक विपक्षी गठबंधन के साथियों में यह तय नहीं हो सका है कि किसे कितनी सीटें मिलेंगी। राज्य की 80 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस ने 20m सीटों की मांग की है लेकिन समाजवादी पार्टी को यह मांग जायज नहीं लग रही है। दोनों दलों के नेताओं के बीच बैठक का एक और दौर होगा। बैठक में मौजूद रहे कांग्रेस और सपा के नेताओं में इसी मुद्दे पर बात हुई कि सीटों के बंटवारे का निर्धारण जीत दर्ज करने की संभावना के आधार पर होगा। बात अगर 2019 में हुए पिछले चुनाव की करें तो कांग्रेस को केवल रायबरेली सीट पर ही जीत हासिल हुई थी, जहां से सोनिया गांधी सांसद बनी थीं।
यह बात कांग्रेस और सपा के बीच ही हुई है। मायावती से साफ कह दिया है कि बसपा चुनाव से पहले किसी भी गठबंठन का हिस्सा नहीं बनेगी और नतीजों के बाद विकल्प खुला रखेगी। वहीं रालोद असल में सपा के साथ गठबंधन में है। कांग्रेस के अनुसार सीट शेयरिंग निर्धारण के बाद यह सपा पर निर्भर करेगा कि वह अपने हिस्से की कितनी सीटें जयंत चौधरी को देते हैं। इस बैठक में कांग्रेस की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, सलमान खुर्शीद, आराधना मिश्रा मौजूद रहे। वहीं सपा की तरफ से रामगोपाल यादव, जावेद अली खान और उदयवीर सिंह उपस्थित रहे। अखिलेश यादव ने कहा कि 2024 में पीडीए गठबंधन ही एनडीए को हराएगा। I.N.D.I.A के साथ सीटों के बंटवारे पर उन्होंने कहा कि इस पर जल्द ही फैसला होगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में अखिलेश के शामिल होने की संभावना नहीं है। जब उनसे यात्रा में शामिल होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ना तो कांग्रेस हमें अपने कार्यक्रमों में बुलाती है, ना ही भाजपा।जानकारी के अनुसार यूपी की हर एक सीट को लेकर चर्चा हुई। दोनों दलों ने आंकड़ों के आधार पर हर सीट पर अपनी बात रखी।
इससे पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को पीडीए की प्रथम चरण की यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यात्रा का प्रथम चरण 1 फरवरी तक चलेगा, जो प्रदेश के कई जिलों से होकर गुजरेगी। इस मौके पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि 2024 का साल नया जरूर है पर यह केंद्र की सत्ता परिवर्तन का भी साल है। आज लोकतंत्र खतरे में है। यही नहीं बता दे कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी नीतियों के सबसे बड़े आलोचकों के तौर पर पेश किया है। उन्हें पीएम मोदी के खिलाफ विपक्ष के प्रमुख चेहरे के तौर पर देखा जाता है। बीजेपी की कोशिश राहुल को राजनीतिक रूप से कमजोर करने की है। वह कांग्रेस में राहुल के प्रभाव को कम करना चाहती है। यही वजह है कि हाल के सालों में बीजेपी ने राहुल की टीम से कई युवा नेताओं को शामिल किया है। उन्हें मुख्य पद देकर इनाम भी दिया है। इन नेताओं में ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद और आरपीएन सिंह शामिल हैं। सिंधिया केंद्रीय विमानन मंत्री हैं। प्रसाद योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार में लोक निर्माण मंत्री हैं। वहीं, आरपीएन सिंह को बीजेपी में बड़े पद का इंतजार है।
अखिलेश यादव ने कहा कि 2024 में पीडीए गठबंधन ही एनडीए को हराएगा। I.N.D.I.A के साथ सीटों के बंटवारे पर उन्होंने कहा कि इस पर जल्द ही फैसला होगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में अखिलेश के शामिल होने की संभावना नहीं है। जब उनसे यात्रा में शामिल होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ना तो कांग्रेस हमें अपने कार्यक्रमों में बुलाती है, ना ही भाजपा। इससे पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को पीडीए की प्रथम चरण की यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यात्रा का प्रथम चरण 1 फरवरी तक चलेगा, जो प्रदेश के कई जिलों से होकर गुजरेगी। इस मौके पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि 2024 का साल नया जरूर है पर यह केंद्र की सत्ता परिवर्तन का भी साल है।पिछली बार 2019 में हुए चुनाव में आंकड़ों पर गौर करें तो बीजेपी के खाते में कुल वोट का 49.56 प्रतिशत गया था। वहीं बसपा को 19.26, सपा को 17.96 और कांग्रेस को 6.31 प्रतिशत वोट हासिल हुआ था। हालांकि सपा और बसपा एक साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरे थे। लेकिन चुनाव के बाद फिर से दोनों दलों के बीच खटास आ गई थी।