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आखिर कैसे पहुंचेंगे दिल्ली से देहरादून महज दो घंटे में?
Friday, April 18, 2025
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आखिर कैसे पहुंचेंगे दिल्ली से देहरादून महज दो घंटे में?

अब दिल्ली से देहरादून महज 2 घंटे में पहुंचा जा सकता है! उत्तर प्रदेश से होकर गुजरने वाली एलिवेटेड एक्सप्रेसवे के निर्माण का कार्य तेज हो गया है। इसे पूरा करने के लिए समय सारणी में भी बदलाव किया गया है। पहले एक्सप्रेसवे को मार्च 2024 में पूरा कराए जाने की योजना थी, लेकिन अब कंप्लीशन डेट को रिवाइज कर दिसंबर 2023 कर दिया गया है। मतलब, एक साल का इंतजार और। दिल्ली से देहरादून महज दो घंटे में पहुंच सकेंगे। एलिवेटेड एक्सप्रेसवे होने के कारण इस पर जाम का संकट भी कम होगा। दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे को मार्च 2021 में शुरू कराया जाना था। लेकिन, पर्यावरण विभाग की ओर से एनओसी नहीं मिल पाने के कारण कार्य शुरू होने में देरी हुई। पर्यावरण विभाग की मंजूरी के बाद इस एक्सप्रेसवे के निर्माण की योजना पर काम शुरू हुआ। तेजी से काम चल रहा है। कई स्थानों पर एलिवेटेड एक्सप्रेसवे के लिए पिलर बनाने का कार्य पूरा कर लिया गया है। जहां पर एक्सप्रेसवे का निर्माण जमीन पर होना है, वहां पर प्लेनिंग और मिट्टी का कार्य कराया जा रहा है। दिल्ली से देहरादून के लिए सीधा एक्सप्रेसवे तैयार करने की योजना बनाई गई। वर्ष 2020 में इस एक्सप्रेसवे का प्रस्ताव आया। इस एक्सप्रेसवे का अधिकांश हिस्सा उत्तर प्रदेश से होकर गुजरेगा। दिल्ली से गाजियाबाद होते हुए वाया सहारनपुर यह एक्सप्रेसवे देहरादून तक जाएगी। इस 210 किलोमीटर के स्ट्रेच में 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहनों को चलाने की योजना का प्रस्ताव है। इस आधार पर निर्माण होगा। दिल्ली में वाहनों का दबाव देखते हुए 14 किलोमीटर के भाग में 12 लेन सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। गाजियाबाद के 15 किलोमीटर के भाग में भी चौड़ाई अधिक होगी। इस एक्सप्रेसवे को छह लेन का आगे रखा जाएगा। एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद दिल्ली में यमुनापार और लोनी के जाम से लोगों को मुक्ति मिलेगी। दिल्ली-सहारनपुर मार्ग से होते हुए देहरादून जाने के लिए अभी छह से सात घंटे का समय लग जाता है। लोग अभी देहरादून जाने के लिए दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल करते हैं। इससे इस एक्सप्रेसवे पर वाहनों का दबाव लगातार बढ़ रहा है। दिल्ली- देहरादून 210 किलोमीटर लंबे नए एक्सप्रेसवे के बनने के बाद दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेसवे का जाम खत्म होगा और लोगों का समय बचेगा।

दिल्ली- देहरादून एक्सप्रेसवे का स्टार्ट प्वाइंट अक्षरधाम होगा। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से भी यह एक्सप्रेसवे जुड़ेगा। करीब साढ़े 31 किलोमीटर के इस भाग में लोगों को चढ़ने और उतरने के लिए सात प्वाइंट दिए जाएंगे। अक्षरधाम के साढ़े 5 किलोमीटर बाद गांधीनगर- गीता कॉलोनी में एक्सप्रेसवे पर चढ़ने- उतरने की की सुविधा होगी। 7.4 किलोमीटर बाद आईएसबीटी- दिलशाद गार्डन मार्ग, 9.5 किलोमीटर बाद खजूरी पुस्ता मार्ग और 11.2 किलोमीटर बाद सिग्नेचर ब्रिज मार्ग पर एक्सप्रेसवे पर चढ़ और उतर सकते हैं। यूपी की सीमा में यूपी बोर्ड के तीन किलोमीटर आगे यानी साढ़े 17 किलोमीटर बाद वाहनों के चढ़ने उतरने की व्यवस्था होगी। ईस्टर्न पेरिफेरल से पहले 26वें किलोमीटर में मंडोला के पास एंट्री और एक्जिट प्वाइंट होगा। इसके बन जाने के बाद दिल्ली और गाजियाबाद के साथ-साथ सहारनपुर, बड़ौत, मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, हरिद्वार, शामली एवं हरियाणा के यमुनानगर के लोगों को इसका फायदा मिल जाएगा।

बागपत के खेकड़ा तहसील से भी एक्सप्रेसवे कनेक्ट होगा। इससे बागपत के इलाके से दिल्ली पहुंचने का एक सीधा मार्ग मिलेगा। लोगों को काफी सहूलियत होगी। यहां से रोज लोग दिल्ली काम करने के लिए जाते हैं। उन्हें मंडोला के पास बनने वाले रैंप का भी लाभ मिल जाएगा। एक्सप्रेसवे मंडोला सीधे जुड़ जाएगा। इससे दिल्ली के अक्षरधाम की दूरी महज साढ़े 18 किलोमीटर रह जाएगी। अभी जाम के कारण लोगों को अक्षरधाम पहुंचने में सवा से डेढ़ घंटे का समय लगता है। एक्सप्रेसवे बन जाने के बाद 20 मिनट में यात्रा पूरी हो सकेगी। दिल्ली में एक्सप्रेसवे को पांच मुख्य मार्गों से जोड़ने की योजना है। एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि एक्सप्रेसवे के एलाइनमेंट को इस तरह तैयार किया गया है कि दिल्ली और गाजियाबाद की सभी प्रमुख सड़कों का ट्रैफिक आसानी से इसका इस्तेमाल कर सकेंगे।

दिल्ली- देहरादून एक्सप्रेसवे को रिकॉर्ड समय में तैयार करने की योजना है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने इसे पूरा करने के लिए नई समय सीमा तय की है। पहले मार्च 2024 तक एक्सप्रेसवे को तैयार किए जाने का लक्ष्य था। इसे दिसंबर 2023 कर दिया गया है। प्रोजेक्ट को नई समय सीमा के भीतर पूरा करने का निर्णय लिया गया। इसके नियमित रूप से निर्माण स्थिति की समीक्षा की जाएगी। एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारी सप्ताह में एक बार परियोजना का फिजिकल वेरिफिकेशन करेंगे। साथ ही, हर महीने योजना के तहत 7 से 8 फीसदी निर्माण कार्य पूरा करना होगा। इस पर अमल भी शुरू करा दिया गया है।

नोएडा और गाजियाबाद के अलावा यह एक्सप्रेसवे जुड़ने वाले अन्य इलाकों को दिल्ली के निकट ले आएगा। इससे इन इलाकों में आर्थिक समृद्धि लाने में मदद मिलेगी। दिल्ली- देहरादून एक्सप्रेसवे को दिल्ली- देहरादून इकॉनोमिक कॉरिडोर का भी नाम दिया गया है। पूर्वी दिल्ली को जाम से निजात मिलेगी। इसके अलावा उत्तराखंड और दिल्ली के बीच पश्चिमी यूपी की सीमा में उद्योगों को स्थापित भी कराया जा सकेगा। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश में वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के लक्ष्य को लेकर चल रही है। इसको लेकर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन हो रहा है। योगी सरकार के मंत्री विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए विदेश दौरों पर हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ स्वयं स्विट्जरलैंड का दौरा करने वाले हैं। ऐसे में नया एक्सप्रेसवे यूपी में विकास के एक नए क्षेत्र को खोलने वाला साबित होगा।

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