आखिर क्या कुछ खास है मायावती की राजनीति में?

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आज हम आपको मायावती की राजनीति की खासियत बताने वाले हैं! बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती देश की कद्दावर नेता हैं। वह चार बार उत्‍तर प्रदेश की सीएम रहीं। साल 1995, 1997, 2002 और 2007 में उन्‍होंने सूबे की कमान संभाली। मायावती दक्षिण-पश्चिम दिल्‍ली के इंद्रपुरी की झुग्‍गी-झोपड़ी में कॉलोनी में पली-पढ़ीं। उनके पिता प्रभु दयाल क्‍लर्क और मां रामरती देवी गृहिणी थीं। मूल रूप से मायावती का पैतृक परिवार यूपी के बादलपुर से ताल्‍लुक रखता है। पिता की नौकरी के कारण उनका परिवार दिल्‍ली आ गया था। मायावती को आपने अक्‍सर सूट में ही देखा होगा। ऐसा नहीं है कि उन्‍होंने कभी साड़ी पहनी ही नहीं। लेकिन, एक घटना के बाद उन्‍होंने साड़ी पहनना छोड़ दिया था। यह किस्‍सा बहुत पुराना है। बात मायावती के राजनीतिक सफर के शुरुआती दिनों की है। बुलंदशहर में मायावती और एक जिलाधिकारी के बीच मतपत्र देखने के लिए कहासुनी हो गई थी। मायावती को बुलंदशहर से इलाहाबाद की नैनी सेंट्रल जेल में लाया गया था। दिसंबर 1991 में बसपा सुप्रीमो की लखनऊ हाईकोर्ट में पेशी हुई थी। उस वक्‍त लखनऊ पैसेंजर से दोबारा इलाहाबाद जाते हुए मायावती के एनकाउंटर की साजिश रची गई थी। यह किस्‍सा जिंदा रहते हुए सरवर हुसैन ने सुनाया था। सरवर हुसैन इस दुनिया में नहीं हैं। उनका परिवार इलाहाबाद के नैनी में रहता है। यह परिवार मायावती के शुरुआती राजनीति के दिनों में उनके बहुत करीब था। सरवर हुसैन ने 20 नवंबर 2017 को दुनिया से अलविदा कह दिया था। उनके हवाले से ‘दैनिक भास्‍कर’ ने एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। सरवर हुसैन ने ही मायावती ने उनकी जान बचाई थी।

सरवर हुसैन ने बताया था कि जब ट्रेन प्रयागराज स्‍टेशन के पास खड़ी हुई तो स्‍कॉट के दरोगा ने नीचे उतरकर पैदल चलने के लिए कहा। दरोगा ने मायावती का एनकाउंटर करने की नीयत से रिवॉल्‍वर तान दी थी। तब मायावती ने सरवर से कहा था कि सामने मस्जिद में लोग जुट हुए हैं। वह आवाज लगा दें। वरना ये उन्‍हें मार देंगे। ट्रेन के उसी कोच में आर्मी के कुछ लोग भी सफर कर रहे थे। उन्‍होंने दरोगा को गाली न चलाने की चेतावनी दी। इससे दरोगा डर गया। उसके बाद मायावती को रिक्‍शे पर बैठाकर पुलिसलाइन ले जाया गया। मायावती ने दरोगा के खिलाफ शिकायत भी की थी। जेल से छूटने के बाद मायावती सरवर हुसैन के घर पहुंची थीं। उनके साथ बसपा सांसद रह चुके हरभजन सिंह लाखा भी थे। उन्‍होंने हुसैन के घर में एक दिन बिताया। 28 जनवरी 1992 में मायावती ने हुसैन के परिवार को एक खत लिखा। इसमें उन्‍होंने लिखा था कि उन्‍होंने उनके रिश्‍तेदार का दिया सूट पहना है। अब हमेशा वह सूट ही पहनेंगी।

बता दे कि अन्‍य दलों की तरह बहुजन समाज पार्टी भी लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में जुट गई है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने 30 नवंबर को लखनऊ में पार्टी कैडर की एक मीटिंग बुलाई है। इस दौरान उन्‍होंने लोकसभा चुनाव में मिलीजुली सरकार की संभावना जताई। उन्होंने कहा कि देश और यूपी सहित विभिन्न राज्यों में सरकारों की संकीर्ण, जातिवादी और जनविरोधी नीतियों के कारण राजनीतिक हालात तेजी से बदल रहे हैं। ऐसे में किसी एक पार्टी का वर्चस्व न होकर बहुकोणीय संघर्ष का रास्ता चुनने को लोग आतुर नजर आ रहे हैं। ऐसे में लोकसभा का अगला चुनाव दिलचस्प, संघर्षपूर्ण होने की प्रबल संभावना है। इसमें बसपा की अहम भूमिका होगी।

चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में जोर आजमाइश के बाद बसपा ने लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी सिलसिले में मायावती ने प्रदेश कार्यालय में यूपी और उत्तराखंड के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने अकेले दम पर चुनाव लड़ने के फैसले को अटल बताते हुए जमीनी स्तर पर जनाधार बढ़ाने की बात कही और प्रत्याशी चयन को लेकर निर्देश दिए। उन्होंने संगठन की रिपोर्ट लेने के बाद कमियां दूर करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि कैडर व्यवस्था को मजबूत करें और युवा मिशनरी लोग तैयार करें।

मायावती एक ओर तो अकेले दम पर चुनाव लड़ने की बात कर रही हैं, वहीं मिलीजुली सरकार की आशंका भी जता रही हैं। उसमें बसपा की भूमिका अहम बता रही हैं। अब सवाल यह है कि आखिर बसपा की रणनीति क्या है? हाल ही में हुए चार राज्यों के विधानसभा चुनाव से इस बात को समझा जा सकता है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बसपा ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ समझौता किया। इससे जाहिर है कि I.N.D.I.A. और NDA से पार्टी ने भले दूरी बना रखी है, लेकिन छोटी स्थानीय पार्टियों से कोई परहेज नहीं है। इस तरह बसपा की कोशिश है कि किसी तरह इन राज्यों में अपना पुराना प्रदर्शन बरकरार रख ले या उसमें कुछ और सुधार कर ले। इसके बाद अगर अंतिम समय में कोई संभावना बनती है तो फिर गठबंधन की राह भी खुल सकती है। लोकसभा में कुछ भी सीटें आ गईं तो फिर चुनाव बाद गठबंधन की सरकार में वह शामिल हो सकती है।