आखिर किस नियम के तहत समय पर खत्म हो पाएंगे क्रिकेट मैच?

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आज हम आपको वह नियम बताने वाले हैं जिसके तहत क्रिकेट मैच समय पर खत्म हो जाएंगे! इस साल 2 जून से शुरू होने जा रहे टी-20 वर्ल्ड कप के साथ क्रिकेट की दुनिया में एक नया अध्याय भी जुड़ जाएगा। इंटनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी ICC एक ऐसा नियम लाने जा रही है, जिससे मैच के दौरान समय की बर्बादी खत्म हो जाएगी। नियम इतने सख्त और स्पष्ट होंगे कि बात न मानने वाली टीम पर ऑन द स्पॉट पेनल्टी भी ठोक दी जाएगी। इस नए रूल को स्टॉप क्लॉक नियम के नाम से जाना जाएगा। ‘स्टॉप क्लॉक’ नियम जून 2024 से दुनिया के किसी भी कोने में होने वाले वनडे और टी-20 इंटरनेशनल में स्थायी हो जाएगा। ऐसे में चलिए आपको इस नियम की हर छोटी-बड़ी बात आसान शब्दों में समझाते हैं। स्टॉप क्लॉक’ नियम के अंतर्गत टीम को पेनल्टी रन से बचने के लिए पिछले ओवर के 60 सेकंड के अंदर नया ओवर शुरू करना होता है। यह नियम सबसे पहली बार दिसंबर 2023 में शुरू किया गया। ट्रायल अप्रैल 2024 तक किया जाना था, लेकिन इस ट्रायल के नतीजे साफ दिखायी दे रहे हैं जैसे मैच समय पर खत्म हो रहे हैं, जिससे प्रत्येक वनडे मैच में करीबन 20 मिनट बच रहे हैं।

इसके लिए मैदान पर लगी एक ‘इलेक्ट्रोनिक’ घड़ी 60 से लेकर शून्य तक उलटी गिनती करेगी और थर्ड अंपायर घड़ी शुरू करने का समय तय कर सकता है। फील्डिंग करने वाली टीम के ऐसा नहीं करने पर उसे दो चेतावनी दी जाएगी और इसके बाद के उल्लघंन के लिए हर घटना के लिए पांच रन का जुर्माना लगाया जाएगा। आईसीसी ने हालांकि नियम में कुछ अपवाद भी शामिल किए और ऐसी स्थितियों में शुरू हुई घड़ी को रद्द कर दिया जाएगा। आईसीसी ने अपने आधिकारिक बयान में बताया कि, ‘अगर नया बल्लेबाज ओवरों के बीच में क्रीज पर आता है, आधिकारिक ‘ड्रिंक्स ब्रेक’ तथा किसी बल्लेबाज या फील्डर के इंजर्ड होने की स्थिति में मैदान पर ट्रि्टमेंट किया जाना शामिल है। अगर क्षेत्ररक्षण करने वाली टीम के नियंत्रण से बाहर की परिस्थितियों के कारण समय खराब हुआ हो। इस नियम को तब भी लागू नहीं किया जाएगा।

फील्डिंग करने वाली टीम अक्सर मैच की गति को धीमा करने की कोशिश करती हैं ताकि उन्हें प्लानिंग बनाने के लिए और ज्यादा समय मिल सके और टीम हर बॉल के बाद फील्डिंग में भी बदलाव करती हैं। अभी तक टीम और कप्तान पर ही वित्तीय रूप से जुर्माना जा सकता था, लेकिन यह इसे रोकने में कारगर साबित नहीं हुआ। बता दें कि क्रिकेट में स्कूप शॉट नया नहीं है। सूर्यकुमार यादव से पहले भी क्रिकेट की दुनिया में 360 डिग्री शॉट्स खेलने वाले बैटर आए हैं। बावजूद इसके सूर्य ने जिस तरह जिंबाब्वे के खिलाफ इनिंग्स की आखिरी गेंद पर फास्ट बोलर रिचर्ड एनगरावा की गेंद को खेला, उससे महान सुनील गावस्कर भी हैरान थे। उनके साथी कॉमेंटेटर पॉमी एमबांग्वा तो लगातार कहते रहे कि आखिर यह कैसे संभव है। सूर्य ने लगभग पांचवें स्टंप की पोजिशन पर जाते हुए एक वाइड यॉर्कर को जिस तरह लगभग गिरते हुए फाइन लेग बाउंड्री के बाहर उड़ा दिया, वह चमत्कार ही था।

मैच के बाद रवि शास्त्री ने जब पूछा कि आप कैसे कर लेते हैं यह सब, तो सूर्य का जवाब था कि मैं रबड़ की गेंद से खेलते हुए इस तरह के शॉट्स खेलने का अभ्यास करता था। शास्त्री ने जब और कुरेदा तो सूर्य ने असल बात बताई। उन्होंने कहा, ‘मैं यह जानने की कोशिश करता हूं कि उस समय गेंदबाज क्या सोच रहा है।’ तो क्या सूर्य गेंदबाज का दिमाग पढ़ लेते हैं? भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच और इन दिनों जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम के साथ जुड़े लालचंद राजपूत ने NBT को बताया, ‘सूर्य एक बेहद शार्प क्रिकेटर हैं। उन्हें फील्डिंग पोजिशंस से यह अंदाजा लग जाता है कि गेंदबाज कहां बॉल डालने वाला है। वैसे तमाम क्रिकेटर ऐसा करने की कोशिश करते हैं, मगर शायद इस मामले में सूर्य एक जादूगर की तरह हैं। यह काम आसान नहीं। वह क्रिकेट की दुनिया के जादूगर बन गए हैं।’

मुंबई के रहने वाले राजपूत ने यह भी बताया कि सूर्य ने जो हासिल किया है उसके पीछे बेहद कड़ी मेहनत भी है। वर्ल्ड कप के लिए रवानगी से पहले उन्होंने मुंबई के पारसी जिमखाना क्लब के कोच के साथ घास वाली और बाउंसी पिच पर हर रोज घंटों अभ्यास किया। इसके लिए उन्होंने ‘साइड आर्म्स एक्सपर्ट्स’ की भी मदद ली। लगातार तेज गेंदों को इस तरह से हिट करने के बाद ही वह इस लेवल तक पहुंच पाए हैं। उन्होंने मुंबई के पूर्व क्रिकेटर और पारसी जिमखाना के कोच विनायक माने की लगातार सेवाएं लीं। प्रैक्टिस के दौरान भी सूर्य ने लगातार मैच जैसी स्थिति तैयार करवाया और चैलेंज लिया।