वर्तमान में किसानों को मौसम विभाग ने एक सलाह दी है! मार्च के महीने में हुई बेमौसम बरसात से भले ही दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर-भारत का मौसम सुहाना हो गया हो, लेकिन इस बरसात से किसानों का बहुत नुकसान हुआ है। किसानों की फसल खेतों में झूल गई है, जिससे फसलों की कटाई काफी मुश्किल हो गई है।उधरमौसम की वर्तमान स्थिति को देखते हुए मौसम विज्ञान विभाग ने शनिवार को जम्मू, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के किसानों को पकी हुई फसल ना काटने की सलाह दी है। मौसम विभाग ने पहले से काटी हुई फसलों को सुरक्षित स्थानों में रखने की भी सलाह दी है। इस साल देश में मार्च में अब तक सामान्य से 29% अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिससे किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा है। आईएमडी ने अगले तीन दिनों में पूर्वोत्तर और मध्य भारत में बारिश, आंधी और ओलावृष्टि की संभावना जताई है। हालांकि मौसम विभाग का कहना है कि रविवार से उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश क्षेत्रों में बारिश, आंधी और ओलावृष्टि के मामलों में कमी आने की संभावना है, लेकिन पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौजूदा मौसम ने पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी यूपी और राजस्थान में गेहूं और सरसों सहित खड़ी फसलों को पहले ही नुकसान पहुंचा दिया है। अब तक मध्य भारत में मार्च में सबसे अधिक बारिश हुई है। मध्य भारत में महीने महीने में सामान्य से 207% अधिक संचयी वर्षा हुई है, इसके बाद प्रायद्वीपीय भारत (119% अधिक) और पूर्व और पूर्वोत्तर भारत (22% अधिक) का स्थान है। दूसरी ओर उत्तर-पश्चिम भारत में पिछले सात दिनों से बारिश होने के बावजूद अब तक 17% की कमी दर्ज की गई है।
बेमौसम बरसात, तेज हवाएं और ओलावृष्टि के कारण हरियाणा, पंजाब और यूपी में सर्दियों में बोई गई फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। बुंदेलखंड क्षेत्र में गेहूं और सरसों की फसल को व्यापक नुकसान पहुंचा है। कृषि विशेषज्ञ सुधीर पंवार ने कहा कि बेमौसम बरसात ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आसपास सब्जियों की फसलों को भी प्रभावित किया। लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पंवार ने कहा, ‘किसानों को फसल के नुकसान के त्वरित मूल्यांकन और तत्काल मुआवजे की आवश्यकता है क्योंकि वे अगली फसलों की तैयारी और दैनिक खर्च को पूरा करने में आर्थिक कठिनाई का सामना कर रहे हैं।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार शाम 5.30 बजे से रात 8.30 बजे के बीच पूरी दिल्ली में बारिश हुई। सफदरजंग में 06.6 मिमी बारिश के साथ अधिकतम 32 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और गरज के साथ बारिश हुई। बुंदेलखंड क्षेत्र में गेहूं और सरसों की फसल को व्यापक नुकसान पहुंचा है। कृषि विशेषज्ञ सुधीर पंवार ने कहा कि बेमौसम बरसात ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आसपास सब्जियों की फसलों को भी प्रभावित किया। लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पंवार ने कहा, ‘किसानों को फसल के नुकसान के त्वरित मूल्यांकन और तत्काल मुआवजे की आवश्यकता है क्योंकि वे अगली फसलों की तैयारी और दैनिक खर्च को पूरा करने में आर्थिक कठिनाई का सामना कर रहे हैं।जबकि पालम में 10.4 मिमी बारिश के साथ अधिकतम 46 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गरज के साथ बारिश हुई। राजधानी में सोमवार को अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया गया। सुबह न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 17.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मंगलवार को अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 26 और 16 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है।
मौसम विभाग ने मंगलवार को आसमान में बादल छाए रहने और बूंदाबांदी की भी भविष्यवाणी की है।बुंदेलखंड क्षेत्र में गेहूं और सरसों की फसल को व्यापक नुकसान पहुंचा है। कृषि विशेषज्ञ सुधीर पंवार ने कहा कि बेमौसम बरसात ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आसपास सब्जियों की फसलों को भी प्रभावित किया। लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पंवार ने कहा, ‘किसानों को फसल के नुकसान के त्वरित मूल्यांकन और तत्काल मुआवजे की आवश्यकता है क्योंकि वे अगली फसलों की तैयारी और दैनिक खर्च को पूरा करने में आर्थिक कठिनाई का सामना कर रहे हैं। आईएमडी ने एक बयान में कहा, 20 मार्च को पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में गरज, बिजली/तेज हवाओं के साथ छिटपुट से लेकर व्यापक रूप से हल्की/मध्यम बारिश होने की संभावना है। उत्तराखंड में 21 मार्च को, आंधी, बिजली, तेज़ हवा और ओलावृष्टि की संभावना है। इसके बाद 23 मार्च से इस क्षेत्र में बारिश और गरज के साथ बारिश का एक नया दौर शुरू होने की संभावना है।